आपका गम आपकी रुस्वाइयाँ ले जाऊँगा.
देखते ही देखते परछाइयाँ ले जाऊंगा .
आपने मुझको कभी माना नहीं अपना मगर,
ज़िन्दगी से आपकी कठिनाइयाँ ले जाऊँगा.
हाथ सेछू कर कभी महसूस तो कर लो हमें,
आपके सरकी कसम तन्हाइयाँ ले जाऊँगा.
आपकी महफ़िल में आकर आपके पहलू सेमें,
शोख नज़रों सेसभी अमराइयाँ ले जाऊँगा.
प्रेम कीबगिया कभी खिलने नहीं देते हें जो,
वक़्त केपन्नों से वो सच्चाइयाँ ले जाऊँगा.
साहिलों पे डर न जाना देख कर लहरों को तुम,
नाचती लहरों से मैं ऊँचाइयाँ ले जाऊँगा.
This post first appeared on सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ मेरे ..., please read the originial post: here