Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

अब दिल है मक़ाम बेकसी का - दाग़ देहलवी

अब दिल है मक़ाम बेकसी का यूँ घर न तबाह हो किसी का रोना है अब उस हँसी खुशी का मातम है बहारे ज़िन्दगी का किस-किस को मजा है आशिकी का तुम नाम तो लो भला किसी का गुलशन में तेरे लबो ने गोया रस चूस लिया...

[यह पोस्ट का एक अंश मात्र है यदि आपको यह लेख या ग़ज़ल/कविता पसंद आई तो लिंक पर जाकर पूरी पोस्ट पढ़े Subscribe our youtube channel https://bit.ly/jakhirayoutube ]



This post first appeared on Jakhira Poetry Collection, please read the originial post: here

Share the post

अब दिल है मक़ाम बेकसी का - दाग़ देहलवी

×

Subscribe to Jakhira Poetry Collection

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×