Mahilao ko vash me karne ke vashikaran shabar mantra , siddha shabar vashikaran mantra aur shabar mohini mantra se kisi ko bhi vash me kiya ja sakta hai . Vashikaran mantra ka upyog tabhi karna chahiye jab ladki ya mahila line me na aa rahi ho .
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Vashikaran Totke
रविवार को एक पान का बोड़ा लगाय धोबी के घाटपर सन्ध्या समय नग्न होकर खोलकर रखे फिर पानका बीड़ा बनाय कपड़े पहन घर को आवे पीछे न देखे, वह बीड़ा जिस स्त्री को खिलावे वह मोहित होय ।
आकर्षण मन्त्र प्रारम्भ
अ नमः देव आदिरूपाय अमुकस्य आकर्षण कुरु कुरु स्वाहा ॥
काले धतूर का रस गोरोचनमें मिलाय सफेद कनेर की लेखनी से भोजपत्र पर नामके सहित मंत्र लिख खैरकी अग्नि में तपावै तो सौ योजन तकका आकर्षण होय अथवा अनामिका अंगुली के रुधिरसे नाम सहित मन्त्र लिखकर मधुमें डुबा दे तो निश्चय स्त्री तथा पुरुष का आकर्षण होय अथवा मनुष्य की खोपड़ी पर गोरोचन से मन्त्र लिख खैर काष्ठ की अग्नि में तीन सांझ मन्त्र पढ २ कर तपावे तो अरुन्धती-सी स्त्रीको आकर्षण होता है। प्रथम मंत्रका दस हजार जप कर सिद्ध करे |
महा आकर्षण मंत्र
ॐ ए ए ए लं लं लं कंकां क्रीं ठः ठः स्वाहा।
जिसे बुलाना हो उसे मन में ध्यान करके षट- कर्मानुसार मन्त्र पढ़ २ कुलीरापक्षी के मांस का १०८ बार होम करे तो वह उसी समय उपस्थित हो । अन्य - ओं नमः ह्रीं ठं ठः स्वाहा ॥ । यह मन्त्र मङ्गलवार से दश हजार जप सिद्ध करे फिर मूसे की बॉबीकी मिट्टी व सरसों और बिनौला तीन बार मन्त्र पढ़कर जिसे आकर्षण करना हो उसके वस्त्र पर मारे तो अवश्य आकर्षण होय ।
अन्य - ओं नमः भगवते रुद्राय सदृष्टि
Vashikaran Mantra मोहन मन्त्र
ओं नमः भगवते कामदेवं यस्य २ हृदयं भवामि यश्च २ मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा ||
यह मंत्र पहले दशहजार जपकर सिद्ध कर le फिर मनसिला, कपूर को केला के रस में पीसकर तिलक करे तो सर्व लोक मोहित होय । अथवा विल्वपत्र छाया में सुखाकर दुग्धमें पीसकर २१ बार मन्त्र पढ़ तिलक लगाकर जिसके सन्मुख जाय वह क्षण भर में तन मन धनसे मोह जाय ।
अन्य - ओं उड्डामरेश्वराय सर्व जगनोहनाय अं आं इ ई उ ऊ ऋ ॠ ं हुं फट स्वाहा
प्रथम एक लक्ष प्रमाण जपकर सिद्ध करे ।
यह मन्त्र पढ़ सहदेवी के रस में तुलसी के वीज पीसकर रविवार को सात बार मंत्र पढ़कर तिलक करे तो सर्व जगत मोहित होय । अथवा कुंकुम, गोरो- चन सिन्दूरको आंवले के रस में घोटकर तिलक करे तो देखते ही मोहित होय ।
अन्यविधि --- हरिताल अश्वगन्धको कदली (केला) के रस में पीस गोरोचन मिलाय सात वार मंत्र पढ़कर तिलक करे तो राजकुल मोहित होय ।
अन्यविधि - कुटकी, जीरा, श्वेत आकके वीज और मोथा इन चारोंको अपने रुधिरमें पीस तिलक कर जिस स्त्रीके सन्मुख जाय मोहित होय ।
अन्य विधि-रविवार अष्टमीको पांचो अङ्ग बादाम के श्वेत चिरमिटी रत्ती प्रमाण पीस तिलक करे तो स्त्री पुरुष, बालक वृद्ध मोहित होय ।
