हम मेहनतकश मजदूरों से जब कोई लुक्मा छीनेगा
हो जितने ऊंचे आसन पर वो अपना ओहदा छीनेगा
वह जमा हुआ जो आसन है
जो सत्ता और सिंहासन है
जो केवल थोता भाषण है
जो रोके रस्ता शासन है
हम बढे चलेंगे दिल्ली तक...
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