Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

कॉमेडी के बेताज बादशाह - महमूद

कॉमेडी के बेताज बादशाह - महमूद 

                    '' कुंवारा बाप '' !   अरे अरे चौंकिए नहीं, मैंने यह किसी के लिए नहीं कहा। बल्कि 1974 में निर्माता अमरलाल चाबरिया द्वारा निर्मित फिल्म "कुंवारा बाप" की खासकर कॉमेडी के बेताज बादशाह 'महमूद' की याद आते ही उनकी यादगार फिल्म का नाम अनायास ही मुँह से निकल गया। खैर, इस सितारों की भीड़ से भरी फिल्म का निर्देशन स्वयं महमूद ने ही किया था।

                  " कॉमेडी के बेताज बादशाह महमूद '' की इस फिल्म में अभिनेता संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, विनोद मेहरा के आलावा अभिनेत्रियों में मुमताज, योगिता बाली और हेमा मालिनी थी। इसलिए तो महमूद की बेहतरीन फिल्म में सितारों की भीड़ नजर आयी थी। इस फिल्म की अमर लोरी " आ री आजा निंदिया तू " को गाकर किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने अलग ही जान डाली है।  

जन्म : -

                 1940 - 50के दशक के हिन्दी सिनेमा के बड़े सितारें फिल्म तथा मंच अभिनेता मुमताज अली के नौ बच्चों में से सबसे बड़े बेटे महमूद थे। उनकी माताजी का नाम लतीफुनिस्सा अली था। हिन्दी सिनेमा कॉमेडी के बेताज बादशाह महमूद का जन्म का जन्म 29 सितम्बर 1932 में मुंबई में हुआ था।

प्रारम्भिक जीवन:-

          महमूद अली ने अपना फिल्मी जीवन एक बाल कलाकार के रूप में 1943 में निर्देशक ज्ञान मुखर्जी की फिल्म "किस्मत" से की थी। फिल्म "किस्मत" बॉलीवुड की पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी। इस फिल्म मुख्य भूमिका में अभिनेता अशोक कुमार, मुमताज शांति, कनु रॉय, तथा कमला कुमारी थे।

बॉलीवुड की पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म '' किस्मत '' का पोस्टर    
         

            बाल कलाकार की भूमिकाएँ करने के पश्चात अभिनेता का सफर तय करने से पहले महमूद ने अनेक छोटे-छोटे काम भी किये है। यहाँ तक कि उन्होंने वाहन चालक का कार्य किया था।

         अपने इसी संघर्ष के दौरान हिन्दी सिनेमा जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री ट्रैजेडी क्वीन मीना कुमारी को टेबल टेनिस सिखाने के लिए उन्हें नौकरी पर रखा गया था। मीना कुमारी को टेबल टेनिस सिखाने के दौर में ही महमूद ने मीना कुमारी की बहन मधु से विवाह रचा लिया था।



महमूद को पहला ब्रेक : -

                        1953 में निर्माता-निर्देशक बिमल रॉय की फिल्म "दो बीघा जमीन" और 1957 में निर्माता-निर्देशक गुरुदत्त की विश्व की सर्वश्रेष्ठ फिल्म "प्यासा" में संघर्ष के पश्चात छोटी-मोटी भूमिका निभाई थी।

                 महमूद को बॉम्बे सिनेमा में पहला ब्रेक 1958 में निर्देशक एस. बेनर्जी की राजकपूर और माला सिन्हा अभिनीत फिल्म "परवरिश" में राजकपूर के भाई का किरदार निभाने का अवसर प्राप्त हुआ था। 1966 में बनी फिल्म "प्यार किये जा" जिसमे किशोर कुमार, शशि कपूर, कल्पना, मुमताज और ओमप्रकाश की प्रमुख भूमिका थी।

            निर्माता एल. वी. प्रसाद और निर्देशक टी. प्रकाश राव की 1961 में बनी फिल्म "ससुराल" , 1966 में निर्माता-निर्देशक प्रमोद चक्रवर्ती की फिल्म "लव इन टोक्यो" और1964 की फिल्म "ज़िद्दी" ने महमूद को लोकप्रियता की मंजिल पर पहुँचाया।

        उनकी की कॉमेडी ने उन्हें लोकप्रियता की मंजिल तय करने में सहायता प्रदान की है। महमूद साठ-सत्तर के दशक के हिन्दी सिनेमा की कॉमेडी के बेताज बादशाह के मुकाम पर विराजमान हो गए।

