पेड़ कटेंगे जंगल कम हो जाएंगे
आसमान से बादल कम हो जाएंगे
धीरे धीरे प्यार असर को खोएगा
मेरे जैसे पागल कम हो जाएंगे
दुश्मन घर के अंदर तक आ पहुंचा है
ये सोचा था मक़तल कम हो जाएंगे
अभी शरारत करने...
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