Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

प्रत्यय (Pratyay)- Suffix in Hindi !! प्रतियोगी परीक्षाओ में अक्सर पूछे जाते है |

प्रत्यय (Pratyay)- Suffix in Hindi !! प्रतियोगी परीक्षाओ में अक्सर पूछे जाते है दोस्तों हमारी website पर आपका स्वागत है दोस्तों जैसा की आप लोग जानते है बहुत  सी प्रतियोगी परीक्षाओ मे पूछे जाने वाले प्रत्यय (Pratyay)- Suffix in Hindi  हम आपसे शेयर कर रहे है आप लोग इसे अवश्य पढ़े|

 Suffix in Hindi प्रत्यय (Pratyay) परीक्षाओ में पूछे जाते है !

1. कृदन्त प्रत्यय

कृदन्त प्रत्यय के निम्नलिखित तीन भेद होते हैँ –

(1) कर्त्तृवाचक कृदन्त – वे प्रत्यय जो कर्तावाचक शब्द बनाते हैँ, कर्त्तृवाचक कृदन्त कहलाते हैँ। जैसे – प्रत्यय – शब्द–रूप
तृ (ता) – कर्त्ता, नेता, भ्राता, पिता, कृत, दाता, ध्याता, ज्ञाता।
अक – पाठक, लेखक, पालक, विचारक, गायक।

(2) विशेषणवाचक कृदन्त – जो प्रत्यय क्रियापद से विशेषण शब्द की रचना करते हैँ, विशेषणवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –
– आगत, विगत, विश्रुत, कृत।
तव्य – कर्तव्य, गन्तव्य, ध्यातव्य।
– नृत्य, पूज्य, स्तुत्य, खाद्य।
अनीय – पठनीय, पूजनीय, स्मरणीय, उल्लेखनीय, शोचनीय।

(3) भाववाचक कृदन्त – वे प्रत्यय जो क्रिया से भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैँ, भाववाचक कृदन्त कहलाते हैँ। जैसे –
अन – लेखन, पठन, हवन, गमन।
ति – गति, मति, रति।
– जय, लाभ, लेख, विचार।

2. तद्धित प्रत्यय –

जो प्रत्यय क्रिया पदोँ (धातुओँ) के अतिरिक्त मूल संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दोँ के अन्त मेँ जुड़कर नया शब्द बनाते हैँ, उन्हेँ तद्धित प्रत्यय कहते हैँ। जैसे— गुरु, मनुष्य, चतुर, कवि शब्दोँ मेँ क्रमशः त्व, ता, तर, ता प्रत्यय जोड़ने पर गुरुत्व, मनुष्यता, चतुरतर, कविता शब्द बनते हैँ।
तद्धित प्रत्यय के छः भेद हैँ –

(1) भाववाचक तद्धित प्रत्यय – भाववाचक दद्धित से भाव प्रकट होता है। इसमेँ प्रत्यय लगने पर कहीँ–कहीँ पर आदि–स्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे –
प्रत्यय — शब्द–रूप
अव – लाघव, गौरव, पाटव।
त्व – महत्त्व, गुरुत्व, लघुत्व।
ता – लघुता, गुरुता, मनुष्यता, समता, कविता।
इमा – महिमा, गरिमा, लघिमा, लालिमा।
– पांडित्य, धैर्य, चातुर्य, माधुर्य, सौन्दर्य।

(2) सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय – सम्बन्धवाचक तद्धित प्रत्यय से सम्बन्ध का बोध होता है। इसमेँ भी कहीँ–कहीँ पर आदि–स्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे –
– शैव, वैष्णव, तैल, पार्थिव।
इक – लौकिक, धार्मिक, वार्षिक, ऐतिहासिक।
इत – पीड़ित, प्रचलित, दुःखित, मोहित।
इम – स्वर्णिम, अन्तिम, रक्तिम।
इल – जटिल, फेनिल, बोझिल, पंकिल।
ईय – भारतीय, प्रान्तीय, नाटकीय, भवदीय।
– ग्राम्य, काम्य, हास्य, भव्य।

