तप्त हृदय को, सरस स्नेह से,
जो सहला दे, मित्र वही है।
रूखे मन को, सराबोर कर,
जो नहला दे, मित्र वही है।
प्रिय वियोग, संतप्त चित्त को,
जो बहला दे, मित्र वही है।
………मैथिलीशरण गुप्त जी
आप सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
Related Articles
The post आप सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं appeared first on Shayari Guru.