योग में वर्णित अर्ध हलासन का अभ्यास पेट की समस्याओं में रामबाण की तरह काम करता है। जो व्यक्ति हलासन का पूर्ण अभ्यास नहीं कर पाते ,उन्हें अर्ध हलासन का अभ्यास करना चाहिए। हलासन का अभ्यास करते समय पैरों को पीछे ले जाया जाता है। जो हर कोई आसानी से नहीं कर सकता ,विशेषतः मोटापे से ग्रसित लोगों को हलासन का अभ्यास एक कष्टकर कार्य लगता है। ये आसन हलासन की आधी क्रिया को पूर्ण करता है।
Ardha Halasana In Hindi | अर्ध हलासन योग
- अर्ध हलासन का अभ्यास किसी शांत और स्वच्छ जगह पर करना चाहिए। इस आसन के अभ्यास हेतु जमीन पर चटाई बिछाकर सीधे शवासन की मुद्रा में लेट जाए।
- दोनों पैरों को एकसाथ जोड़ दे ,और दोनों हथेलियों को अपनी जाँघों पर रख दे।
- एक लंबी श्वास ले ,और घुटनों को ना मोड़ते हुए ,दोनों पैरों को सामान रूप से ऊपर उठाये।
- पैरों को 90 डिग्री के कोण में स्थिर रखे और जितनी देर आप इस अवस्था में रुक सकते है ,रुकने का प्रयत्न करे। इस समय श्वास को अपनी शक्ति अनुसार भीतर ही रोक कर रखे।
- कुछ देर बाद श्वास को छोड़ते हुए पैरों को निचे सामान्य अवस्था में लाये।
- इस आसन को ३ से ५ बार दोहराये।
- यह आसन करते समय आप अपना ध्यान नाभि ,भृकुटि या पैरों के खिंचाव पर केंद्रित कर सकते है।
Health Benefits Of Ardha Halasana | अर्ध हलासन के स्वास्थ्य लाभ
- इस आसन का नियमित अभ्यास पेट को विशेष रूप से प्रभावित करता है।
- यह पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है। मंदाग्नि ,भूक न लगना ,अन्न न पचना ,कमजोरी को दूर करता है।
- रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर भूक में सुधार लाता है।
- इसके अभ्यास से रक्तप्रवाह निचे से ऊपर की और होने लगता है ,जिससे शरीर के प्रत्येक अंगों को शुद्ध प्राणवायु मिलती है।
- संतुलन शक्ति को बढ़ाने के साथ साथ पैरों और जाँघों की मांसपेशियों को मजबूत और शक्तिशाली बनाता है।
- मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों को इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए।
- यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी एवं वसा को कम करता हैं और शरीर में नयी ऊर्जा को उत्पन्न करता है।
- ये आसन वजन कम करने में अत्यंत उपयुक्त है।
- असंतुलित हार्मोन्स को संतुलित बनाये रखता है।
- मल निष्कासन में मदद करता है,और पुराने से पुराने वायुविकारों से मुक्त करता है।
- दिमाग को शांत बनाये रखता है ,अत्यधिक तनाव से बचाता है।
- एकाग्रता क्षमता को बढ़ाकर धारणा को बल देता है।
Precautions For Half Plough Pose | अर्ध हलासन में सावधानी
- इस आसन का अभ्यास उन लोगों के लिए नहीं है ,जो ह्रदय की समस्याओं से पीड़ित है।
- इसके अलावा पीठदर्द और उच्च रक्तचाप की समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों को भी इस आसन से बचना चाहिए।
ध्यान रखने योग्य बाते
- इस आसन का अभ्यास भी बाकी योगासनों की तरह खाली पेट करना चाहिए।
- सुबह सूर्योदय का समय किसी भी योगासन का अभ्यास करने के लिए उपयुक्त समय होता है।
- फिर भी अगर आप शाम के समय योग करते है ,तो भोजन और अभ्यास के बिच कुछ समय का अंतर जरूर रखे।
अब देर ना करे ,आज से ही अपने योगसत्र में अर्ध हलासन को शामिल करे। अगर आपको ये पोस्ट Helpful लगती है ,तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करे। आप अपनी राय Comment Box में दे सकते है।