पागल - अनुराग शर्मा पुरुष : "तुम साथ होती हो तो शाम बहुत सुंदर हो जाती है।" स्त्री : "जब मैं ध्यान करती हूँ तो क्षण भर में उड़कर दूसरे लोकों में पहुँच जाती हूँ!" पुरुष : "इसे ध्यान नहीं ख्याली पुलाव कहूँगा मैं। आँखें बंद करते ही बेतुके सपने देखने लगती हो तुम।" स्त्री : "नहीं! मेरा विश्वास करो, साधना से सब कुछ संभव है। मुझे देखो, मैं यहाँ हूँ, तुम्हारे सामने। और इसी समय अपनी साधना के बल पर मैं