जब मैं दुनिया के लिए बेच के घर आया था
उन दिनों भी मेरे हिस्से में सिफ़र आया था
लोग पीपल के दरख़्तों को ख़ुदा कहने लगे
मैं ज़रा धूप से बचने को इधर आया था
इत्तिफाक़ ऐसा के मैं घर से ना निकला वरना
ख़ून उस...
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