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ऋषि सुनक: इसे कहते है अपनी संस्कृति और धर्म पर गर्व करना!!


दोस्तो, हम देखते है कि कई लोग विदेश जाकर अपनी संस्कृति और धर्म भूल जाते है। उन्हें अपने रीति-रिवाजों से शर्म आती है इसलिए वे पश्चिमी सभ्यता को अपनाने का दिखावा करते है। वे अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करते है। लेकिन ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बावजूद गर्व से कहा कि मैं एक हिंदू हूं और हिंदू होना ही मेरी पहचान है। ये बयान देते वक्त उन्होंने ये नहीं सोचा कि इससे ब्रिटेनवासी नाराज हो जाएंगे! वो भी तब जब सिर्फ़ भारतीय होने की वजह से सुनक, लिस ट्रस से करीब 20 हजार वोटों से हार गए थे। 

जिस ब्रिटेन के ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर 200 सालों तक शासन किया, उसी ब्रिटेन ने एक भारतीय मूल के निवासी ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को प्रधानमंत्री बनाया है! हम सभी भारतीयों के लिए यह बहुत ही गौरव की बात है। हमारे लिए सबसे बड़ी गौरव की बात यह है कि ब्रिटेन के सर्वोच्च पद पर बैठने के बावजूद, पाश्चात्य संस्कृति में रमने के बावजूद वे अपनी मूल संस्कृति को नहीं भूले! खुद को हाई फाई दिखाने के लिए अपनी संस्कृति से दूर नहीं भागे!! 

दोस्तों, हमें यह बात नहीं भूलना चाहिए कि सुनक भारतीय होने के कारण, हिंदू होने के कारण या अल्पसंख्यक होने के कारण ब्रिटेन के प्रधानमंत्री नहीं बने है। उन्होंने अपनी ईमानदारी, करुणा और परोपकार से लोगों का भरोसा जीता है। वे अपनी संस्कृति के साथ दूसरी संस्कृति में घुलमिल गए। जरूर सुनक हिंदू है लेकिन हिंदू होने के बावजूद वे ब्रिटेन में सिर्फ़ हिंदुओं के नेता नहीं है। वे ब्रिटेन के सर्व समावेशी नेता है! ब्रिटेन की राजनीति में 'ब्रिटेन फर्स्ट' की भावना के साथ उन्होंने कई बार अपनी मौजुदगी और काबिलियत दर्ज कराई है। 

आइए जानते है कि ऋषि सुनक ने कौन कौन से मौकों पर दुनिया के सामने अपनी संस्कृति को जगजाहिर किया। 
• चुनाव जीतने के बाद जब ऋषि सुनक ने पहला भाषण दिया तो उनकी कलाई पर कलावा (रक्षा सूत्र) बांधा हुआ था। हिंदू धर्म में कोई भी धार्मिक कार्य के बाद हाथ पर रक्षा सूत्र बांधना शुभ माना जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि पश्चिम में रहते हुए हुए भी उन्होंने अपनी संस्कृति नहीं छोड़ी! 
• उन्होंने 2009 में इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हिंदू रीति-रिवाजों से शादी की थी। कृष्णा और अनुष्का उनकी दो बेटियां है। 
• ऋषि सुनक 2020 में जब ब्रिटेन के वित्त मंत्री बने थे तब उन्होंने भगवद्गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। उन्होंने कहा था -मैं अब ब्रिटेन का नागरिक हूं। लेकिन मेरा धर्म हिंदू है। मेरी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत भारतीय है। मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू हूं और मेरी पहचान भी हिंदू है। 
• नवंबर 2020 में ऋषि सुनक ने दिवाली पर 11 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर दीए जलाए थे, वे इस पल को उनकी जिंदगी का अहम क्षण मानते है। 
• ऋषि सुनक साल 2022 के अगस्त महीने में लंदन में गौ पूजन करते हुए नजर आ चुके हैं, जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था। 
• प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने दिवाली रिसेप्शन की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट में लिखा, "नंबर 10 में आज रात के दिवाली रिसेप्शन में आकर बहुत अच्छा लगा। मैं इस काम में एक ऐसा ब्रिटेन बनाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा जहां हमारे बच्चे और हमारे पोते-पोतियां अपने दीये जला सकें और भविष्य को आशा के साथ देख सकें। सभी को दीपावली की शुभकामनाएं!" 

उपरोक्त बातें हमें ऊपरी तौर पर छोटी जरूर लगेगी लेकिन एक सेलिब्रेटी पर पूरी दुनिया की नजर रहती है। उनके द्वारा किया गया छोटे से छोटा कार्य पूरी दुनिया के लिए मिसाल बनता है! इसलिए जो लोग हिंदू रीति-रिवाजों में पश्चिमी सभ्यता शामिल करने लगे है, उन्हें कम से कम एक बार ऋषि सुनक के बारे में जरूर जानना चाहिए कि कैसे एक इंसान विदेश में रहकर भी अपनी संस्कृति और धर्म को बिना शर्म के कायम किए हुए है। सचमुच ऋषि सुनक ने अपने छोटे छोटे कार्यों से बता दिया कि अपनी संस्कृति और धर्म पर गर्व करना किसे कहते है!!

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