(3) अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय – इनसे अपत्य अर्थात् सन्तान या वंश मेँ उत्पन्न हुए व्यक्ति का बोध होता है। अपत्यवाचक तद्धित प्रत्यय मेँ भी कहीँ–कहीँ पर आदि–स्वर की वृद्धि हो जाती है। जैसे –
– पार्थ, पाण्डव, माधव, राघव, भार्गव।
– दाशरथि, मारुति, सौमित्र।
– गालव्य, पौलस्त्य, शाक्य, गार्ग्य।
एय – वार्ष्णेय, कौन्तेय, गांगेय, राधेय।

(4) पूर्णतावाचक तद्धित प्रत्यय – इसमेँ संख्या की पूर्णता का बोध होता है। जैसे –
– प्रथम, पंचम, सप्तम, नवम, दशम।
थ/ठ – चतुर्थ, षष्ठ।
तीय – द्वितीय, तृतीय।

(5) तारतम्यवाचक तद्धित प्रत्यय – दो या दो से अधिक वस्तुओँ मेँ श्रेष्ठता बतलाने के लिए तारतम्यवाचक तद्धित प्रत्यय लगता है। जैसे –
तर – अधिकतर, गुरुतर, लघुतर।
तम – सुन्दरतम, अधिकतम, लघुतम।
ईय – गरीय, वरीय, लघीय।
इष्ठ – गरिष्ठ, वरिष्ठ, कनिष्ठ।

(6) गुणवाचक तद्धित प्रत्यय – गुणवाचक तद्धित प्रत्यय से संज्ञा शब्द गुणवाची बन जाते हैँ। जैसे –
वान् – धनवान्, विद्वान्, बलवान्।
मान् – बुद्धिमान्, शक्तिमान्, गतिमान्, आयुष्मान्।
त्य – पाश्चात्य, पौर्वात्य, दक्षिणात्य।
आलु – कृपालु, दयालु, शंकालु।
– विद्यार्थी, क्रोधी, धनी, लोभी, गुणी।

2. हिन्दी के प्रत्यय

संस्कृत की तरह ही हिन्दी के भी अनेक प्रत्यय प्रयुक्त होते हैँ। ये प्रत्यय यद्यपि कृदन्त और तद्धित की तरह जुड़ते हैँ, परन्तु मूल शब्द हिन्दी के तद्भव या देशज होते हैँ। हिन्दी के सभी प्रत्ययोँ कोँ निम्न वर्गोँ मेँ सम्मिलित किया जाता है—
(1) कर्त्तृवाचक – जिनसे किसी कार्य के करने वाले का बोध होता है, वे कर्त्तृवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –
प्रत्यय — शब्द–रूप
आर – सुनार, लोहार, चमार, कुम्हार।
ओरा – चटोरा, खदोरा, नदोरा।
इया – दुखिया, सुखिया, रसिया, गडरिया।
इयल – मरियल, सड़ियल, दढ़ियल।
एरा – सपेरा, लुटेरा, कसेरा, लखेरा।
वाला – घरवाला, ताँगेवाला, झाड़ूवाला, मोटरवाला।
वैया (ऐया) – गवैया, नचैया, रखवैया, खिवैया।
हारा – लकड़हारा, पनिहारा।
हार – राखनहार, चाखनहार।
अक्कड़ – भुलक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़।
आकू – लड़ाकू।
आड़ी – खिलाड़ी।
ओड़ा – भगोड़ा।

(2) भाववाचक – जिनसे किसी भाव का बोध होता है, भाववाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –
– प्यासा, भूखा, रुखा, लेखा।
आई – मिठाई, रंगाई, सिलाई, भलाई।
आका – धमाका, धड़ाका, भड़ाका।
आपा – मुटापा, बुढ़ापा, रण्डापा।
आहट – चिकनाहट, कड़वाहट, घबड़ाहट, गरमाहट।
आस – मिठास, खटास, भड़ास।
– गर्मी, सर्दी, मजदूरी, पहाड़ी, गरीबी, खेती।
पन – लड़कपन, बचपन, गँवारपन।