अन्य विधि -- श्वेत गुंजा के रस में ब्रह्मदण्डी पीस सात बार मंत्र पढ़ देहमें लेपन करे तो सव जगत मोहित होय ।
महामोहन मन्त्र ।
ॐ श्रीं धूं धूं सर्व्व मोहयतु ठः ठः ॥
प्रथम ३००० बार जपकर सिद्ध करे । परिवा के दिन चिंचिक क्षीका पङ्घ लाकर कस्तूरी में पीस १०८ बार मंत्रपढ़ कर तिलक लगाये जो देखे तुरन्त मोहित होय ।
Vashikaran siddha shabar Mantra
ॐ नमः पद्मनी अञ्जन मेरा नाम इस नगरी में जाय मोहूं | सर्व ग्राम मोहूं राज करन्ता राजा सोहूं फर्श पै बैठाय पंचमोहूं। पनघटकी पनिहारी मोहूं। इस नगरीके छत्तीस पवनिया मोहूं । जो कोई मारमार करन्त आवे, उसे नरसिंह वीर नाम पद अंगूठा तर धरे और घेर लावे | मेरी भक्ति गुरुकी शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोबाचा ।
शनि रवि की रात्रि में नरसिंह देव की विधि पूर्वक पूजनकर गुगूल पान सुपारी घृत शङ्कर १०८ बार मंत्र पढ़कर हवन करे तो सिद्ध होय । फिर चन्दन बनका रूई में अपामार्ग (लटजीरा) की जड़ लपेट बत्ती बनाय घृत दीपमें जलाकर काजल बनाकर सातबार मन्त्र पढ़कर नयनमें अञ्जन करे तो जिसकी नजर पड़े वही मोहित होय इसी प्रकार समस्त नगरको मोहित करे ।
अन्य - ॐ नमः अनरुठनी अशव स्थनो महा- राज क्षनो फुट् स्वाहा |
उल्लूपक्षी पंख लाय लेखनी बनाकर बकरा के रक्तसे १०८ मंत्र लीखे और उसे पगड़ी में रख के जिसके सामने जा खड़ा हो मोहित होय ।
Siddhi Shabar Mohini Mantra
ॐ यती हनुमन्त यह जाय मरे घट पिंडका कौन है शौर छत्तीस मयवन परे जेहि दश मोहूं जेहि दश मोहूं गुरुकी शक्ति मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरोवाच ॥
प्रथम वार शनिवारतक प्रतिदिन १४४ बार मंत्र जप करे तथा हनुमानजी की पूजन करके सिद्ध करले फिर चोरास्तेसे सात ककड़ी लेकर १४४ बार मंत्र पढ़के ग्राम्य के मुख्य कूप में डारे तो जो कोई उस कूप- जलको पीवे वही मोहित होय ।
अन्य तेल मन्त्र - तेलसे यह तेल राजा प्रजा पाऊ मेल पोखरी पानी मसको आ लगाय योजि मेरे पाय लगाय हाथ खड़ग बिराजे गले फूलों की माला जानि बिजाने गोरख जाने मेरी गतिको कहै न कोय हाथ पछान सुख धोऊ' सुमिरौं निरञ्जन कार देव हनुमन्त यतो हमारी पति राखे मोहनी दोहनी दोनों fasala बोले तो जीभ मोहूं आश मोहूँ पास नोहूं सब संसार मोहूं निसरू बन्दी देह ललाट, शब्द सांचा फुरो मंत्र ईश्वरो० ॥ दीपमालिका की रात्रि में उलटो घानी श्वेत तिल का तेल निकलवा कर इक्कीस बार मंत्र पढ़ उस तेलको बिन्दी लगावे तो सब जीव मोहित होय ।
सभामोहन मन्त्र ।
कालूं मुंह धोइ करूं सलाम मेरे नैनों सुरमा बसे जो निरखै सो पॉयन पड़े गोसुल आजम दस्तगीर की दुहाई ॥
शुक्रवार के दिन सवालाख गेहूं एक २ कर मंत्र सवालाख पढ़ आंटा पिसवाय धोका हलुवा बनाकर गौसुल आजन को नियाज दे, और स्वयं उसको खाय ७ बार मन्त्र पढ़ सुर्मा लगाकर सभा में जाय तो सभा मोहित होय |
Vashikaran Mantra For Love
अल्लाह बीच हथेली के मुहम्मद बीच कपार, उसका नाम मोहनी जगत मोहे संसार | मोहे करे जो मार भार, उसे मेरे बांये पांवतर डार । जो न माने सुहम्मद पैगम्बर की आन, उस पर मुहम्मद मेरा रसूलिल्लाह ||
