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Self Study Kaise Kare : सेल्फ स्टडी कैसे करे

इस पोस्ट में self study kaise kare- के विषय में छात्रों के लिए जानकारी दी गई है। यहां सेल्फ स्टडी के तरीके एवं उपाय समझाये गये है।

बहुत सारे लोग पूछते रहते है कि बिना कोचिंग के कैसे पढ़े; ऐसे लोगों में स्कूल के छात्र हो या फिर कॉलेज के सभी सेल्फ स्टडी का तरीका सीख कर अपने करियर को अच्छा बना सकते है। विशेषकर जो विद्यार्थी सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे है उनके लिए सेल्फ स्टडी रामबाण सिद्ध होती है।

ज्यादातर टॉपर्स सेल्फ स्टडी को प्रेफरेंस देते है।

बिना कोचिंग जाए घर पर परीक्षा की तैयारी करने का तरीका इस लेख में बताया गया है। जो विद्यार्थी धन की कमी या अन्य किसी कारण से कोचिंग नहीं जा सकते है। उनके लिए सेल्फ स्टडी तैयारी का बेस्ट ऑप्शन है। वर्तमान में कोचिंग सेंटर से पढ़ाई करना फैशन बन गया है। कोचिंग के नाम पर पैसों की लूट और समय की बर्बादी हो रही है। लोगों ने कोचिंग सेंटर को बिजनेस बना लिया है। 

बिना कोचिंग जाये भी सेल्फ स्टडी के माध्यम से परीक्षा में सफलता प्राप्त की जाती है। सस्ते इंटरनेट के युग में सभी प्रकार का स्टडी मटेरियल फ्री में इंटरनेट पर उपलब्ध है। 

Self Study Kaise Kare(सेल्फ स्टडी कैसे करे)

self study करने के लिए ये तरीके अपनाएं

  • सबसे पहले सेलेब्स को प्रिंट करा कर उसमें टॉपिक के अनुसार विषय सेलेक्ट करे।
  • विश्वसनीय लेखक की स्टैंडर्ड किताबो को खरीद ले।
  • एक दिन में 2 से 3 विषय पढ़ने का लक्ष्य बनाये। इनके लिए सुबह, दोपहर एवं शाम का समय निर्धारित कर ले। 
  • बचे हुए विषयों को Alternate Day पर पढ़े। ऐसा करने से सारे विषयों का अध्ययन समानांतर चलता है। 
  • पहली रीडिंग में केवल पाठ के कॉन्सेप्ट को समझे। दूसरी रीडिंग में शार्ट नोट्स बनाये।
  • महत्वपूर्ण बिंदुओं को किताब के पन्नों पर हाईलाइट करे या साइड में बचे हुए एक्स्ट्रा जगह में पेन से लिख ले। यह रिवीजन के समय लाभदायक होता है।
  • शार्ट नोट्स को एक निश्चित समय सीमा में रिवाइज करने का लक्ष्य बनाकर समाप्त कर दे।
  • पक्की जानकारी याद रखने के लिए तीसरी बार पुस्तक से सभी विषयों को फास्ट दोहराये। इससे सभी सब्जेक्ट का अच्छा ज्ञान हो जायेगा।
  • स्वयं का आकलन करने के लिए Objective Questions का अभ्यास करें।
  • Mock Test दे और गलत उत्तरों का हल खोज कर उस टॉपिक के लॉजिक को समझ ले।
  • प्रतिदिन अपनी परीक्षा से संबंधित कुछ न कुछ पढ़ते रहे। ऐसा करने से पढ़ने का अभ्यास बना रहता है। मस्तिष्क लम्बे समय तक चीजों का स्मरण रखता है। एक बार पढ़ने का प्रवाह टूट जाने पर, दोबारा शुरू करने में आलस्य एवं मुश्किल होती है।
  • अब प्रत्येक माह रिवीजन और सप्ताह में एक बार मॉक परीक्षा देते रहे। 
  • इस प्रकार 6 माह में सेल्फ स्टडी द्वारा बहुत अच्छी तैयारी हो जाती है। कोचिंग जाने की जरूरत नहीं होती है।

