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अकबर और बीरबल – Hindi kahaniyan 2, kahani

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अकबर और बीरबल – Akbar Aur Birbal

बीरबल एक महान विद्वान थे। वे अकबर के दरबार में अकबर के नीति बनाने में अकबर की मदद करते थे। बीरबल अकबर के सबसे करीब रहते थे क्योंकि वो बहुत विद्वान थे। अकबर कोई भी फैसला बीरबल से पूछा के ही लेते थे। इसी कारण और लोग जो अकबर के दरबार में थे वो बीरबल के घृणा का भाव रखने लगे।

उन्ही के एक अधिकारी ने अकबर को झूठ बोल कर अकबर को बीरबल के प्रति नफरत का भावना पैदा किया क्योंकि अकबर बीरबल से दूर रहें और उन्हें बीरबल के जगह दे दे। अकबर भी अपने अधिकारी के बात में आ गए। अब अकबर बीरबल के प्रति अपनी वहवार बदलने लगे थे।

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कुछ दिन बाद अकबर दरबार में एक प्रतियोगिता आयोजित करते हैं अपने अधिकारी के कहने पर। प्रतियोगिता का विसय था कि जो भी सबसे अधिक लिची खायेगा वो विजय होगा और अकबर के सबसे करीब रहेगा। विजय इस बात पर निर्भर करती थी कि जो व्यक्ति के पास सबसे ज्यादा बिज होगा वो जीत जाएगा।

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कुछ दिन बाद प्रतियोगिता शुरू हुआ और बहुत सारे लोग भाग लिया उसमे से बीरबल भी थे। प्रतियोगिता शुरू होता है सभी खाना शुरू करते हैं। दरबार का अधिकारी अकबर का मजाक उड़ाने का कोशिश कर रहे थे। दरअसल वो अकबर को पेटू दिखाना चाहते थे। वो सारे बिज जो वो खाए थे सारे बीरबल के जगह पर अपने पैर से गस्का दिया जिससे लगे कि बीरबल बहुत खाते हैं। जब प्रतियोगिता खत्म हुआ तो जज आए और सभी के बिज गिनने लगे बीरबल के पास बहुत बिज थे क्योंकि सारे अधकारी बीरबल की निंदा करने के लिए सारे बिज बीरबल के तरफ डाल दिए थे।

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बीरबल विजय हुए। अब जो अधिकारी उनसे घृणा करते थे वो कहने लगे बीरबल कितना खाते हैं। इसी कारण हमारे दरबार में धन की कमी होती हैं। सभी टिप्पणियां करने लगे बीरबल को बुरा लगा। अभी बीरबल दिमाग का इस्तमाल किया और कहा कि मैं तो बस लीची ही खाया हूं आप तो बिज भी खा गए अगर आपको ऐसा नहीं लगता है तो आपके खाए बिज कहा है। पूरी सभा में घृणा करने वाले लोगों की खुद बैजती हो गई और अकबर जीत भी गए। अब अकबर की नजर में बीरबल और इज्जत बढ़ गई।

शिक्षा: हमे कभी भी घृणा नहीं करना चाहिए इससे हमारा ही नुकसान होता है।



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