ये इशारा तो किसी परवानगी से कम नहीं ये इशारा तो किसी परवानगी से कम नहीं रोज़ कुछ कर के गुज़रना तिश्नगी से कम नहीं एक बच्चा जो अधूरा ख़्वाब लाया गांव से शहर दिन भर घूमना आवारगी से कम नहीं हर दफ़ा गर्दन नहीं झुकती किसी तलवार पे माफ़ कर देना उसे ये जिंदगी से कम नहीं सोच लो तुम ये ज़ुदा मतलब हमेशा के लिए लौट आना हर दफ़ा शर्मिंदगी से कम नहीं याद करने के तरीक़े तो बहुत ही हैं मगर, ये इबादत भी किसी