अक्सर जब बच्चे बैठे-बैठे पैर हिलाते है, तो बड़े बुजुर्ग उन्हें पैर हिलाने के लिए मना करते है। पहले के जमाने में बच्चे बड़ों की हर बात बिना तर्क वितर्क के मान लेते थे। लेकिन आजकल के बच्चों को जब भी कोई कार्य करने से मना किया जाता है, तो उन्हें वाजिब कारण बताना बहुत ही जरूरी हो जाता है। क्योंकि आजकल के बच्चों को जब तक कोई भी कार्य क्यों नहीं करना है, यह नहीं बताया जाता है, तब तक वे उस बात को मानते नहीं है।
Related Articles
जब बच्चे पूछते है कि बैठे-बैठे पैर क्यों नहीं हिलाना चाहिए, तो ज्यादातर लोगों को इसका सटिक जबाब पता नहीं होता। आइए, जानते है बैठे-बैठे पैर क्यों नहीं हिलाना चाहिए? क्या है इसके दुष्परिणाम...
धार्मिक कारण-
माना जाता है कि जो व्यक्ति बैठे-बैठे पैर हिलाता है, उससे माँ लक्ष्मी नाराज हो जाती है, जिससे उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति ख़राब हो जाती है। साथ ही में किसी भी पूजा-पाठ के वक्त पैर हिलाना अशुभ माना जाता है।
वैज्ञानिक कारण-
आजकल की नई पीढ़ी धार्मिक कारणों को कम मानती है। इसलिए उन्हें धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण बताना भी जरूरी हो जाता है। बैठे-बैठे पैर हिलाना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही हानिकारक है। पैर हिलाने से घुटनों और जोडों के दर्द की समस्या हो जाती है। पैरों की नसों पर दबाव पड़ने का दिल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ने लगता है। बैठे-बैठे पैर हिलाना यह सिर्फ़ एक आदत ही नहीं बल्कि एक बीमारी है और इस बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। इस बीमारी को ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ (Restless Legs Syndrome) कहा जाता है।
‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ एक नर्वस सिस्टम से जुड़ा रोग है। पैर हिलाने पर शरीर में डोपामाइन हार्मोन रिलीज होने लगता है। इस कारण पैर हिलाते रहने पर व्यक्ति को अच्छा लगता है, जिस वजह से उसका बार-बार पैर हिलाने का मन करता है। यह रोग अक्सर शरीर में आयरन की कमी के कारण होता है। इसके अलावा वजन का ज्यादा होना, पर्याप्त नींद न लेना, व्यायाम न करना, शराब और सिगरेट का अत्यधिक सेवन करना भी इसके मुख्य कारण है।
शोध के अनुसार, ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ से पीड़ित लोग नींद आने से पहले 250 से 300 बार अपने पैर हिला चूके होते है। इससे ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट्स बढ़ती है, जो भविष्य में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की सबसे बड़ी वजह बनती है। इन सभी कारणों से बैठे-बैठे पैर नहीं हिलाना चाहिए। यदि आपको यह आदत है, तो इसे तुरंत ही बदल डालिए।
This post first appeared on आपकी सहेली जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ देहलीवाल, please read the originial post: here