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Noida News In Hindi 26 August 2018 | Top News In Hindi

1. मैं वचन देता हूं भाई होने का फर्ज निभाऊंगा

नोएडा: ‘दुनिया की हर खुशी तुझे दिलाऊंगा मैं, अपने भाई होने का फर्ज निभाऊंगा मैं’। अपनी बहन के लिए हर भाई की यही चाहत होती है। बहन भी भाई से ऐसी ही उम्मीद करती है। आज रक्षाबंधन है। बहनें अपने भाई को राखी बांधकर रक्षा का वचन लेती हैं। भाई भी इस वचन का मान रखते हुए हर मोड़ पर बहन का साथ देते हैं। शहर में कुछ ऐसे भाई हैं, जिन्होंने मुश्किल हालात में बहनों का हाथ नहीं छोड़ा। उन्हें सहारे की जरूरत पड़ी तो ढाल बनकर सामने खड़े हो गए।

1- भाई ने बसाया उजड़ा आशियाना

सेक्टर-11 में रहने वाली अंजना 2014 में दिल्ली के मयूर विहार में रहती थीं। अंजना का कहना है कि बिना नोटिस दिए एमसीडी ने उनका घर तोड़ दिया। परिवार उस समय वहां मौजूद नहीं था। वह लौटीं तो घर टूटा मिला। यह देख चक्कर खाकर गिर गईं। उनके भाई अनिल को इसका पता चला तो वह तुरंत पहुंचे। बहन का आशियाना उजड़ा देख उन्हें अपने घर भेजा और अगले हफ्ते से ही घर दोबारा बनवाना शुरू किया और पूरा मकान तैयार करवाया।

2- मायशा खान सृजन के साथ मनाती हैं रक्षाबंधन

सेक्टर-61 के सल्तनत खान की 14 साल की बेटी मायशा के दो भाई हैं। अफराज और सृजन त्यागी। अफराज मायशा के सगे भाई हैं और सृजन से उनका राखी का नाता है। यह नाता धर्म के बंधनों से परे है। मायशा अफराज के साथ-साथ हर साल सृजन को भी राखी बांधती हैं। यह सिलसिला स्कूल में राखी बांधने से शुरू हुआ। इसके बाद मायशा के मन में इस त्योहार को मनाने की इच्छा जागी। सृजन मायशा के साथ ही डीपीएस में पढ़ते हैं।

3- भाई ने दी नई जिंदगी

2006 में सेक्टर-25 में रहने वाली अल्का के शरीर में प्लेटलेट्स कम हो गईं। उनका ब्लड ग्रुप ओ निगेटिव है। इस वजह से कहीं से प्लेटलेट्स का इंतजाम नहीं हो पा रहा था। उनकी हालत गंभीर होते देख भाई अरुण ने हर जगह संपर्क करना शुरू किया। वह अपने आफिस में काम करने वाले हर व्यक्ति तक पहुंचे और ओ निगेटिव ग्रुप के ब्लड का इंतजाम कराया। अल्का कहती हैं कि भाई की वजह से ही उन्हें नया जीवन मिला है।

…बहनें भी करती हैं रक्षा

भाई की दोनों किडनी फेल हुईं तो बहन ने दे दी

बहनें अपने भाई को रक्षासूत्र बांधने के साथ वक्त आने पर उनकी रक्षा भी करती हैं। सेक्टर-62 के फोर्टिस अस्पताल में पिछले साल ऐसा ही एक मामला सामने आया था। प्रतापगढ़ के रहने वाले राजेश कुमार की दोनों किडनी डायबिटीज की वजह से फेल हो गईं। उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी। ऐसे में राजेश की बहन पूनम श्रीवास्तव ने उन्हें एक किडनी दी। राजेश का कहना है कि इसके लिए मैं हमेशा अपनी बहन का आभारी रहूंगा।


