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टोपीवाला और बंदर की कहानी, Topiwala Aur Bandar Ki Kahani Hindi

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए लेके आये है टोपीवाला और बंदर की कहानी, topiwala aur bandar ki kahani Hindi लेख। यह टोपीवाला और बंदर की कहानी लेख में आपको इस विषय की पूरी जानकारी देने का मेरा प्रयास रहेगा।

हमारा एकमात्र उद्देश्य हमारे हिंदी भाई बहनो को एक ही लेख में सारी जानकारी प्रदान करना है, ताकि आपका सारा समय बर्बाद न हो। तो आइए देखते हैं टोपीवाला और बंदर की कहानी, topiwala aur bandar ki kahani Hindi लेख।

टोपीवाला और बंदर की कहानी, Topiwala Aur Bandar Ki Kahani Hindi

बच्चों को कहानियाँ सुनना बहुत पसंद होता है। कम उम्र में ही हम सही और गलत में फर्क सीख जाते हैं। इस तरह की नैतिक कहानियां बच्चों में नैतिक भावना पैदा करती हैं और उन्हें अच्छे छात्र, देश के नागरिक बनने में मदद करती हैं।

परिचय

बच्चों के रूप में, हम उन प्रेरक और शिक्षाप्रद बातों के बारे में सोचते हैं जो हमारे माता-पिता हमें बताते हैं। हमने कुछ बेहतरीन चीजें बनाई हैं, ताकि आप अपने जीवन में उनका लाभ उठा सकें।

टोपीवाला और बंदर की कहानी

कहा जाता है कि एक बार एक गांव में एक टोपीवाला रहता था। वह अपने पेट पालने के लिए गांव-गांव टोपियां बेचता था। वह रोज सुबह एक बड़ी टोकरी में टोपियां लेकर बाहर जाता था। बेचने के बाद रात तक घर चला जाता था।

एक सुबह वह रंगीन टोपियों की टोकरी लेकर बाहर गया। एक गाँव में टोपियाँ बेचने के बाद वह दूसरे गाँव की ओर जा रहा था।

चलते-चलते वह बहुत थक गया था। इस सड़क पर जंगल भी था। उसने जंगल में एक विवादास्पद पेड़ देखा। उसने एक पेड़ के नीचे आराम करने की सोची। व्यापारी बहुत थक गया था। उसने टोकरियों से भरी एक टोकरी छोड़ी। फिर उसने अपने सिर से टोपी उतारी, नीचे उतारा, अपने गले से दुपट्टा उतारकर फर्श पर रख दिया और उस पर सो गया। इसके बाद टोपीवाला व्यापारी गहरी नींद में सो गया।

जिस पेड़ के नीचे टोपीवाला सो रहा था, उसके नीचे कई बंदर रहते थे। जब वह सो रहा था तो बंदरों ने टोपीवाले की टोकरी खोली। बंदर रंग-बिरंगी टोपियों से खेलने लगे। कई बंदरों के हाथों में टोपियां भी थीं।

बंदरों के कूदने की आवाज आई जिसने टोपीवाले को जगा दिया। जब वह उठा तो चौंक गया। उसकी टोकरी से सारी टोपियाँ गायब हो गई थीं। सभी बंदरों ने अपने हाथों में टोपी लिए हुए व्यापारी की ओर देखा। टोपीवाले ने बंदरों को देखा और सब कुछ समझ गया।

टोपीवाला आदमी चिंतित था। हमने सोचा कि अगर अब हम टोपियां नहीं बेचेंगे तो हमें कितना नुकसान होगा। यह सब सोचकर वह अपना सिर खुजलाने लगा। उसे ऐसा करते देख बंदरों ने भी अपना सिर खुजलाना शुरू कर दिया। यह देखकर आक्रोशित हो उठा।

उसने गुस्से में उसके सिर पर थप्पड़ मार दिया। बंदरों ने भी अपने हाथों से सिर पर मारना चालू कर दिया। बंदरों को ऐसा करते देख टोपीवाले को एहसास हुआ कि बंदर उसकी नकल कर रहे हैं। अब टोपीवाला एक विचार के साथ आता है जिसके द्वारा वह अपनी टोपी वापस पा सकता है।

अब सिर केऊपर अपनी टोपी पहनता है। बंदर भी झट से हाथ में टोपियां पहन लेते हैं। अब टोपीवाले ने टोपी को जमीन पर पटक दिया। बंदरों ने भी टोपीवाले की नकल की और अपनी टोपियां जमीन पर फेंक दीं।

टोपीवाले का आइडिया काम कर गया। उसने जल्दी से सारी टोपियाँ इकट्ठी कर लीं। टोकरी में सारी टोपियाँ डालने के बाद वह तुरन्त दूसरे गाँव में टोपियाँ बेचने चला गया।

कहानी की सिख

हमें स्थिति से भ्रमित होने के बजाय समझदारी से काम लेना चाहिए।

आज आपने क्या पढ़ा

तो दोस्तों, उपरोक्त लेख में हमने टोपीवाला और बंदर की कहानी, topiwala aur bandar ki kahani Hindi की जानकारी देखी। मुझे लगता है, मैंने आपको उपरोक्त लेख में टोपीवाला और बंदर की कहानी हिंदी के बारे में सारी जानकारी दी है।

आपको टोपीवाला और बंदर की कहानी हिंदी यह लेख कैसा लगा कमेंट बॉक्स में हमें भी बताएं, ताकि हम अपने लेख में अगर कुछ गलती होती है तो उसको जल्द से जल्द ठीक करने का प्रयास कर सकें। ऊपर दिए गए लेख में आपके द्वारा दी गई टोपीवाला और बंदर की कहानी हिंदी इसके बारे में अधिक जानकारी को शामिल कर सकते हैं।

जाते जाते दोस्तों अगर आपको इस लेख से टोपीवाला और बंदर की कहानी, topiwala aur bandar ki kahani Hindi इस विषय पर पूरी जानकारी मिली है और आपको यह लेख पसंद आया है तो आप इसे फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।

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