दोस्तों, मैं नानी बन गई! मेरी बेटी दीपिका को दि.31-3-2022 को बेटा हुआ है। नानी, कितना प्यारा संबोधन! यह संबोधन जितना प्यारा लगता है उतना ही बुजुर्गियत का एहसास भी दिलाता है। कभी कभी लगता है कि अब दो-दो प्यारे प्यारे बच्चों की नानी बन गई हूं मतलब अब मुझ में बुजुर्गियत आनी ही चाहिए। लेकिन क्या करूं? दिल तो अभी बच्चा ही बने रहना चाहता है! दोहता दोहती के होने से तो अब उनके साथ और बच्चे बन हंसने-खेलने का मन करता है!
Related Articles
मेरी बेटी को पहली बेटी हुई थी। इसलिए हर पल एक उत्सुकता बनी हुई थी कि बेटा होगा या बेटी? देखिए गलत मत समझिए। आज के जमाने में बेटा या बेटी दोनों समान ही है। मेरी बेटी या दामाद को भी बेटा या बेटी कुछ भी हो वैसे फर्क नहीं पड़नेवाला था। यहां तक कि बेटी के सास-ससुर जी भी बहुत ही खुले विचारों के है। कभी भी उन्होंने ये नहीं कहा कि बेटा ही होना चाहिए। लेकिन यदि इंसान दो बच्चे के बारे में सोचता है तो चाहता है कि एक बेटा और एक बेटी हो। ऐसे में परिवार संपुर्ण सा लगता है। यदि दोनों बेटे हुए तो लगता है काश, एक बेटी होती और यदि दोनों बेटियां हुई तो लगता है काश, एक बेटा होता! इसी सोच के चलते हम सब ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे कि दूसरा बेटा हो और ईश्वर ने हमारी प्रार्थना सुन ली। ईश्वर ने हमारा दामन खुशियों से भर दिया। अब मेरी बेटी की जिंदगी में शब्द 'काश'...नहीं लगेगा इसी बात की खुशी है।
बिटिया की नौ माह की तपस्या के फलस्वरूप जश्न मनाने का अवसर आया है, मेरा अंश आगे बढ़ा है...
फीकी पड़ जाती है पूरे दुनिया की खुशियां सारी,
छोटे बच्चे की हर अदा होती है इतनी प्यारी।
बिटिया का बेबी को लेकर घर में स्वागत....
ईश्वर से यही प्रार्थना करती हूं कि, मेरा दोहता बिल्कुल स्वस्थ रहे...दिर्घायु हो...सबका राजदुलारा हो...सबका सम्मान करना सीखे... उसके दिल में सभी के लिए प्यार हो...वो देश का एक अच्छा नागरिक बने, ऐसा नागरिक जिस पर सभी को नाज हो...कीचड़ में भी कमल बन खिले...आत्मनिर्भर और संस्कारवान बने...सबसे जरूरी बात...जितनी इज्जत वो अपने बड़ी बहन की करे उतनी ही इज्जत वो दुनिया के हर लड़की की करें....
This post first appeared on आपकी सहेली जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ देहलीवाल, please read the originial post: here