याद उस को न कर बात बढ़ जायेगी
फूस बंगले में बरसात बढ़ जायेगी
एक दिन सब्ज़ मौसम गुजर जायेगा
ज़र्द फूलो की औकात बढ़ जायेगी
मेरी आँखों के तारे न टूटे अगर
चाँद घट जायेगा रात बढ़ जायेगी
अपने हिस्से की बत्ती...
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