क्या आप भी मोटे होने के डर से बिना घी की रोटी खाते है? क्या आपको लगता है कि घी खाने से कोलेस्ट्रोल बढ़ जाएगा? यदि हां, तो जानिए क्या है सच्चाई...
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सच्चाई ये है कि बड़ी बड़ी रिफाइंड और अन्य वनस्पति तेल कंपनियों ने डॉक्टरों के साथ मिल कर अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए घी के प्रति नकारात्मक पब्लिसिटी शुरू की थी कि घी से वजन और कोलोस्ट्रोल बढ़ता है। हिटलर कहा करता था कि झूठ बोलो, चिल्ला चिल्ला कर झूठ बोलो...झूठ भी सच हो जाएगा। ठीक वैसा ही घी के साथ हुआ। रोटी में घी लगा कर खाना नुकसानदायक नहीं बल्कि बहुत ही फायदेमंद है। घी हजारों गुनों से भरपूर है। खासकर गाय का घी तो अमृत है। आपने पंजाब और हरियाणा के निवासियों को देखा होगा। वे टनों घी खाते है फ़िर भी सबसे अधिक फिट है! रोटी में घी लगा कर खाना बेहद जरूरी है। यदि आपको लगता है कि ऐसा करने से आपका वजन या कोलेस्ट्रोल बढ़ेगा तो आप अपनी सोच को बदल दीजिए। क्योंकि यदि सीमित मात्रा में रोटी में घी लगा कर खाया जाए तो इससे वजन कम ही होता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर किसी के लिए घी का सेवन फायदेमंद ही होता है।
घी खाने से होने वाले फायदे-
• रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है आयुर्वेद में घी को औषधी माना गया है। घी वात और पित्त को शांत कर कफ को भी संतुलित करता है। इससे स्वस्थ वसा प्राप्त होती है, जो लिवर और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को ठीक करती है।
• दिल से जुड़ी बीमारियां नहीं होती
घी और रोटी एक ल्युब्रिकेंट्स की तरह हार्ट और वेसल्स के काम को सुचारू रखते है। इससे हार्ट ब्लॉकेज नहीं होता। जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां नहीं होती।
• पाचनशक्ति बेहतर होती है
घी का स्मोकिंग पॉइंट दूसरी वसाओं की तुलना में बहुत अधिक होने के कारण पकाते समय ये आसानी से नहीं जलता। घी में स्थीर सेचुरेटेड बॉण्ड्स बहुत अधिक होते है जिससे फ्री रेडिकल्स निकलने की आशंका बहुत कम होती है। घी की छोटी फैटी एसिड की चेन को शरीर बहुत जल्दी पचा लेता है। इसी कारण जब हम रोटी और घी साथ में खाते है, तो पाचनशक्ति बेहतर हो जाती है।
• वजन कम होता है
शुद्ध घी में सीएलए होता है और ये मेटाबॉलिज्म को एक्टिव रखता है। इससे वजन कम होने में सहायता मिलती है। आयुर्वेद की मानें तो एक ग्लास दूध में 1 चम्मच घी डाल कर पीने से कब्ज की समस्या दूर होती है। पाचन बराबर होने से वजन भी कम होता है। आप दूध की जगह गर्म पानी का भी इस्तेमाल कर सकते है। गर्म पानी में घी डाल कर पीने से स्किन भी सॉफ्ट और चमकदार होती है और जोडों में दर्द की समस्या भी नहीं होती।
• शुगर पेशंट के लिए उपयोगी
सीएलए इंसुलिन की मात्रा को कम रखता है। जब घी रोटी के साथ मिलता है तो इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाता है जिससे ये खुन में तुरंत तब्दिल नहीं हो पाता। इस कारण शुगर लेवल नहीं बढ़ता।
• इम्युनिटी बढ़ती है
घी और रोटी खाने से ब्लड सेल में जमा कैल्शियम को हटाने में मदद मिलती है। जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। इससे इम्युनिटी बढती है।
• कोलेस्ट्रोल घटता है
घी पर हुए शोध बताते है कि इससे रक्त और आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रोल कम होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि घी से बाइलरी लिपिड का स्त्राव बढ़ जाता है।
• कमजोरी दूर करने में सहायक
घी के सेवन से शरीर की तकत बढती है। इसलिए कमजोर लोगों को घी खाने की सलाह दी जाती है। शिशुओं के आहार में भी घी जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि इससे उनका मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का विकास ठीक ढंग से होता है।
• प्रेगनेंसी के दौरान फायदेमंद
प्रेगनेंसी के दौरान देशी घी या देशी घी में बनी चीजें खाने से शरीर अंदर से खुश्क नहीं होता। प्रेगनेंसी के दौरान दूध में एक चम्मच देशी घी डाल कर पीने से प्रसव के दौरान लेबर पेन कम होता है और अन्य समस्याएं भी कम आती है।
घी कितना खाना चाहिए?
इसमें कोई शक नहीं कि पोषक तत्वों से भरपूर घी सेहत के लिए कई तरह के फायदेमंद है और वेट लॉस में भी मदद करता है लेकिन अगर बहुत अधिक मात्रा में घी का सेवन किया जाए तो हाई सैचुरेटेड फैट से भरपूर घी नुकसानदेह भी साबित हो सकता है। इसलिए रोजाना 1 से 2 चम्मच से ज्यादा घी का सेवन न करें।
जो लोग दिल से जुड़ी बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर या मोटापे के शिकार हैं, उन्हें तो बहुत ही कम मात्रा में घी खाना चाहिये।
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