बतौर निर्माता : -                        

'' छोटे नवाब '' फिल्म का पोस्टर
          
 '' पड़ोसन '' फिल्म का पोस्टर
                    महमूद ने बतौर निर्माता के रूप में होमप्रोडक्शन की फिल्म "छोटे नवाब" [1961] में बनाई जिसका निर्देशन एस.ए. अकबर ने किया था। इस फिल्म में अमिता, मीनू मुमताज, जॉनी वॉकर, नासिर हुसैन, हेलेन और अचला सचदेव आदि कलाकारों ने भूमिका निभाई थी।

               "छोटे नवाब" के पश्चात महमूद ने अपने होमप्रोडक्शन की बतौर निर्देशक एक सस्पेंस कॉमेडी की फिल्म "भूत बंगला" [1965] में बनायी। जिसमे महमूद के अतिरिक्त अभिनेत्री तनूजा थी। अन्य भूमिका में नज़ीर हुसैन, नाना पलशीकर, असित सेन और जगदीश राज थे।

             कॉमेडी के बेताज बादशाह महमूद ने किशोर कुमार से अपनी किसी फिल्म में भूमिका देने की इच्छा व्यक्त की थी। तब किशोर कुमार ने कहा था कि "वह ऐसे किसी व्यक्ति को मौका कैसे दे सकते है? जो भविष्य में उन्हें चुनौती दे।"

         हिन्दी सिनेमा के लोकप्रिय महमूद ने किशोर कुमार के इस व्यक्तव्य पर कहा था कि "एक दिन मैं भी बड़ा फिल्मकार बन जाऊँगा और आपको अपनी फिल्म में अवसर दूंगा।"

       महमूद ने अपनी बात को साबित करते हुए 1968 में होमप्रोडक्शन द्वारा निर्मित फिल्म "पड़ोसन" में किशोर कुमार को अवसर प्रदान किया।  "पड़ोसन" फिल्म बहुत हिट साबित हुई, जिसका गीत-"मेरे सामने वाली खिड़की में—" आज भी सुना जाता है।

महमूद की प्रमुख फ़िल्में : -                 

                       फिल्म  '' पति - पत्नी '' [1966], '' गुनाहों का देवता '' [1967], '' अराउंड द वर्ल्ड '' [1967], '' पत्थर के सनम '' [1967], '' साधू और शैतान '' [1968], '' औलाद '' [1968], '' आँखे '' [1968], '' बड़ी दीदी '' [1969], '' अनोखी अदा '' [1973], '' हरफन मौला '' [1976], '' देस परदेस '' [1978], '' खंजर '' [1980], '' एक नई पहेली '' [1984], '' प्यार मोहब्बत '' [1988], '' पेट प्यार और पाप '' [1984],'' जोहर महमूद इन हांगकांग '' [ 1971], '' जोहर महमूद इन गोवा '' [1965], '' सबसे बड़ा रुपय्या '' [1976], '' जिन्नि और जॉनी '' [1976], '' दो फूल '' [1973], '' कुंवारा बाप '' [1974], '' मै सुन्दर हूँ '' [1971], '' हमजोली '' [1970], '' साधू और शैतान '' [1968], '' बॉम्बे टू गोवा '' [1972] और '' पत्थर के सनम '' [1967] ऐसी अनेक फ़िल्में महमूद ने की है। 

                     निर्देशक के रूप में कॉमेडी के बेताज बादशाह महमूद की अंतिम फिल्म '' दुश्मन दुनिया का '' 1996 में बनी इस फिल्म में महमूद ने अपने बेटे मंजूर अली को फिल्मी दुनिया के पर्दे पर उतारा था।  

             कॉमेडी के बेताज बादशाह महमूद  को 1975 फिल्म '' वरदान '' , 1969 में फिल्म '' वारिस '', 1971 में फिल्म '' पारस '', 1966 में फिल्म '' प्यार किये जा '' और 1962 में फिल्म '' दिल तेरा दीवाना '' के लिए फिल्म फिल्मफेयर का सन्मानित अवार्ड प्राप्त हुआ है।        
              कॉमेडी के बेताज बादशाह कुछ वर्षों से हृदयरोग से पीड़ित थे, इसी के चलते 23 जुलाई 2004 में अमरीका के पेन्सिल्वेनिया में नींद में ही निधन हो गया था।    

 






This post first appeared on MAKEINMEEZON, please read the originial post: here

Share the post

कॉमेडी के बेताज बादशाह - महमूद

×

Subscribe to Makeinmeezon

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×