शनिवार के दिन से धूप दीप नैवेद्य रख एक एक मन्त्र नित्य दूसरे शनि तक जपे फिर स्त्री के पैर तले की धूल स्त्रीपर डाले वही मोहित हो जाय ।
सर्वोत्तम सभा मोहन मन्त्र ।
ओं नमः आदेश नरसिंह गुरुका ॐ शङ्खाहूली बनमें फली ईश्वर देख गर्व से जाय भूल आवभाव से राजा प्रजा कदम गिराव मङ्गल मोहन वशीकरण मोहन मेरो नाम वे मोहन अमुक के हृदय बसो संग महेसुर गांव चल मोहनी रावल चल जलती अंग बुझावत चल तीन गांव आगे मोह तीन गांव पाछे मोह तीन गांव उत्तर मोह तीन गांव दक्षिन मोह आवते का नजर मोह तखत बैठा राजा मोह पलङ्ग बैठी रानो मोह दर मोह दीवार मोह काजी की अक्ल मोह तू नरसिंह वीर हमारा कार्य्य ना करे तो अपनी मां का दूध पिया हराम करे ॐ ठः ठः ठः ठः ठः स्वाहा ॥
शनिवार को शङ्खाहूलीको न्योता देकर रविवार को इक्कीस मन्त्र पढ़ विधि पूर्वक सात दिन तक नरसिंह देव का पूजन कर चावल घृत शक्कर से १२१ बार हवन कर आरती सातबार उतारके शङ्खा- हूली की गोली बनाकर रख ले। फिर सातबार मंत्र पढ़ पगड़ी में रख सभामें जाय तो सारी सभा मोहित हो । इस मन्त्र को २१ बार पढ़ के मिठाई स्त्री को खिलावे तो स्त्री मोह जाय । और किसीसे कोई कार्य साधना हो तो गोली जल में घिस सात मन्त्र पढ़ तिलक करे तो मनोरथ पूरा होय ।
गुड़ मोहनी मंत्र ।
ॐ नमो आदेश श्रीगुरुको यह गुड़ राती यह गुड़ माती यह गुड़ आवे पांव पड़ती जो मांगूं वही पाऊ सोवत तिरियाको जगाय लाऊं चल अगिया बैताल "अमुकी" के हृदय पैड़ चलावे चाल निशि को चैन न दिन को सुख घुम फिर ताके मेरामुख। जं मकड़ी मकड़ी से टले तो माथ फार दो टूक हो पड़े काला कलवा काली एक कलवा, सोइ धाइ चाटे मोरा तलवा | आंख के पान कवारी बसे धन और जोवन सो खरी पियारी रेत रङ्ग गुड़ में उसे शीघ्र 'अमुकी' आवे फलाना पास हनुमन्तजी के शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा ॥ प्रथम सात शनिवार प्रति शनिको १२१ बार मंत्र पढ़कर वित पूजन करे सिद्ध हो, फिर थोड़ासा गुड़ में अनामिका अंगुठा का रक्त मिला २१ बार मन्त्र पढ़कर जिस स्त्री को दिखावे वही प्राण से मोहित होय ।
Mohini Mantra For Get Love
ओं नमो कामख्या देवीको आदेश जल मोहूं थल मोहूं जङ्गल की हिरणी मोहूँ बाट चलन्ता बटोही मोहूं दरबार बैठा राजा मोहूं पलङ्ग रानी मोहं मोहनी मेरा नाम मोहूं जगत संसार तारा तरीला तोतला तीनों बसे कपाल सिर चढ़े मातु के दुश्मन पामाल करू गात के मोहनी देवी की दोहाई फिरे ।
शनिवार से प्रारम्भ करे २१ दिन तक लगा- तार १४४१ मन्त्र पढ़ कर गुग्गुल हवन करेफिर मिठाई पर २१ बार मन्त्र पढ़ कर जिसे खिलवे मोहित होय ।
तेल मोहन मन्त्र
ॐ नमो मन मोहनी रानी सिंहासन बैठी मोह रही दरबार मेरी भक्ति गुरू का शक्ति दुहाई गौरा पार्वती बजरङ्ग बली को आन नहीं तो लोना चमारी की आन लगे ।
दीपमालिकाकी रात्रि को २०० बार जपकर सिद्ध करे फिर चमेली तेल की बिन्दी लगाकर सभा में जावे तो सभा मोहित हो और जिसे मोहना हो उसके शरीर पर सात मन्त्र पढ़ कर तेल का छीटा दे अवश्य मोहित होय ।
