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पत्ती को फूल, फूल को गजरा नहीं किया - अहमद कमाल परवाज़ी

पत्ती को फूल, फूल को गजरा नहीं किया ज़ालिम ने पुरे गाँव का दौरा नहीं किया गो ख़्वाब हूँ, न कोई सितमयाफ़्ता किसान पर इसके बाद भी कभी गुस्सा नहीं किया क़ल्लाश होने आये थे क़ल्लाश हो गये अच्छा नहीं...

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