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Surah Mulk (Tabarakal lazi) In Hindi | सूरह तबारकल्लजी हिन्दी में, फजीलत और तर्जुमा

Surah Mulk Hindi

अस्सलामुअलैकुम दोस्तों ! आज मैं आपको Surah Mulk Hindi Mein, Surah Mulk Ki Fazilat , Tafseer और Surah Al-Mulk से जुड़ी दूसरी मालूमात के बारे में बताने वाला हूं । उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको पसंद आएगी ।

सूरह मुल्क (Surah Mulk) कुरआन पाक की 67 वीं सूरह है । यह 29 वें पारे में है । और यह एक मक्की सूरह है । सूरह मुल्क में 30 आयतें हैं । यह मक्का में इस्लाम के शुरुआती दिनों में नाज़िल हुई थी ।


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Surah Mulk in Hindi -Tabarakallazi 

  1. तबा रकल लज़ी बियदि हिल मुल्क वहुवा अला कुल्लि शय इन क़दीर
  2. अल्लज़ी खलाक़ल मौता वल हयात लियब लुवकुम अय्युकुम अहसनु अमला वहुवल अज़ीज़ुल गफूर
  3. अल्लज़ी खलक़ा सबआ समावातिन तिबाक़ा मातरा फ़ी खल्किर रहमानि मिन तफ़ावुत फ़र जिइल बसरा हल तरा मिन फुतूर
  4. सुम्मर जिइल बसरा कर रतैनी यन्क़लिब इलैकल बसरु खासिअव वहुवा हसीर
  5. वलक़द ज़ैयन्नस समाअद दुनिया बिमसा बीहा वजा अल्नाहा रुजूमल लिश शयातीनि वअअ’तदना लहुम अज़ाबस सईर
  6. वलिल लज़ीना कफरू बिरब बिहिम अजाबू जहन्नम वबिअ’ सल मसीर
  7. इज़ा उल्कु फ़ीहा समिऊ लहा शहीक़व वहिया तफूर
  8. तकादु तमै यज़ु मिनल गय्ज़ कुल्लमा उल्किया फ़ीहा फौजुन सअलहुम खज़ानतुहा अलम यअ’तिकुम नज़ीर
  9. क़ालू बला क़द जाअना नज़ीर फ़कज ज़ब्ना वकुलना मा नज्ज़लल लाहू मिन शयअ’ इन अन्तुम इल्ला फ़ी दलालिन कबीर
  10. व क़ालू लौ कुन्ना नस मऊ औ नअ’किलू मा कुन्ना फ़ी अस हाबिस सईर
  11. फ़अ’तरफु बिज़म बिहिम फ़ सुहक़ल लिअस हाबिस सईर
  12. इन्नल लज़ीना यख्शौना रब्बहुम बिल गैबि लहुम मग फिरतुव व अजरुन कबीर
  13. व असिररू क़ौलकुम अविज हरु बिह इन्नहू अलीमुम बिज़ातिस सुदूर
  14. अला यअ’लमु मन खलक़ वहुवल लतीफुल ख़बीर
  15. हुवल लज़ी जअला लकुमुल अरदा ज़लूलन फमशू फ़ी मना किबिहा वकुलू मुहम्मदन रिज्किह व इलय हिन् नुशूर
  16. अ अमिन्तुम मन फिस समाइ अय यखसिफा बिकुमुल अरदा फ़इज़ा हिया तमूर
  17. अम अमिन्तुम मन फिस समाइ अय युरसिला अलैकुम हासिबा फ़स तअ’लमूना कैफा नज़ीर
  18. वलक़द कज्ज़बल लज़ीना मिन क़बलिहिम फ़कैफा काना नकीर
  19. अवलम यरौ इलत तैरि फौक़हुम साफ़ फातिव व याक्बिज्न मा युम्सिकु हुन्ना इललर रहमान इन्नहू बिकुल्लि शय इम बसीर
  20. अम्मन हाज़ल लज़ी हुवा जुन्दुल लकुम यनसुरकुम मिन दूनिर रहमान इनिल कफिरूना इल्ला फ़ी गुरूर
  21. अम्मन हाज़ल लज़ी यर ज़ुकु कुम इन अम्सका रिज्हक़ बल लज्जू फ़ी उतुव विव वनुफूर
  22. अफ़मय यम्शी मुकिब्बन अला वजहिही अहदा अम्मय यम्शी सविय्यन अला सिरातिम मुस्तक़ीम
  23. कुल हुवल लज़ी अन शअकुम वजा अला लकुमुस समआ वल अबसारा वल अफ इदह क़लीलम मा तश्कुरून
  24. कुल हुवल लज़ी ज़रा अकुम फिल अरदि व इलैहि तुह्शरून
  25. व यक़ूलूना मता हाज़ल वअ’दू इन कुन्तुम सादिक़ीन
  26. कुल इन्नमल इल्मु इन्दल लाहि व इन्नमा अना नजीरुम मुबीन
  27. फ़लम्मा रऔहु जुल फतन सीअत वुजूहुल लज़ीना कफरू व क़ीला हाज़ल लज़ी कुन्तुम बिही तद दऊन
  28. कुल अरा अय्तुम इन अहलका नियल लाहू वमम मइया अव रहिमना फमय युजीरुल काफिरीना मिन अजाबिन अलीम
  29. कुल हूवर रहमानु आमन्ना बिही व अलैहि तवक कलना फ़ सतअ’ लमूना मन हुवा फ़ी दलालिम मुबीन
  30. कुल अरा अय्तुम इन अस्बहा मा उकुम गौरन फ़मय यअ तीकुम बिमा इम मईन

