धूप निकल आयी
पसारने लगी
पैर अपने इर्द गिर्द
घर में,
जगमगाने लगे
पेड़ पौधे अनेकों
जो खड़े थे
बुझे बुझे शाम से
खुले मैदान में
उत्साहित पंछी भी
स्वर साध
करने लगे
सैर गगन की |
घास प्रफुल्लित लहराने...
[यह पोस्ट का एक अंश मात्र है यदि आपको यह लेख या ग़ज़ल/कविता पसंद आई तो लिंक पर जाकर पूरी पोस्ट पढ़े Subscribe our youtube channel https://bit.ly/jakhirayoutube ]