भारत में किसी नागरिक को सरकार से कोई सवाल पूछना है या फिर कोई जानकारी लेनी है तो उसे RTI लगाने की सलाह दी जाती है। आरटीआई लगाने के कुछ समय बाद ही उन्हें सरकार से लिखित में उसका जवाब मिल जाता है। इंडिया में बहुत से लोग ऐसे भी है जिन्हें नहीं पता होता की RTI क्या होता है? RTI का मतलब और Full Form क्या होती है और आरटीआई ऑनलाइन कैसे लगाई जाती है? आरटीआई एक्ट से संबधित ऐसे सभी जानकारी आगे आपको विस्तार से देंगे, इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़े।
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आरटीआई भारत के नागरिको को सुचना अधिकार देता है। वो सूचना किसी सरकारी काम, किसी कानून को लेकर या अपने अन्य किसी अधिकार से जुडी हो सकती है। उदहारण के लिए आपके गाँव में कोई निर्माण कार्य हुआ है जिसे गाँव के सरपंच द्वारा करवाया गया है और आपको उस निर्माण कार्य कुल लागत और अन्य जानकारी चाहिए तो आप उसके लिए RTI लगा सकते है। जिसके बाद आपके द्वारा मांगी गई जानकारी सीधा सरकार से आपको कुछ समय में ही मिल जाएगी। ये जानकारी संबधित सरकारी विभाग से मिलती है इसलिए इसकी प्रमाणिकता में भी कोई शक नहीं होता।
भारत का सविधान देश के नागरिको को सूचना का अधिकार प्रदान करता है। RTI भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया ऐसा ही एक अधिनियम है जो भारतीय नागरिको के सूचना के अधिकार को लेकर नियम और प्रक्रिया निर्धारित करता है। RTI की मदद से आप किसी भी तरह की जानकारी ले सकते है। इस अधिनियम के आने से सरकार और देश के नागरिको के बीच पारदर्शिता भी बढती है।
सूचना का अधिकार पहले Freedom of Information Act, 2002 के नाम से था जिसे RTI Act से बदला गया था। भारत के संसद में 15 जून, 2005 में RTI ACT पास हुआ था। ये अधिनियम 12 अक्टूबर 2005 प्रभावी रूप से शुरू हुआ था। जिसके बाद से हर रोज हजारो आरटीआई दर्ज होती है जिनका जवाब एक निश्चित समय में नागरिको को दिया जाता है।