तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है
तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है,
और तू है मेरे गांव को गँवार कहता है।
ऐ शहर मुझे तेरी सारी औक़ात पता है,
तू बच्ची को भी हुस्न ए बहार कहता है।
थक गया हर शख़्स...
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