दोस्तों अब हमने Surah Mulk (Tabarakal lazi) In Hindi Mein पढ़ लिया है तो अब Surah Mulk Ka Hindi Tarjuma (Tafseer) जानना जरूरी है ।


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Surah Mulk Ka Tarjuma in Hindi | Tabarakal lazi

  1. जिस (खुदा) के कब्ज़े में (सारे जहाँ की) बादशाहत है वह बड़ी बरकत वाला है और हर चीज़ पर कादिर है ।
  2. जिसने मौत और ज़िन्दगी को पैदा किया ताकि तुम्हें आज़माए कि तुममें से काम में सबसे अच्छा कौन है और वह ग़ालिब (और) बड़ा बख्शने वाला है ।
  3. जिसने सात आसमान तले ऊपर बना डाले, भला तुम्हें ख़ुदा की आफ़रिनश में कोई कसर नज़र आती है तो फिर आँख उठाकर देख भला तुझे कोई शिग़ाफ़ नज़र आता है
  4. फिर दुबारा आँख उठा कर देखो तो (हर बार तेरी) नज़र नाकाम और थक कर तेरी तरफ पलट आएगी।
  5. और हमने नीचे वाले (पहले) आसमान को (तारों के) चिराग़ों से ज़ीनत दी है और हमने उनको शैतानों के मारने का आला बनाया और हमने उनके लिए दहकती हुई आग का अज़ाब तैयार कर रखा है।
  6. और जो लोग अपने परवरदिगार के मुनकिर हैं उनके लिए जहन्नुम का अज़ाब है और वह (बहुत) बुरा ठिकाना है ।
  7. जब ये लोग इसमें डाले जाएंगे तो उसकी बड़ी चीख़ सुनेंगे और वह (जहन्नम) जोश मार रही होगी।
  8. बल्कि गोया मारे जोश के फट पड़ेगी जब उसमें (उनका) कोई गिरोह डाला जाएगा तो उनसे दारोग़ए जहन्नुम पूछेगा क्या तुम्हारे पास कोई डराने वाला पैग़म्बर नहीं आया था ।
  9. वह कहेंगे हाँ हमारे पास डराने वाला तो ज़रूर आया था मगर हमने उसको झुठला दिया और कहा कि ख़ुदा ने तो कुछ नाज़िल ही नहीं किया तुम तो बड़ी (गहरी) गुमराही में (पड़े) हो ।
  10. और (ये भी) कहेंगे कि अगर (उनकी बात) सुनते या समझते तब तो (आज) दोज़ख़ियों में न होते ।
  11. ग़रज़ वह अपने गुनाह का इक़रार कर लेंगे और दोज़ख़ियों को ख़ुदा की रहमत से दूरी है
  12. बेशक जो लोग अपने परवरदिगार से बिना दिखावे, भले डरते हैं उनके लिए मग़फिरत और बड़ा भारी अज्र है ।
  13. और तुम अपनी बात छिपकर कहो या फिर खुल्लम खुल्ला वह तो दिल के भेदों तक से ख़ूब वाक़िफ़ है ।
  14. भला जिसने पैदा किया वह तो बाख़बर और वह तो बड़ा बारीकबीन वाक़िफ़कार है ।
  15. वही तो है जिसने ज़मीन को तुम्हारे लिए नरम (और हमवार) कर दिया तो उसके अतराफ़ व जवानिब में चलो फिरो और उसकी (दी हुई) रोज़ी खाओ ।
  16. और फिर उसी की तरफ क़ब्र से उठ कर जाना है क्या तुम उस शख्स से जो आसमान में (हुकूमत करता है) इस बात से बेख़ौफ़ हो कि तुमको ज़मीन में धँसा दे फिर वह एकबारगी उलट पुलट करने लगे ।
  17. या तुम इस बात से बेख़ौफ हो कि जो आसमान में (बादशाहत करता) है कि तुम पर पत्थर भरी आँधी चलाए तो तुम्हें अनक़रीेब ही मालूम हो जाएगा कि मेरा डराना कैसा है ।
