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मकानों के नगर में हम अगर कुछ घर बना लेते - नविन सी चतुर्वेदी

मकानों के नगर में हम अगर कुछ घर बना लेते तो अपनी बस्तियों को स्वर्ग से बढ़ कर बना लेते हमें अपने इलाक़ों से मोहब्बत हो नहीं पाई वगर्ना ज़िंदगी को और भी बेहतर बना लेते समय से लड़ रहे थे और लम्हे कर...

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