नीर भरी दुख की बदली, मधुर-मधुर, मेरे दीपक जल, शलभ मैं साफ वर दूं, कौन तुम मेरे हृदय में तोड़ दो, तुम यह क्षितिज श्रीमती…
नीर भरी दुख की बदली, मधुर-मधुर, मेरे दीपक जल, शलभ मैं साफ वर दूं, कौन तुम मेरे हृदय में तोड़ दो, तुम यह क्षितिज श्रीमती…
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