2. कलेक्ट्रेट पर पंचायत की जेल में बंद किसानों की रिहाई के लिए

ग्रेनो: भारतीय किसान यूनियन ने कलेक्ट्रेट पर चल रहे धरने में शनिवार को सैमसंग कंपनी पर प्रर्दशन करने वाले किसानों की जेल से रिहाई को लेकर पंचायत की। इसकी जानकारी लगने पर डीएम बीएन सिंह किसानों के बीच आए और किसानों की रिहाई को लेकर आश्वस्त किया। डीएम ने कहा आपकी मांगे जल्द पूरी हो जाएंगी। उन्होंने किसानों से धरना खत्म करने की अपील की। प्रदेश प्रवक्ता पवन खटाना ने कहा जब तक किसानों की मांगों पर काम नहीं होगा तब तक धरना जारी रहेगा। इस दौरान बाबा लज्जाराम, सरदाराम कसाना, जीवन सिंह, पवन खटाना, सुभाष चौधरी, नरेश शर्मा , जीवन सिंह, लाला रजनीकांत और पीतम सिंह मौजूद रहे।


3. सिटी फॉरेस्ट में पेड़ काटने पर भड़के रेजिडेंट्स ने किया प्रदर्शन

नोएडा: सेक्टर-91 में बनाए जा रहे बॉयो डायवर्सिटी पार्क के विरोध में आसपास की सोसायटियों में रहने वाले लोगों ने शनिवार को प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि अथॉरिटी सिटी फॉरेस्ट का लैंड यूज बदलकर उसे रिक्रेएशनल पार्क के रूप में डिवेलप कर रही है। इसके लिए बड़े पैमाने पर यहां लगे पेड़ों को काटा जा रहा है। अथॉरिटी की ओर से सफेदा के पेड़ काटे जाने की बात कही जा रही है लेकिन इनकी आड़ में सभी तरह के पेड़ काटे जा रहे हैं। नीम के पेड़ काटने पर वन विभाग ने अथॉरिटी के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है।

‘काट दिए 3 हजार पेड़’

अपने आसपास का जंगल उजड़ता देख आसपास के लोग शनिवार को बड़ी संख्या में सेक्टर-93 बी की ओमैक्स स्पा सोसायटी के बाहर इकट्ठे हुए और प्रदर्शन करते हुए मौके पर पहुंचे। प्रदर्शन के दौरान काफी संख्या में बच्चे और बुजुर्ग भी पोस्टर-बैनर लेकर मार्च में शामिल हुए। लोगों का कहना है कि यह सिटी फॉरेस्ट करीब 75 एकड़ में सेक्टर-92, 93, 136, 137 समेत कई सेक्टरों में फैला है। प्रदर्शन में शामिल सेक्टर-93 में रहने वाले हेमंत ने बताया कि 2021 के नोएडा मास्टर प्लान में यह इलाका सिटी फॉरेस्ट के रूप में चिह्नित है। 2031 के मास्टर प्लान में इसे रिक्रिएशनल पार्क में बदल दिया गया है। पिछले दो महीने से यहां पेड़ काटे जा रहे हैं। इस पार्क में एंफी थिएटर, एक बहुउद्देशीय हॉल, फूड कोर्ट, फव्वारे और दो तालाब बनाए जाने हैं। इसके लिए अब तक तीन हजार पेड़ काटे जा चुके हैं, जबकि छह हजार पेड़ और काटे जाने हैं। इसके लिए सफेदा के पेड़ों की उम्र पूरी हो जाने का बहाना बनाया जा रहा है। पेड़ों के कटने से यहां की वाइल्ड लाइफ खत्म होती जा रही है। यहां पर 50 अलग-अलग प्रजातियों के जानवर व पक्षी थे। पेड़ काटे जाने से अब सब लापता हो गए हैं।

‘कोर्ट और एनजीटी जाएंगे’

सेक्टर-93 निवासी गुनीत औलख के अनुसार, नोएडा में पहले से कई बड़े पार्क हैं। उन्हीं का ठीक से रखरखाव नहीं हो रहा है। जंगल के पेड़ों से जो ऑक्सीजन मिलती है, वह पार्क नहीं दे सकता। पार्क जंगल की जगह कभी नहीं ले सकता है। लिहाजा उनकी मुख्यमंत्री से मांग है कि पेड़ काटे जाने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए। फॉरेस्ट एरिया में किसी तरह के निर्माण को रोका जाए और इसे रिजर्व फॉरेस्ट बना दिया जाए। जितने पेड़ों को अब तक काटा गया है, उतने ही तुरंत लगाए जाएं। गुनीत के अनुसार अगर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह कोर्ट और एनजीटी का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

