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Depression क्या होता है? जानिए इसके लक्षण, कारण व बचाव के उपाय

About Depression meaning in Hindi: वर्तमान समय की व्यस्तता और आपाधापी भरी जीवनशैली में हर कोई तनाव, चिंता और डिप्रेशन से ग्रस्त है। दरअसल हम और आप बहुत कुछ प्राप्त करना चाहते हैं जिसके लिए अलग-अलग तरह से प्रयास करते हैं। लेकिन कई बार किये गए प्रयासों में बार-बार असफलता मिलने से कई depression का शिकार हो जाते हैं।

हालाँकि डिप्रेशन अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों में अलग-अलग कारणों की वजह से होता है। वर्तमान समय में ह्रदय रोग, कैंसर, सोरायसिस आदि घातक रोगों की तरह ही depression भी एक गंभीर समस्या बन चुका है। अतः सभी तरह के व्यक्ति इस रोग से पीड़ित हैं । लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो डिप्रेशन के बारे में नहीं जानते हैं एवं उनको नहीं पता कि इससे कैसे बचा जाए। इसलिए आज हम आप से डिप्रेशन से जुड़ी तमाम तरह की जानकरी साझा करने वाले हैं।

Contents (इस पोस्ट में आप देखेंगे)
1. Depression Meaning in Hindi
2. Symptoms of Depression in Hindi
3. Causes of Depression in Hindi
4. Side Effects of Depression in Hindi
5. Treatment of Depression in Hindi

तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं और देखते हैं depression की विस्तृत जानकारी।

डिप्रेशन क्या होता है | What is Depression Meaning in Hindi

डिप्रेशन एक मानसिक विकार होता है जो मनोभावों संबंधी दुख से उत्पन्न होता है। डिप्रेशन को हिंदी भाषा में अवसाद कहते हैं। दरअसल अधिक तनाव depression का रूप ले लेता है जिसमें व्यक्ति का जीवन उदासीनता से भरा नजर आता है। यह एक प्रकार का डिसऑर्डर होता है जो कि ना सिर्फ इंसान के दिमाग पर बल्कि उसके शरीर पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

Depression Meaning in Hindi = अवसाद

डिप्रेशन और तनाव में अंतर | Difference between Tension and Depression

दोस्तों तनाव और डिप्रेशन के कुछ लक्षण मिलते-जुलते होते हैं। इसलिए अधिकतर लोग तनाव को depression मान लेते हैं लेकिन तनाव और डिप्रेशन में काफी अंतर होता है। यदि आप भी तनाव को डिप्रेशन मानते हैं तो आज हम आपको दोनों में अंतर बताकर आपका भ्रम दूर करने वाले हैं।

1. तनाव सकारात्मक और नकारात्मक होता है जबकि डिप्रेशन नकारात्मक होता है।

2. डिप्रेशन एक मनोविकार होता है जो कि तनाव का ही एक रूप होता है। जबकि तनाव असामान्य परिस्थितियों की वजह से उत्पन्न होता है।

3. तनाव को कम समय में दूर किया जा सकता है लेकिन डिप्रेशन अधिक समय तक बना रहता है, जिसको आसानी से दूर नहीं किया जा सकता है।

4. तनाव में एक ऐसी स्थिति भी बनती है जिसमें व्यक्ति अधिक मेहनत करने लगता है जबकि डिप्रेशन में व्यक्ति निराशावादी हो जाता है।

5. डिप्रेशन का सम्बन्ध लम्बे समय से चली आ रही किसी घटना से होता है जबकि तनाव का सम्बन्ध वर्तमान में घटित होने वाली घटनाओं से होता है।

दोस्तों इसके अलावा यदि आप तनाव के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो हमारा यह लेख पढ़ सकते हैं –

पढ़िए: तनाव (Stress) क्या है? जानिए इसकी सम्पूर्ण जानकारी

डिप्रेशन के लक्षण | Symptoms of Depression in Hindi

दोस्तों अवसाद का मतलब (depression meaning in hindi) समझने लेने के बाद इसके लक्षण पर भी ध्यान देते हैं। बता दें डिप्रेशन के कई लक्षण होते हैं। ध्यान रखें डिप्रेशन से बचने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है इसके लक्षणों को पहचान कर प्रारम्भिक अवस्था में ही उनसे छुटकारा पाना। इसलिए अब हम आपको डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं जिसकी मदद से आप डिप्रेशन से अपने शरीर का बचाव कर सकते हैं।

