..शिक्षा निदेशालय बीकानेर में पूरे राजस्थान से शिक्षक अपनी समस्याएँ लेकर आते है लेकिन इन सब की भीड़ के बीच एक शक्स ऐसा भी है जो शिक्षक नही है पर अकेला ही जोर जोर से नारे लगाता घूम रहा है! एक कागज के बनाये स्पीकर को लेकर पूरे परिसर में इस तरह विरोध करना इनका रोज़ का कार्य है !इनका बेटा यश दवे स्थानीय निजि स्कूल में पिकनिक के समय शाला स्टाफ की गलती से अपनी जान गँवा बैठा !इसके बाद स्कूल ने बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया !बस इसी बात से खफा यश दवे के पिता आज 85 दिनो से निदेशालय में धरने पर है और मारे मारे फिर रहे है ,उनकी आवाज़ नक्कार खाने में तूती बन कर रह गयी है! आज पूरे बीकानेर की समाज सेवी संस्थाएँ भले ही उनके साथ ना हो ...लेकिन जिस बाप ने अपना इकलौता बेटा खोया हो और जिसे न्याय ना मिले ..वो करे भी तो क्या करे ? सर्दी गर्मी बरसात में भी अपना विरोध जारी रखे हुए है....
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