मंच के सभी मित्रों को होली की शुभकामनायें........ "...आप ही ’आनन’ जी है? फ़ेसबुक पर आप ही "अल्लम-गल्लम’ लिखते रहते है तुकबन्दिया शायरी करते रहते है?"-आगन्तुक ने सीधा तीर मारा " जी आप कौन ?"-मैने प्रश्नवाचक मुद्रा में पूछा "अरे ! आप ने मुझे नहीं पहचाना? मैं कवि ’फ़लाना’ सिंह ..बहुत दिनों से आप फ़ेसबुक पर दिखाई नहीं दिए तो सोचा आप के दर्शन कर अपना जीवन सँवार लूँ।" अकारण स्तुति वाचन से ,मैं
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