गणतंत्र दिवस के मौके पर आप सभी के लिए पेश है मखदूम मोहिउद्दीन साहब की नज़्म आज़ादी-ए-वतन
कहो हिन्दुस्तान की जय ... कहो हिन्दुस्तान की जय ...
कसम है खुन से सींचे हुए रंगी गुलिस्तां की
कसम है खूने दह्कां...
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