1. उदासी

दोस्तों प्रत्येक व्यक्ति कभी न कभी किसी कारणवश उदास जरूर होता है। लेकिन यह उदासी केवल कुछ समय के लिए ही होती है, अधिक समय तक किसी एक ही परिस्थिति या किसी कारणवश अधिक समय तक उदासी का होना एक डिप्रेशन का लक्षण होता है।

2. बेचैनी

बेचैनी एक सामान्य प्रक्रिया है जो कभी कभी किसी अहम या फिर किसी कार्य, वास्तु या चीज को लेकर हो सकती है जैसे किसी को एग्जाम के समय बेचैनी होने लगती है तो किसी को पहली बार भाषण देने से पहले बेचैनी हो सकती है। लेकिन यदि बैचैनी अधिक समय तक किसी कारण को लेकर बनी रहती है तो यह एक डिप्रेशन का लक्षण होता है।

3. निराशावादी

जब व्यक्ति के मन की इच्छा पूरी नहीं होती है तो व्यक्ति निराश को जाता है लेकिन कुछ समय पश्चात वह सामान्य हो जाता है। किन्तु जब व्यक्ति अधिक समय तक निराश रहता है एवं किसी भी कार्य को करने में रूचि नहीं दिखाता है तो इस प्रकार की निराशावादी को डिप्रेशन का लक्षण माना जाता है।

4. भूख कम लगना

दोस्तों कभी-कभी बीमारी, थकान या अन्य कारणों की वजह से व्यक्ति को भूख नहीं लगती है। लेकिन यदि किसी व्यक्ति को मानसिक विकार की वजह से भूख में कमी आती है तो यह डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है।

5. पसीने की अधिकता

पसीना प्रत्येक इंसान को आता है लेकिन किसी परिस्थिति, वस्तु, स्थान या अन्य किसी वजह से लोगों को बार-बार सामान्य से अधिक पसीना आता है तो यह एक डेप्रेशन का लक्षण माना जाता है।

6. स्मरण शक्ति का कम होना

डिप्रेशन में अधिकतर रोगी अपना ध्यान एक ही किसी बिंदु पर केंद्रित करते हैं। इस वजह से वे अन्य विचारों, बातों या अन्य किसी चीज को याद नहीं रख पाते हैं एवं धीरे-धीरे पुरानी चीजों, बातों आदि को भूलने लगते हैं जिसकी वजह से धीरे-धीरे उनकी समरण शक्ति कमजोर हो जाती है। इस प्रकार से कम होने वाली स्मरण शक्ति को डिप्रेशन का लक्षण माना जाता है।

7. चिड़चिड़ापन

कभी-कभी हर इंसान को किसी कार्य या किसी अन्य बात को लेकर गुस्सा या चिचिड़ापन आ जाता है परन्तु कुछ इस प्रकार का चिचिड़ापन केवल कुछ समय के लिए ही रहता है। लेकिन जब व्यक्ति को बेवजह चिड़चिड़ापन या सामान्य से अधिक गुस्सा आता है तो इसको depression का लक्षण माना जाता है।

8. एकांत में रहना

एक सामान्य व्यक्ति सामाजिक गतिविधियों में भाग लेता है उसको दूसरे लोगों से बात करना या फिर विचारों का आदान-प्रदान करना पसंद होता है। लेकिन जब सामान्य व्यक्ति किसी भी सामाजिक गतिविधि में भाग नहीं लेता है अथवा उसको किसी से मिलना जुलना पसंद नहीं होता है वह केवल अकेला एकांत में रहता है तो यह एक प्रकार का डिप्रेशन का लक्षण होता है।

9. ध्यान केंद्रित करने में कठनाई महसूस करना

किसी भी कार्य को करने के लिए उस कार्य पर ध्यान केंद्रित करना जरुरी होता है। लेकिन जब व्यक्ति किसी भी एक भी बिंदु पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है तो इस स्थिति को डिप्रेशन का लक्षण माना जाता है।

डिप्रेशन के अन्य लक्षण | Some other Symptoms of Depression in Hindi

कानों में आवाज सुनाई देना, चक्कर आना, रोशनी से घबराहट होना, स्वयं को दोषी मानना, हर घटना को निरर्थक देखना एवं जीवन को निरर्थक मानना, आत्महत्या करने की प्रवर्ति बनाना, धैर्य शक्ति का कम होना, कब्ज होना, बुखार आना, आत्मविश्वास कम होना आदि डिप्रेशन के लक्षण होते हैं।

