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एक मुद्दत से तो ठहरे हुए पानी में हूँ मैं - इमरान बदायुनी

एक मुद्दत से तो ठहरे हुए पानी में हूँ मैं एक मुद्दत से तो ठहरे हुए पानी में हूँ मैं और हद ये है कि कहना है रवानी में हूँ मैं ज़िंदगी जकड़े हुए थी मिरे अंदर मुझ को मौत के बअ'द लगा जैसे रवानी में हूँ...

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