(3) सम्बन्धवाचक – जिनसे सम्बन्ध का भाव व्यक्त होता है, वे सम्बन्धवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –
आई – बहनोई, ननदोई, रसोई।
आड़ी – खिलाड़ी, पहाड़ी, अनाड़ी।
एरा – चचेरा, ममेरा, मौसेरा, फुफेरा।
एड़ी – भँगेड़ी, गँजेड़ी, नशेड़ी।
आरी – लुहारी, सुनारी, मनिहारी।
आल – ननिहाल, ससुराल।

(4) लघुतावाचक – जिनसे लघुता या न्यूनता का बोध होता है, वे लघुतावाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –
– रस्सी, कटोरी, टोकरी, ढोलकी।
इया – खटिया, लुटिया, चुटिया, डिबिया, पुड़िया।
ड़ा – मुखड़ा, दुखड़ा, चमड़ा।
ड़ी – टुकड़ी, पगड़ी, बछड़ी।
ओला – खटोला, मझोला, सँपोला।

(5) गणनावाचक प्रत्यय – जिनसे गणनावाचक संख्या का बोध है, वे गणनावाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –
था – चौथा।
रा – दूसरा, तीसरा।
ला – पहला।
वाँ – पाँचवाँ, दसवाँ, सातवाँ।
हरा – इकहरा, दुहरा, तिहरा।

(6) सादृश्यवाचक प्रत्यय – जिनसे सादृश्य या समता का बोध होता है, उन्हेँ सादृश्यवाचक प्रत्यय कहते हैँ। जैसे –
सा – मुझ–सा, तुझ–सा, नीला–सा, चाँद–सा, गुलाब–सा।
हरा – दुहरा, तिहरा, चौहरा।
हला – सुनहला, रूपहला।

(7) गुणवाचक प्रत्यय – जिनसे किसी गुण का बोध होता है, वे गुणवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –
– मीठा, ठंडा, प्यासा, भूखा, प्यारा।
ईला – लचीला, गँठीला, सजीला, रंगीला, चमकीला, रसीला।
ऐला – मटमैला, कषैला, विषैला।
आऊ – बटाऊ, पंडिताऊ, नामधराऊ, खटाऊ।
वन्त – कलावन्त, कुलवन्त, दयावन्त।
ता – मूर्खता, लघुता, कठोरता, मृदुता।

(8) स्थानवाचक – जिनसे स्थान का बोध होता है, वे स्थानवाचक प्रत्यय कहलाते हैँ। जैसे –
– पंजाबी, गुजराती, मराठी, अजमेरी, बीकानेरी, बनारसी, जयपुरी।
इया – अमृतसरिया, भोजपुरिया, जयपुरिया, जालिमपुरिया।
आना – हरियाना, राजपूताना, तेलंगाना।
वी – हरियाणवी, देहलवी।

3. विदेशी प्रत्यय

हिन्दी मेँ उर्दू के ऐसे प्रत्यय प्रयुक्त होते हैँ, जो मूल रूप से अरबी और फारसी भाषा से अपनाये गये हैँ। जैसे –
आबाद – अहमदाबाद, इलाहाबाद।
खाना – दवाखाना, छापाखाना।
गर – जादूगर, बाजीगर, शोरगर।
ईचा – बगीचा, गलीचा।
ची – खजानची, मशालची, तोपची।
दार – मालदार, दूकानदार, जमीँदार।
दान – कलमदान, पीकदान, पायदान।
वान – कोचवान, बागवान।
बाज – नशेबाज, दगाबाज।
मन्द – अक्लमन्द, भरोसेमन्द।
नाक – दर्दनाक, शर्मनाक।
गीर – राहगीर, जहाँगीर।
गी – दीवानगी, ताजगी।
गार – यादगार, रोजगार।
हिन्दी मेँ प्रयुक्त प्रमुख प्रत्यय व उनसे बने प्रमुख शब्द :–
– शैव, वैष्णव, तैल, पार्थिव, मानव, पाण्डव, वासुदेव, लूट, मार, तोल, लेख, पार्थ, दानव, यादव, भार्गव, माधव, जय, लाभ, विचार, चाल, लाघव, शाक्त, मेल, बौद्ध।

