जातक की कुंडली में विष योग शनि और चंद्रमा की युति के कारण बनता है। चंद्रमा के लग्न स्थान में एवं चन्द्रमा पर शनि की 3,7 अथवा 10वें घर से दृष्टि होने की स्थिति में इस योग का निर्माण होता है।
विष योग से होने वाली समस्याएं
जन्मकुंडली में इस योग के होने से जातक का मन दुखी रहता है, अपने निकट परिजन और सम्बन्धियों के पास होने क बावजूद आप अकेला महसूस करेंगे , निराशा रहने लगती है, उदासी घेर लेती है और मन कुंठित रहता है |
कुंडली में अगर विष योग बन रहा है तो जातक को मृत्यु, डर, दुख, अपयश, रोग, गरीबी और कर्ज झेलना पड़ता है। इस योग से ग्रस्त व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचार रहते हैं और उसके काम बनते-बनते बिगड़ने लगते हैं।
विष योग दूर करने के उपाय
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