वर्जन

इस पार्क को 48 करोड़ रुपये की लागत से अगले छह महीने में तैयार किया जाएगा। यह दिल्ली-एनसीआर का बेहतरीन पार्क होगा। कई साल पहले जमीन पर अतिक्रमण कर कब्जा करने से रोकने के लिए यहां सफेदा के पेड़ लगाए गए थे। अब उनकी उम्र भी पूरी हो चुकी है। इन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है। सफेदे के अलावा और कोई पेड़ यहां नहीं काटे गए हैं।


4. रेप के बाद हलाला के लिए दबाव बना रहा ससुर

जेवर: जेवर कोतवाली क्षेत्र में एक महिला ने अपने ससुर पर हलाला के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि ससुर पीड़िता के साथ रेप भी कर चुका है। इसकी शिकायत करने पर पीड़िता के पति ने उसे मायके में फोन कर तीन बार तलाक कह दिया था। वहीं इसके कुछ दिन बाद पति के भाई ने पीड़िता की छोटी बहन को भी इसी तरह तलाक दे दिया था। पीड़िता ने मामले की शिकायत जेवर कोतवाली पुलिस से की है। हालांकि पुलिस ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है। पीड़िता का आरोप है कि ससुर पहले उसकी जेठानी के साथ भी हलाला कर चुका है।


5. किसानों की मुआवजे, नौकरी समेत सभी मांगें अथॉरिटी ने मानीं

ग्रेटर नोएडा: जेवर एयरपोर्ट बनने के आसार नजर आने लगे है। यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन और सीईओ ने किसानों के मुआवजे, आबादी, नौकरी समेत सभी मांगें मान ली हैं। किसानों को 23 लाख रुपये प्रति बीघा मुआवजा, जिस जमीन पर किसान बसे है उसकी 50 प्रतिशत जमीन विकसित करके दी जाएगी। जमीन पर बने मकानों की दो गुना कीमत दी जाएगी। किसानों के बच्चों को योग्यता के अनुसार एयरपोर्ट पर नौकरी मिलेगी। अब तक 450 किसान 350 हेक्टेयर जमीन देने के लिए सहमति दे चुके हैं। पहले चरण में 850 हेक्टेयर जमीन किसानों से ली जानी है। यह जानकारी यमुना अथॉरिटी चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार और सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने शनिवार को जीबीयू में दी।

उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन लेने को लेकर 23 अगस्त को जीबीयू में 6 गांवों के किसानों के साथ मीटिंग की थी। जेवर नगर पंचायत के पास किसानों को बसाने के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। जिस जगह किसानों को बसाया जाएगा उस को सेक्टर से भी बेहतर विकसित किया जाएगा। यहां हॉस्पिटल, पार्क, खेल का मैदान, कम्युनिटी सेंटर, स्कूल, सीवर, सीसी रोड, स्ट्रीट लाइट, पेयजल, मार्केट समेत तमाम सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी। विकसित होकर मिलने वाली जमीन की रजिस्ट्री में लगने वाला स्टांप शुल्क भी नहीं लगेगा। जो किसान सबसे कम जमीन पर बसा है उसे कम से कम 40 वर्ग मीटर का प्लॉट दिया जाएगा। किसानों को 31 अगस्त तक सहमति से जमीन देने के लिए फॉर्म 5ए में भरकर देना है। किसानों की बगैर सहमति के एक इंच भी जमीन नहीं ली जाएगी।


