अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की कोयला 2023 रिपोर्ट
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने कोयला 2023 नाम से अपनी वार्षिक कोयला बाजार रिपोर्ट जारी की है।
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रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- वैश्विक कोयले की खपत: साल-दर-साल 4% की वृद्धि के साथ यह 2022 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है ।
- चीन में मांग 6% बढ़ी है जबकि , भारत में 9% बढ़ी, इंडोनेशिया में 32% बढ़ी है ।
- 2023 में कोयले की मांग: 2023 में यह 4% बढ़ रही है।
- 2023 में अधिकांश उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में खपत में तेजी से गिरावट आई, जिसमें यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 20% की रिकॉर्ड गिरावट शामिल है।
- उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में मांग बहुत मजबूत बनी हुई है, 2023 में भारत में 8% और चीन में 5% की वृद्धि होगी।
- 2026 में मांग में गिरावट: मजबूत जलवायु नीतियों को लागू करने वाली सरकारों की अनुपस्थिति में भी, 2023 के स्तर की तुलना में 2026 तक कोयले की मांग में 3% की गिरावट आएगी।
- नवीकरणीय क्षमता का विस्तार: वैश्विक नवीकरणीय क्षमता विस्तार का आधे से अधिक हिस्सा चीन में होने वाला है, जो वर्तमान में कोयले की दुनिया की आधे से अधिक मांग के लिए जिम्मेदार है।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी क्या है?
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA), जिसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है, जिसको 1970 के दशक के मध्य में तेल संकट के समय में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के सदस्य देशों द्वारा 1974 में एक स्वायत्त एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया था।
- IEA का मुख्य ध्यान ऊर्जा नीतियों पर केन्द्रित है, जिसमें आर्थिक विकास, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं।
सदस्य:
- IEA में 31 सदस्य देशों, भारत सहित 13 सहयोगी देशों और 4 परिग्रहण देशों से बना है।
- IEA के लिए एक उम्मीदवार देश को OECD का सदस्य देश होना चाहिए।
स्रोत – आई.ई
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