नये साल का अभिनन्दन है
कितना देखो पुलकित मन है
माना थोड़ी गर्म हवा है
लेकिन ये खुशनुमा फ़िज़ा है
दुआ करें ये दिन जो जाए
नहीं कोरोना लौट के आये
पर ये जो हालात अभी है
अंत जो इसका है वो यही है
नहीं...
[यह पोस्ट का एक अंश मात्र है यदि आपको यह लेख या ग़ज़ल/कविता पसंद आई तो लिंक पर जाकर पूरी पोस्ट पढ़े Subscribe our youtube channel https://bit.ly/jakhirayoutube ]