अन्य -- नमो मन मोहनी रानी मोहनी वला सैर को मस्तकधर तेल की दीप जल मोहूं थल मोहूं सब जगत मोहूं औ मोहं मोहनी रानी जा शैय्या बैठी मोहर दरवार गौरा पार्वतीको दोहाई । जोना चमारी को दुहाई फिरे नहीं हनुमन्त की आन ॥ उपरोक्त विधि अनुसार प्रयोग करे इसमें ३२० मन्त्र जपे ।
लौंग मोहनी मन्त्र
ओं नमः आदेश गुरू का लौंग २ तू मेरा भाई तुम्हारी शक्ति चलाई पहलो लौं राती बाती दूजा लौंग जोवन माती तीजी लौंग अङ्ग में राखे चौथी लौंग दूईकर जोड़े चारो लौंग जो मेरी खाय "अमुकी" फट मेरे पास चल आय आदेश देवी कामरू कामाख्या की दुहाई फिरै ॥
इतवार से प्रारम्भ कर लगातार इक्कीस दिन तक प्रतिदिन २१ मन्त्र पढ़कर दीपक पूजन करे फिर चार लौंग ७ मन्त्र पढ़कर जिसे खिलावे वह तन मन से मोहित होय ।
सुपारी मोहन मन्त्र
ओं नमो देव देवेश्वर महारये ठं ठं स्वाहा ॥ एक सौ आठ वार मन्त्र पढ़ चित्ती सुपारी खिलावे मोहित होय ।
अन्य मन्त्र ---- ओं नमः गुरूका आदेश पीर मैं नाथ प्रीतमें माथ जिसे खिलाऊं तिसे मोहित फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा |
सूर्यग्रहण के अवसरपर नाभि पर्यंत तालाब में खड़े होकर सातवार मंत्र पढ़कर १ सुपारी निगल जाय फिर जब पेटमेंसे निकले तो जलसे धोकर दुग्ध धोकर सात मन्त्र पढ़ जिसे खिलावे वही तुरंत मोहित होय
फूल मोहनी मन्त्र
ओं नमो कामरूकामख्या देवी जहां बसे इस्मा- इल योगी योगीने लगाई फुलवारी फूल लोढ़े लोना चमारी एक फूल हंसे दूजे फूल मुसुक्याच तोजे फूल में छोटे बड़े नरसिंह आय जो सूंघे इस फूलकी बास वह चल आवे हमारे पास दुश्मनको जाई जिया फटै मेरी भक्ति गुरू शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा | रविवार से लगातार २१ दिन तक धूप दीप नैवेद्य लौंग पान फूल घर के सुगन्ध पुष्प को घृत में मिलाकर नित्य प्रति १०८ बार हवन करे फिर सुगन्ध पुष्प को साथ मंत्र पढ़ सुंधावे तो मोहित हो चला आवे ।
चम्पा फूल मोहनी मंत्र
ओं नमो आदेश कामरू देश कामाख्या देवो जहां बसे इस्माइल योगी इस्माइल योगीने लगाई 'फुलवारी फूल लोढ़े लोना चमारी एक फूल राती- एक फलमती एक फल हँसी एक फल मुसुकाय तहाँ लगा चम्पाका गाछ चम्पा के गाछ में काला भैरों रहाय जो भूत प्रेत मरे मसान में आवे यह किसके काम आवें टोना टामन के काम पठाऊँ काला भैरों जो लावे मुस्के बाँध बैठी हो तो भगाय लावे सोबती होय तो जगाय लावे वह सोवतो राजा के महलों प्रजा के पलन हों मुझ से लेनी रानी यह फूल दूं जिसके हाथ वह लागे मेरे साथ हमको छोड़ पर घर जाय छाती फाटि वहीं मर जाय इसमें चूके उमाह सूखे लोना चमारी बाहरी योगीके कुण्ड में पड़ जाय वाचा छोड़ कुवाचा जाय तो नरक खार में गिर जाय ।
शनिवार सन्ध्याको जाय चम्पा पेड़ को न्योता दे शाखा में लाल धागा बांध के चला आवे फिर रविवार को जाय वही शाखा फूल सहित ले आवे और धूप दीप गूगुल नैवेद्य रख २१ दिन तक नित्य ७ बार मन्त्र पढ़कर भैरव का पूजन करे फिर मदिरा उरद तेल गुड़ दही भोग लगावे फिर जिसे चम्पा फूल माला सात मन्त्र पढ़ के देवे वह संघते ही मोहकर पास चला आवे .
