दोस्तों, आपसे रूबरू होते हुए नौ साल हो गए! मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि इन नौ सालों में आपका जो अपार स्नेह 'आपकी सहेली' को मिला वो अतुलनीय है। ये आपका प्यार और विश्वास ही है कि आपकी सहेली के आज तक के पृष्ठ दृश्य है 55,99,800! एक हिंदी और व्यक्तिगत ब्लॉग के इतने पृष्ठ दृश्य! सचमुच आप लोगों के प्यार से अभिभूत हूं।
Related Articles
जब मैं ने ब्लॉग लिखना शुरू किया था तब एक ही बात मन में थी कि मैं मेरे विचार अन्य लोगों तक पहुंचाऊं...मुझे जो कुछ आता है वो बाकि लोगों को बताऊं ताकि उनको जिंदगी की छोटी-छोटी समस्याओं को सुलझाने में आसानी हो...हमारा समाज आज भी अंधविश्वासों से घिरा हुआ है, उससे वो बाहर आएं...आजकल लड़कियां पढ़ाई के लिए घर से बाहर रहती है जिससे उन्हें किचन की,घर-गृहस्थी चलाने की छोटी-छोटी बातें पता नहीं होती। इसके परिणामस्वरूप शादी के बाद नई गृहस्थी का संचालन करने में उन्हें कठिनाई आती है। मेरी कोशिश है कि मैं उन्हें घर-गृहस्थी की छोटी-छोटी लेकिन काम की बातें बताऊं ताकि उन्हें अपना जीवन सरलता से जीने में सहायता हो।
मैं किसी भी तरह, मुझसे जितना भी बन सके, कुछ ऐसा करना चाहती हूं जिससे बाकि लोगों को फायदा हो! जैसे हाल ही में मैं ने शादी में गाए जाने वाले रातिजगा के गीतों की पोस्ट डाली थी। ये पोस्ट लिखने के लिए मैंने ढेर सारी बुजुर्ग महिलाओं से संपर्क किया, गीतेरन (गीत गानेवाली) आदि से भी पूछा, कई गीतों की किताबें खंगाली, नेट पर सर्च किया तब जाकर ये पोस्ट बन पाई। यह पोस्ट लिखते वक्त सबसे बड़ी समस्या थी कि ज्यादातर बुजुर्ग महिलाओं को भी पता नहीं था कि रातिजगा में कौन-कौन से गीत गाए जाते है। सच बताऊं तो मुझे स्वयं को भी पता नहीं था। लेकिन बहुत सारी महिलाओं के सहयोग से एक ऐसी पोस्ट बन कर तैयार हुई कि अब सभी को इसकी सही जानकारी मिल जाएगी। सबसे बड़ी बात कि मैं ने इसमें के ज्यादातर गीत आसान भाषा में लिखे है ताकि हर कोई वो गा सके। किताबों में गीतों की जो भाषा है वो शुद्ध मारवाडी में है जो आजकल की बहु-बेटी को नहीं समझ में आती।
ये पोस्ट पढ़ कर कई प्रतिक्रियाएं ऐसी आई, जिन्हें सुनकर मैं अभिभुत हो गई। कुछ ने तो यहां तक कहा कि काश, ये गीत हमें पहले पता चल जाते तो हम हमारे बच्चों की शादी में हमारे देवी देवताओं के गीत गा सकते थे! शुद्ध मारवाडी में होने से हम हमारे ही देवी-देवताओं के गीत नहीं गा पाते थे!! इस पोस्ट को आप यहां पर क्लिक करके पढ़ सकते है। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब कोई कहता है कि तुम्हारी अमुक ब्लॉग पोस्ट पढ़ कर हमारे मन से अमुक भ्रम दूर हुआ हैं। तुमने जो अमुक रेसिपी डाली थी वो मैं ने बनाई...बहुत अच्छी बनी। जब ऐसी टिप्पणियां मिलती हैं तो बहुत ख़ुशी मिलती हैं। ऐसा लगता हैं कि मेरा ब्लॉग लेखन का कार्य सफल हो रहा हैं...
इस तरह मुझे यह बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही हैं कि मैंने जिस उद्देश्य से ब्लॉग लिखना शूरू किया था वो उद्देश्य सफल हो रहा है...मुझे पूरा विश्वास है कि आगे भी आप सभी के सहयोग से मैं मेरे इस अभियान की निरंतरता कायम रख पाउंगी।
जानिए, आपकी सहेली का आज तक का सफर-
कूल ब्लॉग पोस्ट- 720
कूल टिप्पणियां- 9,921
कुल पृष्ठ दृश्य- 55,99,778
टॉप बीस देशों में पढ़े गए पृष्ठदृश्य
मैं आभारी हूं मेरे सभी पाठको की, ब्लॉगर साथियों की...जो अपने व्यस्ततम समय में से समय निकालकर मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी करके मेरी हौसला अफजाई करते है। मुझे पूरी आशा है कि आगे भी आप सभी का सहयोग, प्यार और आशिर्वाद 'आपकी सहेली' को ऐसे ही मिलता रहेगा...
अंत में दिल से एक बात बोलूं...
लोग कहते है कि...
क्या लेकर आए हो और क्या लेकर जाओगे...
मैं कहती हूं...
एक दिल लेकर आई थी...
हजारों दिलों में जगह बनाकर जाऊंगी...!!!
ईश्वर से यहीं प्रार्थना है कि मैं रहूं न रहूं...मेरा लिखा हमेशा रहे...ताकि इस दुनिया से जाने के बाद भी मैं किसी न किसी रूप में किसी के काम आ सकूं...!!!
This post first appeared on आपकी सहेली जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ देहलीवाल, please read the originial post: here