  • Swar and Vyanjan (स्वर और व्यंजन) हिंदी व्याकरण- Vowels and Consonants

प्रत्यय (Pratyay) इन हिंदी डाउनलोड

अक – चालक, पावक, पाठक, लेखक, पालक, विचारक, खटक, धावक, गायक, नायक, दायक।
अक्कड़ – भुलक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़, कुदक्कड़, रुअक्कड़, फक्कड़, लक्कड़।
अंत – गढ़ंत, लड़ंत, भिड़ंत, रटंत, लिपटंत, कृदन्त, फलंत।
अन्तर – रुपान्तर, मतान्तर, मध्यान्तर, समानान्तर, देशांतर, भाषांतर।
अतीत – कालातीत, आशातीत, गुणातीत, स्मरणातीत।
अंदाज – तीरंदाज, गोलंदाज, बर्कंदाज, बेअंदाज।
अंध – सड़ांध, मदांध, धर्माँध, जन्मांध, दोषांध।
अधीन – कर्माधीन, स्वाधीन, पराधीन, देवाधीन, विचाराधीन, कृपाधीन, निर्णयाधीन, लेखकाधीन, प्रकाशकाधीन।
अन – लेखन, पठन, वादन, गायन, हवन, गमन, झाड़न, जूठन, ऐँठन, चुभन, मंथन, वंदन, मनन, चिँतन, ढ़क्कन, मरण, चलन, जीवन।
अना – भावना, कामना, प्रार्थना।
अनीय – तुलनीय, पठनीय, दर्शनीय।
अन्वित – क्रोधान्वित, दोषान्वित, लाभान्वित, भयान्वित, क्रियान्वित, गुणान्वित।
अन्वय – पदान्वय, खंडान्वय।
अयन – रामायण, नारायण, अन्वयन।
– प्यासा, लेखा, फेरा, जोड़ा, प्रिया, मेला, ठंडा, भूखा, छाता, छत्रा, हर्जा, खर्चा, पीड़ा, रक्षा, झगड़ा, सूखा, रुखा, अटका, भटका, मटका, भूला, बैठा, जागा, पढ़ा, भागा, नाचा, पूजा, मैला, प्यारा, घना, झूला, ठेला, घेरा, मीठा।
आइन – ठकुराइन, पंडिताइन, मुंशियाइन।
आई – लड़ाई, चढ़ाई, भिड़ाई, लिखाई, पिसाई, दिखाई, पंडिताई, भलाई, बुराई, अच्छाई, बुनाई, कढ़ाई, सिँचाई, पढ़ाई, उतराई।
आऊ – दिखाऊ, टिकाऊ, बटाऊ, पंडिताऊ, नामधराऊ, खटाऊ, चलाऊ, उपजाऊ, बिकाऊ, खाऊ, जलाऊ, कमाऊ, टरकाऊ, उठाऊ।
आक – लड़ाक, तैराक, चालाक, खटाक, सटाक, तड़ाक, चटाक।

