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रेत की बढ़ती किमते घरकुल निर्माण में बन रही है बाधाये




सिहोरा:-  वैनगंगा एवं बावनथडी नदी किनारे पर होने वाले सिहोरा परिसर में रेत ने जान निकाल दी है.  500 मीटर दूरी पर की 

ब्रास रेत 3 हजार रुपए पर पहुंच गयी है.  ट्रैक्टर मालिक पर लगाए जा रहे जुर्माने एवं फौजदारी गुनाह दर्ज किए जाने से

रेत 3000 का आंकड़ा पार कर चुकी है.  बावनथडी नदी के तल को गहरा किया है.  गरीबों का घरकुल इससे समस्या में

आ गया है.    रेत की किल्लत लाभार्थी यों को सता रही है.  तहसील प्रशासन ने ट्रक मालिक पर फौजदारी गुना व जुर्माने की राशि आंकी जाने से उन्होंने रेत का यातायात बंद कर दिया है.

नदी किनारे पर होनेवाले गांव में रेत की आपूर्ति करने के लिए ट्रैक्टर मालिकों ने इनकार किया है.  कुछ ट्रैक्टर मालिक

जोखिम उठाकर रेत की आपूर्ति कर रहे हैं.  लेकिन डर के कारण उन्होंने 1 ब्रास रेत की कीमत 3,000 रुपए रखी है.  नदी किनारे के 500 मीटर दूरी की

रेत ने चार अंकी आंकड़ा पार किया है.  जिससे गरीबों का घरकुल समस्या   में आया है.  बावनथडी नदी किनारे में

मध्यप्रदेश के रेत माफिया ने ठिया जमा रखा है.  पूरा नदी का तल गहरा कर दिया है.  महाराष्ट्र की सीमा में होने वाले डंपिंग यार्ड की रेत भी खत्म कर दी गयी है.  घरकुल लाभार्थियों को व

शासकीय निर्माणकाम पर रेत आपूर्ति व उप्लब्ध करने बाबत अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है.  प्रशासकीय यंत्रणा नियम अनुषंग कारवाई के लिए आगे आ रही है.  किंतु घरकुल लाभार्थियों के संबंध में निर्णय लेते समय सकारात्मक भूमिका नहीं ली

जाती है.  किंतु महंगी रेत से घरकुल का निर्माणकार्य नहीं होगा.  घर की चिंता एवं रेत ने गरीबों की आंखों में आंसू    

ला दिए हैं.  अमीरों को चुटकी बजाते ही रेत उपलब्थ हो रही है.  रायल्टी की एक ट्रक रेत खरीदना मुश्किल हो गया है.  उन्हें ट्रैक्र से रेत आपूर्ति के लिए उपाययोजना करने की मांग शुरू है.   जिले में 54 रेत घाट नीलामी के इंतजार

में है.  घाट नीलामी की दिशा से प्रयास शुरू किए गए हैं.  घरकुल का अनुदान अटक गया है.  महंगाई ने सीमा पार की है, साहित्य महंगे हुए है, रेत ने तो जान ही निकाली है इसे अनेक गांवों में घरकुलों का निर्माणकार्य करने के लिए इनकार किया जा रहा है.  उन्होंने सीधा ग्राम पंचायत को इस बाबत आवेदन

दिया है.  ऐसे घरकुल जरूरतमंदों को देने की मांग की है.  





संपादक चंद्रशेखर भोयर








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