वर्षा-ऋतुभूमिका- धरती जब तपने लगती है , जब आकाश में घुमारते बादल उसे सांत्वना देने पहुँचते हैं | पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, मानव सब भीषम गर्मी से परेशान होकर वर्षा-ऋतु की प्रतीक्षा करते हैं | ऋतुओं...
[[ This is a content summary only. Visit my website for full links, other content, and more! ]]