  18. और जो लोग उनसे पहले थे उन्होंने झुठलाया था तो (देखो) कि मेरी नाख़ुशी कैसी थी ।
  19. क्या उन लोगों ने अपने सरों पर चिड़ियों को उड़ते नहीं देखा जो परों को फैलाए रहती हैं और समेट लेती हैं कि ख़ुदा के सिवा उन्हें कोई नहीं थामे रह सकता है । बेशक वह हर चीज़ को देख रहा है ।
  20. भला ख़ुदा के सिवा ऐसा कौन है जो तुम्हारी फ़ौज बनकर तुम्हारी मदद करे काफ़िर लोग तो धोखे ही (धोखे) में हैं भला ख़ुदा अगर अपनी (दी हुई) रोज़ी रोक ले तो ऐसा कौन है जो तुम्हें रिज़्क दे ।
  21. मगर ये कुफ्फ़ार तो सरकशी और नफ़रत (के भँवर) में फँसे हुए हैं भला जो शख्स औंधे मुँह के बाल चले वह ज्यादा हिदायत याफ्ता होगा ।
  22. या वह शख्स जो सीधा बराबर राहे रास्त पर चल रहा हो (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ख़ुदा तो वही है जिसने तुमको नित नया पैदा किया ।
  23. कह दो, "वही है जिसने तुम्हें पैदा किया और तुम्हारे लिए कान और आँखें और दिल बनाए। तुम शुक्रिया थोड़े ही दिखाते हो।"
  24. कह दो कि वही तो है जिसने तुमको ज़मीन में फैला दिया और तुम सब उसी के सामने जमा किए जाओगे ।
  25. कुफ्फ़ार कहते हैं कि अगर तुम सच्चे हो तो (आख़िर) ये वायदा कब (पूरा) होगा ।
  26. (ऐ रसूल) तुम कह दो कि (इसका) इल्म तो बस ख़ुदा ही को है और मैं तो सिर्फ साफ़-साफ़ (अज़ाब से) डराने वाला हूँ ।
  27. तो जब ये लोग उसे करीब से देख लेंगे (ख़ौफ से) काफिरों के चेहरे बिगड़ जाएँगे और उनसे कहा जाएगा ये वही है जिसे तुम माँग रहे  थे ।
  28. (ऐ रसूल) तुम कह दो भला देखो तो अगर ख़ुदा मुझको और मेरे साथियों को हलाक कर दे या हम पर रहम फरमाए तो काफ़िरों को दर्दनाक अज़ाब से कौन पनाह देगा ।
  29. तुम कह दो कि वही (ख़ुदा) बड़ा रहम करने वाला है जिस पर हम ईमान लाए हैं और हमने तो उसी पर भरोसा कर लिया है तो अनक़रीब ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि कौन खुली हुई गुमराही में (पड़ा) हैं ।
  30. ऐ रसूल तुम कह दो कि भला देखो तो कि अगर तुम्हारा पानी ज़मीन के अन्दर चला जाए कौन ऐसा है जो तुम्हारे लिए पानी का चश्मा बहा लाएगा ?

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Surah Mulk PDF Download

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आखिरी बात

दोस्तों ये थी आज की हमारी पोस्ट " Surah Mulk in Hindi, Surah Mulk PDF Download & Surah Mulk Ka hindi Tarjuma " के बारे में । मुझे उम्मीद है कि आपको ये जानकारी पसन्द आई होगी । इसे अपने तमाम दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें क्योंकि अच्छी बात को दूसरों तक पहुंचाना भी सदका-ए-ज़ारिया है । मैं आपसे फिर मिलूंगा अगली पोस्ट में , तबतक के लिए अल्लाह हाफिज़ !



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