प्रत्यय (Pratyay) in hindi download

आका – धमाका, धड़ाका, भड़ाका, लड़ाका, फटाका, चटाका, खटाका, तड़ाका, इलाका।
आकू – लड़ाकू, पढ़ाकू, उड़ाकू, चाकू।
आकुल – भयाकुल, व्याकुल।
आटा – सन्नाटा, खर्राटा, फर्राटा, घर्राटा, झपाटा, थर्राटा।
आड़ी – कबाड़ी, पहाड़ी, अनाड़ी, खिलाड़ी, अगाड़ी, पिछाड़ी।
आढ्य – धनाढ्य, गुणाढ्य।
आतुर – प्रेमातुर, रोगातुर, कामातुर, चिँतातुर, भयातुर।
आन – उड़ान, पठान, चढ़ान, नीचान, उठान, लदान, मिलान, थकान, मुस्कान।
आना – नजराना, हर्जाना, घराना, तेलंगाना, राजपूताना, मर्दाना, जुर्माना, मेहनताना, रोजाना, सालाना।
आनी – देवरानी, जेठानी, सेठानी, गुरुआनी, इंद्राणी, नौकरानी, रूहानी, मेहतरानी, पंडितानी।
आप – मिलाप, विलाप, जलाप, संताप।
आपा – बुढ़ापा, मुटापा, रण्डापा, बहिनापा, जलापा, पुजापा, अपनापा।
आब – गुलाब, शराब, शबाब, कबाब, नवाब, जवाब, जनाब, हिसाब, किताब।
आबाद – नाबाद, हैदराबाद, अहमदाबाद, इलाहाबाद, शाहजहाँनाबाद।
आमह – पितामह, मातामह।
आयत – त्रिगुणायत, पंचायत, बहुतायत, अपनायत, लोकायत, टीकायत, किफायत, रियायत।
आयन – दांड्यायन, कात्यायन, वात्स्यायन, सांस्कृत्यायन।
आर – कुम्हार, सुनार, लुहार, चमार, सुथार, कहार, गँवार, नश्वार।
आरा – बनजारा, निबटारा, छुटकारा, हत्यारा, घसियारा, भटियारा।
आरी – पुजारी, सुनारी, लुहारी, मनिहारी, कोठारी, बुहारी, भिखारी, जुआरी।
आरु – दुधारु, गँवारु, बाजारु।
आल – ससुराल, ननिहाल, घड़ियाल, कंगाल, बंगाल, टकसाल।
आला – शिवाला, पनाला, परनाला, दिवाला, उजाला, रसाला, मसाला।
आलु – ईर्ष्यालु, कृपालु, दयालु।
आलू – झगड़ालू, लजालू, रतालू, सियालू।
आव – घेराव, बहाव, लगाव, दुराव, छिपाव, सुझाव, जमाव, ठहराव, घुमाव, पड़ाव, बिलाव।
आवर – दिलावर, दस्तावर, बख्तावर, जोरावर, जिनावर।
आवट – लिखावट, थकावट, रुकावट, बनावट, तरावट, दिखावट, सजावट, घिसावट।
आवना – सुहावना, लुभावना, डरावना, भावना।

प्रत्यय (pratyay) in sanskrit pdf

आवा – भुलावा, बुलावा, चढ़ावा, छलावा, पछतावा, दिखावा, बहकावा, पहनावा।
आहट – कड़वाहट, चिकनाहट, घबराहट, सरसराहट, गरमाहट, टकराहट, थरथराहट, जगमगाहट, चिरपिराहट, बिलबिलाहट, गुर्राहट, तड़फड़ाहट।
आस – खटास, मिठास, प्यास, बिँदास, भड़ास, रुआँस, निकास, हास, नीचास, पलास।
आसा – कुहासा, मुँहासा, पुंडासा, पासा, दिलासा।
आस्पद –घृणास्पद, विवादास्पद, संदेहास्पद, उपहासास्पद, हास्यास्पद।
ओई – बहनोई, ननदोई, रसोई, कन्दोई।
ओड़ा – भगोड़ा, हँसोड़ा, थोड़ा।
ओरा – चटोरा, कटोरा, खदोरा, नदोरा, ढिँढोरा।
ओला – खटोला, मँझोला, बतोला, बिचोला, फफोला, सँपोला, पिछोला।
औटा – बिलौटा, हिरनौटा, पहिलौटा, बिनौटा।
औता – फिरौता, समझौता, कठौता।
औती – चुनौती, बपौती, फिरौती, कटौती, कठौती, मनौती।
औना – घिनौना, खिलौना, बिछौना, सलौना, डिठौना।
औनी – घिनौनी, बिछौनी, सलौनी।
इंदा – परिँदा, चुनिँदा, शर्मिँदा, बाशिँदा, जिन्दा।
– दाशरथि, मारुति, राघवि, वारि, सारथि, वाल्मीकि।
इक – मानसिक, मार्मिक, पारिश्रमिक, व्यावहारिक, ऐतिहासिक, पार्श्विक, सामाजिक, पारिवारिक, औपचारिक, भौतिक, लौकिक, नैतिक, वैदिक, प्रायोगिक, वार्षिक, मासिक, दैनिक, धार्मिक, दैहिक, प्रासंगिक, नागरिक, दैविक, भौगोलिक।
इका – नायिका, पत्रिका, निहारिका, लतिका, बालिका, कलिका, लेखिका, सेविका, प्रेमिका।
इकी – वानिकी, मानविकी, यांत्रिकी, सांख्यिकी, भौतिकी, उद्यानिकी।
इत – लिखित, कथित, चिँतित, याचित, खंडित, पोषित, फलित, द्रवित, कलंकित, हर्षित, अंकित, शोभित, पीड़ित, कटंकित, रचित, चलित, तड़ित, उदित, गलित, ललित, वर्जित, पठित, बाधित, रहित, सहित।

