आत्मनिर्भर भारत क्या है
आत्म निर्भर का साधारण तह अर्थ है स्वयं के पैरों पर खड़ा होना. दूसरों पर आश्रित नहीं रहना. जैसे कोई सामान मशीनरी भारत में बनाओ, भारत का ही सामान खरीदो और भारत के सामान का दूसरे देशों में निर्यात करो. कहने का साधारण सा मतलब है कि हमारा पैसा हमारे घर में ही रहे ताकि हम समृद्धशाली बने. हमारा भारत समृद्धशाली बने. अगर हम आत्मनिर्भर बनेगे तो हमारा भारत भी आत्मनिर्भर बनेगा. भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर नागरिक को तन्मयता के साथ आलस्य व प्रमाद का त्याग कर काम छोटा हो या बड़ा सभी को एकजुट होकर काम करना होगा. राजनीति खींचतान से उपर उठकर स्वयं हित व देश हित में स्थित होकर काम करना होगा. तभी हम स्वयं को आत्मनिर्भर बना सकेंगे. सरकार का सहयोग और हमारा कर्मयोग ही आत्मनिर्भर भारत का निर्माण व निर्वाण कर सकता है. मोदी जी का आत्मनिर्भर भारत अभियान जल्द ही सफलता को प्राप्त करेगा एवं भारत पुनः विश्वगुरू बनकर विश्व का नेतृत्व करेंगा.
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20 लाख करोड़ का प्रोत्साहन पैकेज क्या है.
प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में संभावित गिरावट को संभालने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. यह राशि हमारी जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है. यह पैकेज कुछ व्यवसायों की आर्थिक परेशानी को भविष्य में दूर करने के लिए बनाया गया है. इससे दीर्घकालिक जोखिम पूंजी को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. इससे कृषि, खनन, बिजली , उद्योग, रक्षा क्षेत्र, विदेशी निवेश, और सभी क्षेत्रों को निजी क्षेत्रों के लिए खोलने में, आने वाले समय में आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा. यह सरकार ने संकट के समय में राजनीतिक रुप से संवेदनशील सुधारो को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ का लेखा जोखा देते हुए बताया कि किन किन मदों पर यह राशि खर्च की जायेगी. 13मई को वित्त मंत्री जी ने 5.94 लाख करोड़ रुपये की खर्च करने की जानकारी दी.यह मुख्यतः छोटे व्यवसायों को कर्ज देने व गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को तथा बिजली कंपनियों को मदद के लिए दी जायेगी.
14मई को वित्त मंत्री जी ने 3.10 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक पैकेज की घोषणा की यह राशि अटके हुए प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक निशुल्क अनाज वितरण और किसानों को कर्ज देने के लिए की गयी.
15मई को वित्त मंत्री जी ने 1.5 लाख करोड़ रुपये की जानकारी दी जिसे खेती के बुनियादी ढांचे को ठीक करने एवं खेती से जुड़े संबंधित क्षेत्रों में खर्च किया जायेगा.
16मई को एवं 17मई को को वित्त मंत्री जी ने संरचनात्मक सुधारों के लिए होने वाले खर्च की जानकारी दी. इनमें कोयला क्षेत्र, खनन क्षेत्र, विमानन, अंतरिक्ष विज्ञान, शिक्षा, रोजगार, व्यवसायों की सहायता, सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के सुधार के लिए, साथ ही सभी राज्यों को अतिरिक्त मदद की जानकारी दी. इन सभी मदों पर 48,100 करोड़ रुपये खर्च की घोषणा की.
वित्त मंत्री जी ने कहा कि सरकार ने 12मई के एलान से पहले लांकडाउन के दौरान राहत पैकेज की शुरुआत कर दी थी.
गरीब कल्याण पैकेज के तहत 1,92,800 करोड़ रुपये के खर्च की योजना बनाई गई थी. इसके साथ ही रिजर्व बैंक आंफ इंडिया ने भी 8,01,603 करोड़ रुपये के सहायता हेतु उपायों का एलान किया था.
इन सभी योजनाओं की राशि मिलाकर भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत के लिए 20,97,053 करोड़ रूपये खर्च करने जा रही है.
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