तू आग सी जल रही, मैं शोलो सा तप रहा। तू हवा सी बह रही, मैं साँसों में ही घुट रहा। तू जल सी बह रही, मैं उसी जल मैं डूब रहा। तू फूलों सी बहर रही, मैं काटो से जख्मी हो रहा। ये काल बोहोत कठीन हैं। ये काल बोहोत कठीन हैं।
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