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हाय ! नहीं यह देखा जाता - शिव मंगल सिंह सुमन

हंत भूखा मानव बैठा गोबर से दाने बीन रहा है और झपट कुत्ते के मुँह से जूठी रोटी छीन रहा है सांस न बाहर भीतर जाती और कलेजा मुँह को आता हाय! नहीं यह देखा जाता देख रहा आँखों के आगे कितने जर्जर पीड़ित...

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