Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

भारत में उपस्थित यह 10 गुरूद्वारे हर भारतीय को गौरवान्वित करते है

भारत पूरी दुनिया के तमाम देशो के बीच एक अनोखा देश है, जहाँ अनेकों संस्कृति, धर्म, भाषा व समुदाय के लोग रहते है. हम इस पोस्ट में आज सिख समुदाय के पवित्र गुरूद्वारे के बारे में आपको बताने जा रहे है, ये देश के सुप्रसिद्ध गुरूद्वारे है जहाँ पर अनेकों सेवा कार्य चल रहे है, हर वर्ग का व्यक्ति इन गुरुद्वारों में सेवा के कार्य कर रहा है.

1.Gurudwara Bangla Sahib, Delhi | गुरुद्वारा बंगला साहिब, दिल्ली


मध्य दिल्ली में स्थित गुरुद्वारा बंगला साहिब यह जगह पहले राजा जय सिंह की थी, जिसे बाद में गुरु हरकिशन जी की याद में एक गुरुद्वारे में बदल कर दिया गया. शुरुआती दिनों में इसे जयसिंहपुरा पैलेस कहा जाता था, जो बाद में बंगला साहिब के नाम से मशहूर हुआ.

2. Gurdwara Sri Keshgarh Sahib, Punjab| गुरुद्वारा श्री केश्घर साहिब, पंजाब


गुरुद्वारा श्री केश्घर साहिब, पंजाब के आनंदपुर शहर में स्थित है. कहा जाता है कि आनंदपुर शहर की स्थापना सिखों के 9वें गुरू तेग बहादुर ने की थी. साथ ही यह गुरुद्वारा सिख धर्म के खास 5 तख्तों में से एक है. इसी कारणों से इस गुरुद्वारे को बहुत ही खास माना जाता है.

3. Gurudwara Manikaran Sahib, Himachal Pradesh | गुरुद्वारा मणिकरण साहिब, हिमाचल प्रदेश


गुरुद्वारा मणिकरण साहिब मनाली के पहाड़ों के बीच बना हुआ है और इसलिए यहां का नजारा बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है। ऐसा कहा जाता है कि यह पहली जगह है जहां गुरू नानक देव जी ने अपनी यात्रा के दौरान ध्यान किया था. यह गुरुद्वारा जिस पूल पर बना हुआ है, उसी पूल के दूसरे छोर पर भगवान शिव का बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है. इसी वजह से यह जगह और भी खास मानी जाती है.

4. Takht Shri Damdama Sahib, Punjab | तख़्त श्री दमदमा साहिब, पंजाब


दमदमा का मतलब ‘श्वास या आराम स्थान’ होता है. गुरुद्वारा श्री दमदमा साहिब सिखों के पांच तख्तों में से एक है. यह पंजाब के बठिंडा से 28 किमी दूर दक्षिण-पूर्व के तलवंडी सबो गांव में स्थित है. मुगल अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी यहां आकर रुके थे. इस वजह से इसे ‘गुरु की काशी’ के रूप में भी जाना जाता है.

5. Fatehgarh Sahib, Punjab | फतेहगढ़ साहिब, पंजाब


फतेहगढ़ साहिब पंजाब के फतेहगढ़ जिले में मौजूद है. ऐसी मान्याता है कि वर्ष 1704 में साहिबज़ादा फतेह सिंह और साहिबज़ादा जोरावर सिंह को फौजदार वज़ीर खान के आदेश पर यहां दीवार में जिंदा चिनवा दिया गया था. यह गुरुद्वारा उन्हीं की शहादत की याद में बनाया गया था. गुरुद्वारे की मुख्य विशिष्टता सिख वास्तुकला का नमूना है जिसमें सफ़ेद पत्थर की संरचनाएं एवं स्वर्ण गुंबद है।

6. Gurudwara Sis Ganj Sahib, Dehli | सीस गंज गुरुद्वारा, दिल्ली


यह दिल्ली का सबसे पुराना और ऐतिहासिक गुरुद्वारा है. यह गुरु तेग बहादुर और उनके अनुयायियों को समर्पित है. इसी जगह गुरू तेग बहादुर को मौत की सजा दी गई थी, जब उन्‍होंने मुगल बादशाह औरंगजेब के इस्‍लाम धर्म को अपनाने के प्रस्‍ताव को ठुकरा दिया था. यह गुरूद्वारा 1930 में बनाया गया था, इस जगह अभी भी एक ट्रंक रखा है, जिससे गुरू जी को मौत के घाट उतार दिया गया था.

7. Gurudwara Paonta Sahib, Himachal Pradesh | गुरुद्वारा पांवटा साहिब, हिमाचल प्रदेश


पांवटा साहिब गुरुद्वारा दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को समर्पित है. यह हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है. इसी जगह पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने जीवन के चार साल बिताए और इसी जगह पर दशम ग्रन्थ की रचना की. गुरुद्वारे का एक संग्रहालय है, जो गुरु के उपयोग की कलम और अपने समय के हथियारों को दर्शाती है.

8. Hazur Sahib Gurudwara, Maharashtra | हजूर साहिब गुरुद्वारा, महाराष्ट्र


हजूर साहिब सिखों के 5 तख्तों में से एक है. यह महाराष्ट्र के नान्देड नगर में गोदावरी नदी के किनारे स्थित है. इसमें स्थित गुरुद्वारा ‘सच खण्ड’ कहलाता है. गुरुद्वारे के भीतर के कमरे को अन्गिथा साहिब कहा जाता है. माना जाता है कि इसी स्थान पर 1708 में गुरु गोबिंद सिंह का अंतिम संस्कार किया गया था. महाराजा रणजीत सिंह के आदेश के बाद इस गुरूद्वारे का निर्माण सन 1832-1837 के बीच हुआ था.

9. Gurudwara Shri Hemkund Sahib, Uttarakhand | गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब, उत्तराखंड


गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में है. यह गुरुद्वारा समुद्र स्तर से 4000 मीटर की ऊंचाई पर है. बर्फबारी के कारण यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसे अक्टूबर से अप्रैल तक बंद कर दिया जाता है. यह गुरुद्वारा बेहद सुंदर होने के साथ-साथ एक बहुत ही अच्छी वास्तु कला का भी उदाहरण है.

10. Gurdwara Harmandir Sahib, Punjab | गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब सिंह, पंजाब


अमृतसर के इस गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब सिंह को श्री दरबार साहिब और स्वर्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं. यह गुरुद्वारा बेहद सुंदर होने के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इसे भारत के मुख्य दर्शनिक स्थलों में भी गिना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस गुरुद्वारे को बचाने के लिए महाराजा रणजीत सिंह जी ने इसके ऊपरी हिस्से को सोने से ढंक दिया था, इसलिए इसे स्वर्ण मंदिर का नाम भी दिया गया था.

दोस्तों यह थे भारत के कुछ प्रसिद्द गुरूद्वारे. इसी प्रकार की रोचक जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़ें रहे. धन्यवाद.

The post भारत में उपस्थित यह 10 गुरूद्वारे हर भारतीय को गौरवान्वित करते है appeared first on Dil Se Deshi.



This post first appeared on Dil Se Deshi : A Hindi Blog For Indian Culture And Education, please read the originial post: here

Share the post

भारत में उपस्थित यह 10 गुरूद्वारे हर भारतीय को गौरवान्वित करते है

×

Subscribe to Dil Se Deshi : A Hindi Blog For Indian Culture And Education

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×