चलो मनाएं शोक साथियों
आज हमारा शहर मर गया
मौसम उखड रहा है देखो
रुठी सी लगती पुरवाई
आँखों में काजल उदास है
हिचकी लेती है शहनाई
सपनो की चंचल साँसों में
जैसे कोई जहर भर गया
खाली नहीं दिखता कोई
लाश ढो...
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