दिनचर्या ठीक कर ले। प्रातः 4 से 6 बजे तक जाग जाये

सेल्फ स्टडी में विद्यार्थी की दिनचर्या ठीक होने से परीक्षा की तैयारी शीघ्रता और सटीकता से हो जाती है। शास्त्रों में विद्यार्थी के लिए प्रातःकाल ब्रहृमूर्त में अध्ययन करने का विधान है। प्राचीन भारतीय गुरुकुल शिक्षा में सभी विद्यार्थी प्रातः 4 बजे उठ जाते थे। जो विद्यार्थी सुबह जल्दी उठकर विद्या अध्ययन करता है। उसकी स्मरण शक्ति साधारण विद्यार्थी से अधिक होती है। इसका कारण यह है कि, प्रातःकाल का समय शांत होता है। ज्यादा शोर शराबा नहीं होता है। रात की नींद लेने का बाद मस्तिष्क फ्रेश ऊर्जा से भरा रहता है। इसलिए प्रातःकाल का पढ़ा हुआ दीर्घ समय तक याद रहता है। 

रात को 9 या 10 बजे तक सो जाये। देर रात तक जागने से पूरी दिनचर्या बिगड जाती है। एक विद्यार्थी के लिए यह असफलता का कारण बनती है। 

प्रत्येक टॉपिक के लिए निश्चित समय निर्धारित करे।

दिमाग की एकाग्रता थोड़े समय में ही भंग हो जाती है। इसलिए सेल्फ स्टडी वाले विद्यार्थी, जब किसी टॉपिक को पढ़ने बैठे तो उसके लिए एक निश्चिच समय सीमा निर्धारित करे ले। छोटे अन्तराल के टार्गेट बनाये। लक्ष्य पूरा होने पर थोड़ा रिलैक्स करे। 

Parallel Study Approach लेकर चले

सेल्फ स्टडी करने वाले विद्यार्थियों को Parallel Study Approach तरीका अपनाना चाहिए। इस तरीके में दिन में एक से ज्यादा विषयों का अध्ययन सुबह, दोपहर और शाम को किया जाता है। बचे हुए सब्जेक्ट को अगले दिन पढ़ा जाता है। ऐसा करने से सभी विषयों की समान्तर तैयार हो जाती है। दूसरे विषय छूटते नहीं। 

सेल्फ शार्ट क्विक रिवीजन नोट्स बनाये

किसी विषय को पढ़ने के साथ उसेक शार्ट नोट्स भी बना ले। यह नोट्स परीक्षा के समय रिवीजन में काम आते है। कम समय में सम्पूर्ण विषयों को दोहराने(revision) के लिए क्विक रिवीजन नोट्स अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होते है। इसलिए सेल्फ स्टडी वाले सभी विद्यार्थी ऐसे नोट्स अवश्य बनाये।

जो छात्र अलग से नोट्स नहीं बनाना चाहते, वे पुस्तकों के पेजो पर बचे हुए खाली जगह में पेन की सहायता से इंपोर्टेंट पॉइंट लिख ले। इससे समय की बचत होती है। 

एक विषय का कम से कम 3 बार रिवीजन करें

किसी भी विषय को पक्का करने के लिए रिवीजन अत्यधिक महत्वपूर्ण है। एक दो बार पढ़ने से केवल विषयों का overview ही मिलता है। परिपक्वता लाने के लिए कम से कम 3 बार रिवीजन अत्यंत आवश्यक है। पहले रिवीजन में काफी समय लगता है। लेकिन दूसरे एवं तीसरे रिवीजन में समय घट जाता है। इसलिए सेल्फ स्टडी वाले छात्रों को 3 बार रिवीजन करना चाहिए। 

Limited स्टडी मैटेरियल से पढ़े

कोचिंग के बिना तैयारी करने वाले के लिए लिमिटेड स्टडी मैटेरियल बेस्ट रहता है। विश्वसनीय पब्लिकेशन के पुस्तके खरीद के केवल उन्ही से सेल्फ स्टडी करें। जरूरत से ज्यादा पुस्तकें लेने से टाइम खराब होता है। पुस्तक का लक्ष्य विषय के कॉन्सेप्ट को समझाना है। सभी पुस्तकों में एक ही विषय को विभिन्न प्रकार से लिखा जाता है। इसलिए ज्यादा बुक्स इकट्ठा करने की जरूरत नहीं। स्टैंडर्ड बुक्स परीक्षा तैयारी के लिए पर्याप्त है।

