पाकिस्तान ने सरबजीत मामले में जो कुछ भी किया वो नया नही है ...ये तो उसकी फितरत ही है...!सरबजीत से सुरजीत अपने आप नही हो गया ,बल्कि ये सोच समझ के किया गया ...!पाकिस्तान जान बूझ कर सब करता है !देखिये जब भारत ने पृथ्वी मिसाइल बनाई तो ये जमीन से जमीन पर मार करने वाली थी सो इसे नाम दिया -पृथ्वी !लेकिन पाकिस्तान ने छोटे दिमाग से सोचते हुए इसका जवाब तैयार किया - गौरी !यानि उसने इसे पृथ्वी राज चौहान और मोहमद गौरी से जोड़ दिया ! भारत ने बाद में बनाई -अग्नि [हवा में मार करने वाली ],सागरिका [जल से हवा में ] और ब्रह्मोस आदि ! लेकिन पाकिस्तान का जवाब क्या था देखिये...गजनवी ,बाबर ,गौरी आदि...! लेकिन पाकिस्तान इन्हें बनाते समय ये भूल गया की युद्ध हथियारों से नही बल्कि हौंसलों से जीते जाते है....१९७१ में अमेरिकी हथियार भी उसे हार से नही बचा सके..
भारत सरकार हर बार पाकिस्तान से ढंग से पेश आती है ,लेकिन इनके तो लहू में ही गद्दारी ,धोखा है ,अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल से कोशिश की थी की शायद कश्मीर समस्या हल हो जाये !उल्टा हुआ क्या ...नवाज़ ने पीठ में छुरा घोम्पते हुए हम पर कारगिल युद्ध थोप दिया ? फिर हम क्यूँ बार बार उसका विश्वास करें ?भारत में हर जगह बम्ब विस्फोट और फिर मुंबई हमला क्या माफ़ किया जा सकता है ?.
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पाकिस्तान ने भारत की अर्थ व्यवस्था को चौपट करने के लिए नकली नोट छापने का भी काम शुरू किया है ,जब कोई पूरी सर्कार ही नकली नोट छापने लगे तो चिंता की बात है ,इसी प्रकार आंतक वादियों को पासपोर्ट और हथियार उपलब्ध कराना भी उसके प्रिय शगल है !याद है वो विमान अपहरण काण्ड ,जिसके अपहरण कर्ताओं को पाकिस्तान ने पूरी मदद दी थी ....ऐसे देश जिस की नस नस में ज़हर भरा हो ,पर कैसे और क्यूँ विश्वास करें ?
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