प्रत्यय (Pratyay) और उपसर्ग

इतर – आयोजनेतर, अध्ययनेतर, सचिवालयेतर।
इत्य – लालित्य, आदित्य, पांडित्य, साहित्य, नित्य।
इन – मालिन, कठिन, बाघिन, मालकिन, मलिन, अधीन, सुनारिन, चमारिन, पुजारिन, कहारिन।
इनी – भुजंगिनी, यक्षिणी, सरोजिनी, वाहिनी, हथिनी, मतवालिनी।
इम – अग्रिम, रक्तिम, पश्चिम, अंतिम, स्वर्णिम।
इमा – लालिमा, गरिमा, लघिमा, पूर्णिमा, हरितिमा, मधुरिमा, अणिमा, नीलिमा, महिमा।
इयत – इंसानियत, कैफियत, माहियत, हैवानित, खासियत, खैरियत।
इयल – मरियल, दढ़ियल, चुटियल, सड़ियल, अड़ियल।
इया – लठिया, बिटिया, चुटिया, डिबिया, खटिया, लुटिया, मुखिया, चुहिया, बंदरिया, कुतिया, दुखिया, सुखिया, आढ़तिया, रसोइया, रसिया, पटिया, चिड़िया, बुढ़िया, अमिया, गडरिया, मटकिया, लकुटिया, घटिया, रेशमिया, मजाकिया, सुरतिया।
इल – पंकिल, रोमिल, कुटिल, जटिल, धूमिल, तुंडिल, फेनिल, बोझिल, तमिल, कातिल।
इश – मालिश, फरमाइश, पैदाइश, पैमाइश, आजमाइश, परवरिश, कोशिश, रंजिश, साजिश, नालिश, कशिश, तफ्तिश, समझाइश।
इस्तान – कब्रिस्तान, तुर्किस्तान, अफगानिस्तान, नखलिस्तान, कजाकिस्तान।
इष्णु – सहिष्णु, वर्घिष्णु, प्रभाविष्णु।
इष्ट – विशिष्ट, स्वादिष्ट, प्रविष्ट।
इष्ठ – घनिष्ठ, बलिष्ठ, गरिष्ठ, वरिष्ठ।
– गगरी, खुशी, दुःखी, भेदी, दोस्ती, चोरी, सर्दी, गर्मी, पार्वती, नरमी, टोकरी, झंडी, ढोलकी, लंगोटी, भारी, गुलाबी, हरी, सुखी, बिक्री, मंडली, द्रोपदी, वैदेही, बोली, हँसी, रेती, खेती, बुहारी, धमकी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, राजस्थानी, जयपुरी, मद्रासी, पहाड़ी, देशी, सुन्दरी, ब्राह्मणी, गुणी, विद्यार्थी, क्रोधी, लालची, लोभी, पाखण्डी, विदुषी, विदेशी, अकेली, सखी, साखी, अलबेली, सरकारी, तन्दुरी, सिन्दुरी, किशोरी, हेराफेरी, कामचोरी।

प्रत्यय (Pratyay) PDF

ईचा – बगीचा, गलीचा, सईचा।
ईन – प्रवीण, शौकीन, प्राचीन, कुलीन, शालीन, नमकीन, रंगीन, ग्र



This post first appeared on General Knowledge Question For SSC CGL PDF Free Download In Hindi, please read the originial post: here

Share the post

प्रत्यय (Pratyay)- Suffix in Hindi !! प्रतियोगी परीक्षाओ में अक्सर पूछे जाते है |

×

Subscribe to General Knowledge Question For Ssc Cgl Pdf Free Download In Hindi

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×