Vashikaran Tantra For Love
(१) खंजन पक्षी की बीट, मुकखद्योत इन दोनों को पीस टिकिया बनाकर भस्म बनाय जिसके सिर पर छोड़े वही मोहति हो इसमें संशय नहीं ।
( २ ) गरगल पूँछ, काछिव नख और पल और सिगरफ चारों पूर्ण कर जिस कामिनी के सिर पर छोड़े वह अपनो प्यारी होवें ।
(३) काले धतूर के पांचो अङ्ग तथा महिषा रुधिर, पीपल और गूगूल यह सब चूर्ण कर वस्त्रों में धूनी दे पहिर के शत्रु से मिले तो शत्रु मोहित होय ।
( ४ ) भोजपत्र पर रक्त चन्दन द्वारा शत्रु का नाम रविवार के दिन लिखे मधुं (शहद) में डुबो दें तो शत्रु मोहित होय ।
( ५ ) चैत्र मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी को चित्रा नामक पौधा को न्योता देकर फिर नौमी के दिन धूप दे पास रख के नजर मिलावे तो मोहित होय ।
( ६ ) कारी कूकरी जब बिआवे तो रविवार के दिन दध लेकर दो चार लौंग तीन दिन तक भिगोवे फिर तीन दिन तक बीर्यमें रखे फिर उस aौंगको जिसे खिलावे स्त्री हो या पुरुष निश्चय मोहित होय ।
( ७ ) रविवार को एक पान का बोड़ा लगाय धोबी के घाटपर सन्ध्या समय नग्न होकर खोलकर रखे फिर पानका बीड़ा बनाय कपड़े पहन घर को आवे पीछे न देखे, वह बीड़ा जिस स्त्री को खिलावे वह मोहित होय ।
आकर्षण मन्त्र
ॐ नमः देव आदिरूपाय अमुकस्य आकर्षण कुरुकुरु स्वाहा ॥
काले धतूर का रस गोरोचनमें मिलाय सफेद कनेर की लेखनी से भोजपत्र पर नामके सहित मंत्र लिख खैरकी अग्नि में तपावै तो सौ योजन तकका आकर्षण होय अथवा अनामिका अंगुली के रुधिरसे नाम सहित मन्त्र लिखकर मधुमें डुबा दे तो निश्चय स्त्री तथा पुरुष का आकर्षण होय अथवा मनुष्य की खोपड़ी पर गोरोचन से मन्त्र लिख खैर काष्ठ की अग्नि में तीन सांझ मन्त्र पढ २ कर तपावे तो अरुन्धती-सी स्त्रीको आकर्षण होता है। प्रथम मंत्रका दस हजार जप कर सिद्ध करे |
महा आकर्षण मंत्र
ॐ ए ए ए लं लं लं कंकां क्रीं ठः ठः स्वाहा।
जिसे बुलाना हो उसे मन में ध्यान करके षट- कर्मानुसार मन्त्र पढ़ २ कुलीरापक्षी के मांस का १०८ बार होम करे तो वह उसी समय उपस्थित हो । अन्य - ओं नमः ह्रीं ठं ठः स्वाहा ॥ । यह मन्त्र मङ्गलवार से दश हजार जप सिद्ध करे फिर मूसे की बॉबीकी मिट्टी व सरसों और बिनौला तीन बार मन्त्र पढ़कर जिसे आकर्षण करना हो उसके वस्त्र पर मारे तो अवश्य आकर्षण होय ।
अन्य - ओं नमः भगवते रुद्राय सदृष्टि लंपिनाहर स्वाहा कंसासुर की दुहाई |
मङ्गलवार से प्रारम्भ कर दश मङ्गल तक नित्य १२ मंत्र जप दशांश हवन तथा ब्राह्मण भोजन कराय ऊपर लिखे अनुसार प्रयोग करे तो आकर्षित होय ।
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