6. एसएसपी ने 100 नंबर पर दी सफारी लूट की सूचना

नोएडा: पुलिस की चुस्ती जांचने के लिए किए गए एसएसपी के मॉक टेस्ट की वजह से नोएडा पुलिस शुक्रवार रात भर भागती रही। एसएसपी डॉ़ अजयपाल शर्मा ने वायरलेस पर सूचना प्रसारित करवाई कि गॉल्फ कोर्स के पास आई-20 कार सवार बदमाशों ने सफारी कार लूटने का प्रयास किया है। पीड़ित ने कार की चाभी नहीं छोड़ी और बदमाशों से भिड़ गया। इस छीना-झपटी में कार की चाभी टूट गई। इसके बाद बदमाश भंगेल की ओर निकल गए। उनकी सूचना पर थाना सेक्टर 39, 49 और फेज टू पुलिस ने गॉल्फ कोर्स से लेकर भंगेल तक घेराबंदी कर दी। थाना सेक्टर-39 पुलिस गॉल्फ कोर्स पहुंची तो वहां उन्हें न कार मिली और न ही पीड़ित। एसएचओ अमित कुमार सिंह ने बताया कि एसएसपी ने टेस्ट लिया था। वह वायरलेस पर लूट की सूचना देकर पुलिस की टाइमिंग चेक करना चाहते थे।


7. घर जाने के लिए बसों की छत पर बैठकर की यात्रा

ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा स्थित परी चौक पर शनिवार को पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रही। बाद में जाम को देखते हुए पुलिस को रूट डायवर्ट करना पडा।

रक्षाबंधन पर बस से घर जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पडा। सीट न मिलने की वजह से कुछ यात्रियों को बस की छत पर सफर करना पडा। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं और बच्चों को हुईं। दोपहर से ही बसों में भीड़ बढ़ने लगी। कई बसों की छत से रोडवेज डिपो प्रबंधन ने लोगों को नीचे भी उतारा, लेकिन भीड़ इतनी थी कि छत पर यात्रा करना उनकी मजबूरी थी। वहीं भीड़ को देखते हुए परिवार के साथ आए लोग बस के लिए घंटों इंतजार करते रहे।


8. लूट की घटना में एसएसपी का कहन

शुक्रवार देर रात में पुलिस की मुश्तैदी की जांच के लिए की गई टेस्ट रिपोर्ट में सबसे अच्छा प्रदर्शन थाना सेक्टर-39 पुलिस का रहा। पुलिस 4 मिनट में मौके पर पहुंच गई। ग्रेटर नोएडा के थानों का प्रदर्शन खास अच्छा नहीं रहा। वहीं, लूट की वारदात में 2 वाहन लूटे गए हैं। अन्य को बरामद कर लिया गया है। शिकायतों को आधार पर पुलिस लूटपाट करने वाले बदमाशों को जल्द गिरफ़्तार करने का प्रयास कर रही है।

डॉ अजयपाल शर्मा- एसएसपी गौतमबुद्ध नगर


9. दो पक्षों में मारपीट, 6 घायल

दादरी: दादरी कोतवाली एरिया के कोट गांव में पुरानी रंजिश के चलते दो पक्षों में जमकर लाठी-डंडे चले। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दी है। वहीं, पुलिस ने दोनों पक्षों के 6 लोगों को हिरासत में ले लिया है।

कोट गांव के देशराज का आरोप है कि शुक्रवार रात फॉच्यूर्नर सवार 6 लोग घर पर आए और कोर्ट में चल रहे मुकदमे में फैसला करने का दबाव बनाने लगे। इससे इनकार करने पर परिवार के लोगों को झूठे मामले में फंसा कर एनकाउंटर कराने की धमकी देने लगे। मारपीट के दौरान शोर सुनकर पड़ोसी पहुंचे तो आरोपी मौके से फरार हो गए। वहीं दूसरी तरफ ग्राम प्रधान विपिन कुमार उर्फ सोनू का आरोप है शनिवार सुबह गांव पहुंचने पर रास्ते में कई बाइक सवार लोगों ने उनकी फॉच्यूर्नर के सामने बाइक खड़ी कर रोक लिया और मारपीट करके घायल कर दिया।

दादरी कोतवाली के एसएचओ रामसेन सिंह ने बताया कि पुरानी रंजिश को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया था। रिपोर्ट दर्ज कर एक पक्ष से 4 और दूसरे से 2 लोगों को गिरफ्तार कर एसडीएम कोर्ट में पेश किया है।


