श्री कृष्ण जन्माष्टमी की सभी को बहुत बहुत बधाई …
सकल जगत अपना हुआ, जीत न कोई हार
कान्हा जी से जुड़ गए, अंतर्मन के तार
कान्हा जी ऐसा करो, भीगे मन इस बार
शरण तुम्हारी पा सकूँ, भव-सागर हो पार
प्रेम, समर्पण, शक्ति, धन, राधा के अधिकार
दौड़े दौड़े आ गए, कान्हा जिनके द्वार
पृथ्वी, जल-वायू, गगन, अग्नि तत्व शरीर
सुख-दुःख, माया, मोह, जग, हर बंधन में पीर
बने द्वारिकाधीश जो, रहे जगत को पाल
सखा-सखी मन जा बसे, खुद हर-हर गोपाल
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