फ्री स्टडी मैटेरियल के लिए इंटरनेट और यूट्यूब की सहायता ले

सेल्फ स्टडी वाले छात्र जटिल विषयों को समझने के लिए इंटरनेट पर जानकारी खोजे। अगर फिर भी सझन न आये तो यूट्यूब पर वीडियो देख ले। वहाँ पर बहुत सारा स्टडी सामग्री फ्री में उपलब्ध है। किसी एक चैनल को फॉलो कर ले और उसके अनुसार ही तैयारी करते रहे।

पुराने वर्ष के पेपर सेट का अभ्यास करते रहे।

सिलेबस कंप्लीट हो जाने पर सेल्फ स्टडी छात्र, पिछले वर्षों के पेपर का कलेक्शन इकट्ठा कर ले। फिर सप्ताह में कम से कम एक पेपर सेट अवश्य सोल्व करे। इससे परीक्षा का पैटर्न और मुख्य प्रश्नों की जानकारी मिल जाती है। छात्र को अपनी तैयारी लेवल का आकलन भी हो जाता है। जिन प्रश्नों के उत्तर पेपर सेट में हल न हो पाए उनके लिए किताब या नोट्स की सहायता है। ऐसे करने से वह प्रश्न हमेशा के लिए याद हो जाता है।

विद्यार्थी दिन में न सोये

किसी भी प्रकार का विद्यार्थी हो उसके लिए दिन में सोना वर्जित माना जाता है। दिन में सोने से शरीर की थकान कम हो जाती है। जिससे रात में नींद नहीं आती है। और फिर सुबह जगने में देर हो जाती है। इससे छात्र की पूरी दिनचर्या खराब हो जाती है। इसलिए सेल्फ स्टडी वाले विद्यार्थी दिन का पूरा समय अपनी परीक्षा की तैयारी में लगाये। सुबह, दोपहर और शाम में विद्या अभ्यास करते रहे। रात्रि में समय से सो जाये।

सादा भोजन ग्रहण करें।

सेल्फ स्टडी करने वाले छात्रों को सादा भोजन करने से अनेक लाभ प्राप्त होते है। सादे भोजन में हल्के तत्व मौजूद होते है। जिससे छात्र को आलस्य कम आता है। दूसरी तरफ भारी वसा युक्त भोजन करने से बहुत आलस्य आता है। इसलिए हरी सब्जियां , छाछ, गाय का दूध, आदि पौष्टिक भोजन ज्यादा ग्रहण करें। आयुर्वेद के नियमानुसार हल्का भोजन ग्रहण करने से सत्व गुण बढ़ता है। इससे मस्तिष्क की चंचलता दूर होने से एकाग्रता बढ़ जाती है। 

30 मिनट योग प्राणायाम कर ले

प्रतिदिन 15-30 मिनट प्राणायाम करने से बुद्धि तीव्र हो जाती है। अनुलोम विलोम प्राणायाम, भ्रामरी, छात्रों के लिए संजीवनी का कार्य करते है। ये शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाते है। और मन को शांत करते है। इसलिए स्टडी में योग के लाभ प्राप्त कर छात्र सेल्फ स्टडी को बूस्ट कर सकते है। 

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इंटरनेट और सोशल मीडिया से दूर रहे।

पढ़ाई में सबसे ज्यादा बाधक इंटरनेट है। स्मार्टफोन और सोशल मीडिया छात्रों को अपनी रंगभरी दुनिया की ओर आकर्षित करता है। यह छात्र के समय और उनकी एकाग्रता को दीमक की तरह खा जाता है। सोशल मीडिया छात्रों का ध्यान भटकाने का सबसे खतरनाक वर्चुअल हथियार है। इसलिए, सेल्फ स्टडी वाले छात्रों को मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया से दूरी बनानी चाहिए। जरूरत पड़ने पर ही इसका प्रयोग करें।