10. ‘पेड़ों की कीमत पर नहीं चाहिए पार्क’

नोएडा: सेक्टर-91 में बनाए जा रहे बॉयो डायवर्सिटी पार्क के विरोध में आसपास की सोसायटियों में रहने वाले लोग मुखर हो गए हैं। उनका आरोप है कि अथॉरिटी सिटी फॉरेस्ट का लैंड यूज बदलकर उसे रिक्रेएशनल पार्क के रूप में डिवेलप कर रही है। इसके लिए बड़े पैमाने पर यहां लगे पेड़ों को काटा जा रहा है। इसके लिए सफेदा के पेड़ काटे जाने की बात कही जा रही है लेकिन इनकी आड़ में सभी तरह के पेड़ काटे जा रहे हैं। नीम के पेड़ काटने पर वन विभाग ने अथॉरिटी के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है।

अपने आसपास का जंगल उजड़ता देख आसपास के लोग शनिवार को बड़ी संख्या में सेक्टर-93 बी की ऑमैक्स स्पा सोसायटी के बाहर इकट्ठे हुए और प्रदर्शन करते हुए पैदल मौके पर पहुंचे।

प्रदर्शन के दौराज काफी संख्या में बच्चे और बुजुर्ग भी पोस्टर-बैनर हाथों में लेकर मार्च में शामिल हुए। लोगों का कहना है कि यह सिटी फॉरेस्ट करीब 75 एकड़ में सेक्टर-92, 93, 136, 137 समेत कई सेक्टरों में फैला है।

‘काट दिए 3 हजार पेड़’

प्रदर्शन में शामिल सेक्टर-93 में रहने वाले हेमंत ने बताया कि 2021 के नोएडा मास्टर प्लान में यह इलाका सिटी फॉरेस्ट के रूप में चिह्नित है। 2031 के मास्टर प्लान में इसे रिक्रिएशनल पार्क में बदल दिया गया है। पिछले दो महीने से यहां पेड़ काटे जा रहे हैं। इस पार्क में एंफी थिएटर, एक बहुउद्देशीय हॉल, फूड कोर्ट, फव्वारे और दो तालाब बनाए जाने हैं। इसके लिए अब तक तीन हजार पेड़ काटे जा चुके हैं, जबकि छह हजार पेड़ और काटे जाने हैं। इसके लिए सफेदा के पेड़ों की उम्र पूरी हो जाने का बहाना बनाया जा रहा है। पेड़ों के कटने से यहां की वाइल्ड लाइफ खत्म होती जा रही है। यहां पर 50 अलग-अलग प्रजातियों के जानवर व पक्षी थे। पेड़ काटे जाने से अब सब लापता हो गए हैं।

‘कोर्ट और एनजीटी जाएंगे’

सेक्टर-93 निवासी गुनीत औलक के अनुसार नोएडा में पहले से कई बड़े पार्क हैं। उन्हीं का ठीक से रखरखाव नहीं हो रहा है। जंगल के पेड़ों से जो ऑक्सीजन मिलती है, वह पार्क नहीं दे सकता। पार्क जंगल की जगह कभी नहीं ले सकता है। लिहाजा उनकी मुख्यमंत्री से मांग है कि पेड़ काटे जाने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाए। फॉरेस्ट एरिया में किसी तरह के निर्माण को रोका जाए और इसे रिजर्व फॉरेस्ट बना दिया जाए। जितने पेड़ों को अब तक काटा गया है, उतने ही तुरंत लगाए जाएं। गुनीत के अनुसार अगर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह कोर्ट और एनजीटी का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

अथॉरिटी का यह है कहना

अथॉरिटी के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट डिप्टी डायरेक्टर महेंद्र प्रकाश ने बताया कि इस पार्क को 48 करोड़ रुपये की लागत से अगले छह महीने में तैयार किया जाएगा। यह दिल्ली-एनसीआर का बेहतरीन पार्क होगा। कई साल पहले जमीन पर अतिक्रमण कर कब्जा करने से रोकने के लिए यहां सफेदा के पेड़ लगाए ग

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