अब दिल है मक़ाम बेकसी का
यूँ घर न तबाह हो किसी का
रोना है अब उस हँसी खुशी का
मातम है बहारे ज़िन्दगी का
किस-किस को मजा है आशिकी का
तुम नाम तो लो भला किसी का
गुलशन में तेरे लबो ने गोया
रस चूस लिया...
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