डिप्रेशन होने के कारण | Causes of Depression in Hindi

वर्तमान समय में ह्रदय, मधुमेह, कैंसर आदि रोगों की तरह ही डिप्रेशन भी तेजी से अपने पैर दुनियाभर में फैला रहा है। चूँकि डिप्रेशन एक ऐसा रोग है जिसमें अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों में अलग-अलग प्रकार के कारण देखने को मिलते हैं। अतः डिप्रेशन रोग का कोई एक कारण नहीं बल्कि अनेक कारण होते हैं।

यदि आप डिप्रेशन के कारणों से परिचित नहीं हैं तो अब हम आपको डिप्रेशन के कारणों से अवगत कराने वाले हैं। आपको बता दें कि डिप्रेशन के कारणों को मुख्यतः मनोविज्ञानिक, शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक चार कारणों में विभाजित किया गया है जिसकी जानकरी विस्तार से नीचे दी गई है।

1. मनोवैज्ञानिक कारण

डिप्रेशन के मोविज्ञानिक कारणों के अंतर्गत तनाव, भय, चिंता, मोह, दुःख या दुःखद घटनाएं, वायरस या बैक्ट्रिया का डर, मरने का डर, भूत प्रेत का डर, अपने प्रियजनों या प्रिये वस्तु खोने का डर आदि कारण सम्मिलित होते हैं जिसकी वजह से व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार बन जाता है।

2. शारीरिक कारण

शारीरिक कारणों के अंतर्गत शारीरिक रोग आते हैं जैसे कि वात रोग, कैंसर, एड्स, स्त्रियों में मेनोपॉज (menopause), स्नायु रोग, उच्च रक्तचाप, शीघ्रपतन, सहवास में असंतुष्टि, नपुंसकता आदि रोग आते हैं इसके आलावा खान-पान जैसे कि प्रकृति विरुद्ध भोजन करना, अधिक मांसाहार, शराब, भांग, गांजा, अफीम चाय साथ ही अनियमित दिनचर्या और अनिद्रा आदि से वायु वृद्धि एवं ज्ञान नाड़ियां प्रभावित होती हैं जो कालांतर में डिप्रेशन का रूप धारण कर लेती हैं।

3. सामाजिक कारण

दोस्तों डिप्रेशन के सामाजिक कारण कई प्रकार के होते हैं। हालाँकि सम्पूर्ण सामाजिक कारणों के बारे में बताना मुश्किल होता है क्योंकि अलग-अलग समाज में देश काल परिस्थिति के अनुरूप सामाजिक कारण घटित होते हैं जिससे व्यक्ति depression का शिकार बन सकता है। लेकिन हम आपको कुछ प्रचलित सामजिक कारणों से रूबरू कराने वाले हैं।

(i) सामाजिक प्रतिष्ठा एवं सम्मान तुलनात्मक रूप से न मिलना या कम मिलना

(ii) बेमेल विवाह, दाम्पत्य जीवन में टकराहट या एक दूसरे के प्रति संशय रहना, परिवार का रुखा बर्ताब।

(iii) प्रियजनों का बिचोड, पारिवारिक किसी सदस्य का गंभीर रोग से पीड़ित होना।

(iv) पडोसी का असभ्य बर्ताव, भ्रष्ट एवं चिड़चिड़ा बॉस के द्वारा बार-बार अपमानित होना।

(v) बचपन में प्यार की कमी या उचित प्रकार से परवरिश नहीं होना।

(vi) बुढ़ापे में बच्चों द्वारा किया गया अपमान।

(vii) अव्यावहारिक तीव्र इच्छा की पूर्ति न होना।

(viii) किसी भी कार्य को मना नहीं करनी की आदत का होना।

(ix) अपनी मूल बात को सामजिक लोगों के साथ व्यक्त न कर पाना एवं दूसरों लोगों की बात को नकारात्मक तरीके से लेना या अपनी बात का अर्थ दूसरों तक नकारात्मक तरीके से पहुंचना।

(x) कई व्यक्ति किसी विशेष व्यक्ति के विचारों को सुनना पसंद करते हैं लेकिन जब विशेष व्यक्ति उसकी बात बातों में बिल्कुल दिचस्पी नहीं लेता है या उसकी विचारों को सुनना पसन्द नहीं करता है तो व्यक्ति डिप्रेशन से ग्रस्त हो जाता है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि में यदि किसी को डिप्रेशन रहा है तो इसकी सम्भावना बढ़ जाती है यानि depression का कारण वंशानुगत भी होता है।

4. आर्थिक कारण

डिप्रेशन के आर्थिक कारणों के अंतर्गत मनोवांछित नौकरी का न मिलना, आय से अधिक खर्चा, नौकरी से निकाल देना, व्यापार में नुकसान, अनेक कार्य को साथ-साथ करने की प्रवर्ति, व्यापार में लाभ न होना, अधिक कर्जा का होना, गरीबी आदि आते हैं।