सेल्फ स्टडी के फायदे

विद्यार्थियों एवं अन्य सभी व्यक्तियों के लिए सेल्फ स्टडी करना अति उत्तम गुण माना जाता है, सेल्फ स्टडी करने से व्यक्ति आत्मनिर्भरता कला को अपने व्यक्तित्व में ग्रहण कर लेता है; सेल्फ स्टडी से बुद्धि तीव्र हो जाती है जिस कारण लॉजिक जल्दी समझ में आने लगते है, इससे व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास पैदा होता है, फलस्वरूप वह व्यक्ति स्वयं से तथ्यों को सीखने व समझने का प्रयास करता है। जो लोग सेल्फ स्टडी अध्ययन करते वे किसी टॉपिक का ज्ञान अन्य लोगों की अपेक्षा शीघ्र ही प्राप्त कर लेते है, क्योंकि जब व्यक्ति स्वयं से किसी चीज को सीखने का प्रयास करता है तो मस्तिष्क दीर्घ काल तक पढ़ी गयी सामग्री को याद रखता है। सेल्फ स्टडी करने वाले छात्र कोचिंग का पैसा एवं समय की बचत कर लेते है, कोचिंग में किसी विषय को संपूर्ण रूप से नहीं पढ़ाया जाता वहाँ केवल महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा की जाती है, परंतु सेल्फ अध्ययन में संपूर्ण विषय का ज्ञान प्राप्त हो जाता है।

गरीब वर्ग एवं जिन व्यक्तियों के पास कोचिंग जाने का समय नहीं है उनके लिए सेल्फ स्टडी से बेहतर कोई अन्य विकल्प नहीं है। धन के अभाव में बहुत सारे छात्र ट्यूशन सेंटर की महंगी फीस का वहन नहीं कर सकते है, इसीलिए सेल्फ स्टडी एसे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। वर्तमान में तो इंटरनेट तकनीक के कारण गूगल एवं यूट्यूब पर फ्री स्टडी मैटेरियल द्वारा बड़ी सरलता से सेल्फ स्टडी की जाती है, विद्यार्थियों की  बहुत बड़ी आबादी इंटरनेट के द्वारा स्वयं लर्निंग द्वारा कम्पीटीशन, बोर्ड परीक्षा, टेस्ट आदि की तैयारी करती है और उसमें सफलता भी प्राप्त करती है। वास्तव में परिश्रमी व्यक्ति सेल्फ स्टडी पर ही अधिक विश्वास करते हो, क्योंकि व्यक्ति द्वारा स्वयं से पढ़ा हुआ वह कभी नहीं भूलता है और  वह व्यक्ति अधिक आत्मविश्वास से दूसरों को भी पढ़ा सकता है।

सेल्फ स्टडी क्या होती है

सरल भाषा में कहे तो, सेल्फ स्टडी स्वयं के माध्यम से किसी विषय को अध्ययन(पढ़ाई) करने की प्रक्रिया को कहते है; सेल्फ स्टडी के द्वारा सभी प्रकार की तथ्य एवं लॉजिक को अपने आप से ही समझना एवं हल करना होता है। इस प्रक्रिया में आरम्भ में कठिन परिश्रम करना पड़ता है, परंतु अभ्यास होने के पश्चात बुद्धि की क्षमता सामान्य से अधिक बेहतर हो जाती है, फलस्वरूप कोई भी नया विषय सरलता से समझ में आने लगता है। सेल्फ स्टडी करने वाले स्वयं ही अपने गुरु होते है वे दूसरों पर निर्भर नहीं रहते है अपने कठोर परिश्रम से ही सफलता प्राप्त करने में विश्वास रखते है. सेल्फ स्टडी में कोचिंग नहीं लेनी पड़ती है, घर बैठे ही अपने से सीखना होता है। 

स्टडी में मन कैसे लगाये

सामान्य विद्यार्थियों के लिए स्टडी में मन लगाना सरल नहीं होता है, उनका मन इधर-उधर भटकता रहता है; इसलिए स्टडी में मन लगाने के लिए धीरे-धीरे अध्ययन का अभ्यास करना होता है। सभी विषयों को दिनचर्या के अनुसार समय प्रदान करना पड़ता है, कॉन्सेप्ट को याद रखने के लिए डेली लाइफ से जोड़कर समझना होता है। इसके अलावा अपने सब्जेक्ट से संबंधित चीजों के सन्दर्भ में प्रतिदिन विचार व डिस्कशन करना पडता है, कुछ माह बाद व्यक्ति को स्टडी में रूचि आनी आरम्भ हो जाती है और उसका मन पढ़ाई में लगने लगता है। सही अर्थ में कहे तो जिस विषय के बारे में हम प्रतिदिन विचार करते है उस विषय में हमारा मन आकर्षित होकर रूचि लेने लगता है; यही सफलता का मन्त्र भी है।

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