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खंडकाव्य किसे कहते हैं | महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर

Important Questions 

● खंडकाव्य किसे कहते हैं | खंडकाव्य
● खंडकाव्य के उदाहरण | दो खंडकाव्य के नाम | खंडकाव्य के नाम
● कोई दो खंडकाव्य और उनके रचनाकारों के नाम लिखिए
● महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर



● खंडकाव्य किसे कहते हैं | खंडकाव्य

खंडकाव्य को एक प्रकार का काव्यात्मक ग्रंथ कहा जा सकता है जो किसी विषय या किसी इतिहास की कहानी को संक्षेप में बताता है। खंडकाव्य का शब्द "खंड" अर्थात् "टुकड़ा" या "अंश" को दर्शाता है, और "काव्य" का अर्थ होता है "कविता" या "गद्यात्मक रूप से लिखी गई साहित्यिक रचना"। खंडकाव्य एक पौराणिक या ऐतिहासिक कथा को विभाजित करके उसे संक्षेप में बताने की कोशिश करता है। इसमें शब्दों की चयनित संख्या, छंद, और कवित्वीय तत्व होते हैं।
खंडकाव्य का उदाहरण देने के लिए, भारतीय साहित्य में "रामायण" और "महाभारत" खंडकाव्य की प्रमुख उदाहरण हैं। इनमें विशाल कथा को छंदों में बंटकर छोटे-छोटे अध्यायों या खंडों में व्यवस्थित किया गया है। इसके अलावा, अन्य खंडकाव्य उदाहरण हिंदी साहित्य में विद्यमान हैं, जैसे "काव्यांश खंडकाव्य", "प्रथम काव्य खंडकाव्य" आदि।
खंडकाव्य एक महत्वपूर्ण साहित्य है।

● खंडकाव्य के उदाहरण | दो खंडकाव्य के नाम | खंडकाव्य के नाम

बुद्धचरित: बुद्धचरित रचना आदि कवि आश्वघोष द्वारा लिखा गया है। यह खंडकाव्य बुद्ध के जीवन और महात्मा बुद्ध के बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को संक्षेप में वर्णित करता है।

रामधरिती: रामधरिती रचना शिवराज द्वारा लिखी गई है। इस खंडकाव्य में भगवान राम की जीवन कथा और रामराज्य के सिद्धांतों को व्यंग्यपूर्ण ढंग से बताया गया है।

रामायण: वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण भारतीय साहित्य का प्रमुख खंडकाव्य है। इसमें भगवान राम की जीवन कथा को छंदों में बंटकर बताया गया है। यह काव्य 7 काण्डों में विभाजित है और बहुत सारे छोटे-छोटे खंडों (सर्ग) में संरचित है।

महाभारत: व्यास महर्षि द्वारा लिखित महाभारत भी एक महान खंडकाव्य है। इसमें महाभारतीय युद्ध, पांडवों और कौरवों के विवाद, और भगवान कृष्ण के उपदेशों का वर्णन है। यह भारतीय साहित्य का सबसे बड़ा खंडकाव्य है और 18 पर्वों में विभाजित है।

काव्यांश: खंडकाव्य का एक उपन्यासिक उदाहरण है, जिसे मुक्तिबोध द्वारा रचित किया गया है। इसमें एक राजा की कहानी व्यंग्यपूर्ण ढंग से बताई गई है। यह कथा बहुत सारे छोटे-छोटे अध्यायों (खंड) में विभाजित है।

● कोई दो खंडकाव्य और उनके रचनाकारों के नाम लिखिए

कुमारसम्भव: कालिदास द्वारा रचित "कुमारसम्भव" एक प्रसिद्ध खंडकाव्य है। इस काव्य में हिमालय पर्वती और उसके पति हिमवान की संतान, स्कन्द यानी कार्तिकेय के जन्म की कथा का वर्णन है।

कर्णकुंभ: भवभूति द्वारा रचित "कर्णकुंभ" भी एक प्रसिद्ध खंडकाव्य है। इस काव्य में महाभारत के मुख्य पात्र कर्ण की कथा का वर्णन है। यह काव्य कर्ण के जीवन, उसके प्रतिबंधित बचपन से लेकर उसकी मृत्यु तक की यात्रा को दर्शाता है।

मेघदूत: कालिदास द्वारा रचित "मेघदूत" एक प्रसिद्ध खंडकाव्य है। इस काव्य में एक बादल मेघदूत के माध्यम से अपनी पत्नी को दूरस्थ स्थान पर भेजने की प्रार्थना करता है।

विक्रमोर्वशीयम्: कालिदास के द्वारा रचित "विक्रमोर्वशीयम्" भी एक प्रसिद्ध खंडकाव्य है। इस काव्य में राजा विक्रमादित्य की प्रेम कहानी और उर्वशी के साथ उसके प्रेम सम्बंध का वर्णन है।

कुंतलम्: कालिदास के द्वारा रचित "कुंतलम्" भी एक प्रसिद्ध खंडकाव्य है। इस काव्य में कुंतीपुत्र कर्ण और राजकुमारी कुंतला की प्रेम कहानी और उनके परस्पर विचारों का वर्णन है।

भैरवावतार: रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित "भैरवावतार" एक प्रसिद्ध खंडकाव्य है। इस काव्य में भगवान शिव के भैरव रूप के आवतार की कथा का वर्णन है।

● महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर

महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर पढे।
महाकाव्य | हिंदी का प्रथम महाकाव्य | महाकाव्य में कितने सर्ग होते हैं? | Mahakavya



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खंडकाव्य किसे कहते हैं | महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर

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