डिप्रेशन से होने वाले दुष्प्रभाव | Side Effects of Depression in Hindi

डिप्रेशन एक प्रकार का घातक रोग होता है जिसमें रोगी को कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है। यदि आप डिप्रेशन से होने वाले दुष्प्रभाव से अनजान हैं तो अब हम आपको इनसे अवगत कराने वाले हैं।

1. भूख की कमी या अधिक भूख पीड़ित होना

डिप्रेशन से पीड़ित रोगी की भूख कम होने लगती है अतः या तो कम खाता है या उसकी अंदर खाने की इच्छा खतम हो जाती है। जब रोगी ठीक आहार का सेवन नहीं करता है तो उसके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसके अतरिक्त कुछ रोगियों को डिप्रेशन की वजह से अधिक भूख लगती है जिसमें वह हर समय कुछ न कुछ खाते रहते हैं।

2. अनिद्रा रोग की उत्पत्ति

डिप्रेशन से पीड़ित रोगी निराश और हताश रहता है जिसकी वजह से वह जरूरत से अधिक सोने लगता है। एक सामान्य नींद से अधिक सोना अनिद्रा रोग की उत्पत्ति की वजह बनता है जिसकी वजह से व्यक्ति को कई प्रकार के शारीरिक नुकसान होते हैं।

3. व्यक्ति का अधिक संवेदनशील हो जाना

व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए सवेंदनशीलता जरुरी होती है लेकिन व्यक्ति का अधिक संवेदनशील होना कई प्रकार की समस्याओं का जन्मदाता होता है। डिप्रेशन से ग्रस्त इंसान भी कई बार अधिक संवेदनशील हो जाता है जो की एक बाद में एक गंभीर समस्या बन जाती है।

4. आत्महत्या करना

जब व्यक्ति अधिक डिप्रेशन का शिकार होता है तो वह आत्महत्या करने की कोशिश करता है। हालाँकि कई बार लोग केवल आत्महत्या करने का प्रयास करते हैं परन्तु कभी कभी आत्महत्या करके अपने जीवन को नष्ट भी कर लेते हैं इसलिए यही depression का सबसे घातक दुष्परिणाम होता है।

5. सामान्य क्रियाओं से कतराना

एक सामान्य व्यक्ति अपने दैनिक क्रिया कलाप जैसे कि नहाना, तैयार होना, स्वच्छ कपड़े पहना आदि करता है। लेकिन डिप्रेशन से पीड़ित रोगी नहाने, स्वच्छ कपड़े पहनने व तैयार होने से कतराने लगता है।

6. सामजिक दूरी बना लेना

डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति दूसरों से मिलने जुलने से चिढ़ता है अतः उसको एकांत में रहना पसंद होता है। जिसकी वजह से सामाजिक दूरी बना लेता है जो उसके अकेलेपन को और भी अधिक बड़ा देता है।

7. गर्भस्थ शिशु पर प्रभाव पड़ना

गर्भवस्था के समय स्त्री के शरीर में कई तरह के शारीरिक परिवर्तन होते हैं जैसे कि बच्चे के जन्म के पहले नींद ना आना, शारीरिक और मानसिक तनाव का होना, प्रसव को लेकर अत्यधिक चिंतित रहना, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, आदि होने से कई बार गर्भावस्था के दौरान गर्भवती स्त्री डिप्रेशन रोग से ग्रस्त हो जाती है जिसका प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है।

डिप्रेशन को नियंत्रित करने के उपाय | Treatment of Depression in Hindi

डिप्रेशन जीवन को निराशावादी बना देने वाला और जीवन खत्म करने वाला रोग होता है। यदि आप अपने जीवन का भरपूर आनंद लेना कहते हैं तो आपके लिए डिप्रेशन को नियंत्रित करना बेहद जरुरी है। अतः कुछ सावधानियां व depression से शरीर का बचाब करने वाले उपायों की मदद से आप इसे नियंत्रित कर सकते हैं। यदि आप इन उपायों से अनजान हैं तो अब हम आपको इन उपायों की बारे में बताते हैं।

1. पौष्टिक आहार का सेवन करें

पौष्टिक भोजन में कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के गुण मौजूद होते हैं। इसके आलावा विटामिन्स और खनिज तत्वों की कमी की वजह से अनेक प्रकार के सामान्य और गंभीर रोग उत्पन्न होते हैं जिसमें से एक रोग डिप्रेशन भी है। इसलिए यदि आप पौष्टिक आहार का सेवन प्रतिदिन करते ह



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