Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

एक अनोखी प्रेम कहानी - Ek Ladka, Ek Ladki / एक लड़का, एक लड़की / A Boy, A Girl

एक अनोखी प्रेम कहानी  - Ek Ladka, Ek Ladki / एक लड़का, एक लड़की / A Boy, A Girl


एक अनोखी प्रेम कहानी  - Ek Ladka, Ek Ladki / एक लड़का, एक लड़की / A Boy, A Girl


एक तरफ तो दोनों जमींदारो में दुश्मनी बढती जा रही थी, वही दूसरी ओर सुरभि शुक्ला और वैदेही सिंह कि दोस्ती भी गहरी होती जा रही थी| सुरभि वैसे तो अकेले ही कॉलेज जाया करती थी लेकिन कभी-कभी सूरज उसको छोड़ने जाता था| एक दिन जब सुरभि कॉलेज जाने को तैयार थी, तभी पीछे से सुरज ने कहा - "रुको सुरभि ! मै तुम्हारे कॉलेज कि ओर ही जा रहा हूँ तुम्हे छोड़ दूंगा| " 
अभी उसकी बात पूरी भी नहीं हुई थी कि उनकी माँ सुषमा देवी बोल पड़ी - "पहले खाना खा लो उसके बाद जाओ|"
दोनों एक साथ बोल पड़े - "रास्ते में कुछ खा लेंगे|"

और दोनों निकल पड़े दोनों कॉलेज कि ओर ...

सूरज ने सुरभि को कॉलेज के गेट पर छोड़ दिया और फिर कही चला गया, लेकिन थोड़ी दूर जाने पर उसे याद आया - " मै अपना मोबाइल तो सुरभि के पास ही छोड़ आया|" 

और वो मोबाइल वापस लेने कॉलेज कि ओर लौटा, और सुरभि को ढूढते हुए लाइब्रेरी पँहुच गया, तो देखा कि सुरभि किसी के साथ बैठ कर पढाई कर रही थी, लेकिन जैसे ही सुरभि ने सूरज तो वो डर गयी, और वहां से उठकर तुरंत ही लाइब्रेरी से बाहर आ गयी लेकिन सूरज को समझ में आ गया कि सबकुछ ठीक नहीं है, क्योकि सुरभि और सूरज एक दुसरे को अच्छे से समझते थे| जब उसने सुरभि से पूंछा - "क्या हुआ ? बाहर क्यों आ गयी ? और वो लड़की कौन थी जो तुम्हारे साथ बैठी थी?"

सुरभि बोळी - "कुछ नहीं ! वो मेरी दोस्त है|"

और फिर वो मोबाइल देकर चली गयी लेकिन सुरज लगा कि कुछ गड़बड़ है और उसने उस लड़की के बारे में पता लगाया तो पूरी सच्चाई सामने आ गयी| 

वो तुरंत वापस कॉलेज आया| और सुरभि और वैदेही को बुलाकर दोनों को समझाते हुए कहा - "तुम दोनों एक साथ क्या कर रही हो, क्या तुम दोनों को नहीं पता कि हमारे परिवारों के बिच में कितनी दुश्मनी दुश्मनी है? और हमारे बापों को पता चल गया तो दोनों एक दुसरे के खून के प्यासे हो जायेंगे|" 

तो दोनों बोल पड़ी - "हमारी दोस्ती तो ऐसे सौ दुश्मनी पर भारी है|" दोनों बेहद जिंदादिल थे| दोनों को अपने बापों के रसूख और अकड़ से कोई मतलब नहीं था|"

और फिर तीनो मुस्कुराने लगे, और तीनो ने कैंटीन में बैठकर चाय पीया और ढेर सारी बात किया, और फिर घर चले गए| 

वैदेही और सुरज कि वही पहली मुलाकात थी, और दोनों ने पहली नजर में ही दोनों एक दुसरे को पसंद करने लगे|
सूरज को वैदेही का बिंदास अंदाज और खुले विचारो से और वैदेही को सूरज के सुलझे हुए होने के कारण प्रेम हो गया| 

और इस तरह एक दुसरे के खून के प्यासे परिवार एक दुसरे के करीब आते चले गए| और दो जवां दिल एक दुसरे के करीब आ गए और प्रेम परवान चढ़ता गया .....

Ek Anokhi Prem Kahani / एक अनोखी प्रेम कहानी / An Extraordinary Love Story

जारी है ....


ऋषभ शुक्ला

मेरे मन की / Mere Man Kee


आप मेरी कविताओं को अगर पढ़ना चाहे तो नीचे लिंक पर जाकर मेरे ब्लॉग पर पढ़ सकते हैं|
हिन्दी कविता मंच - https://hindikavitamanch.blogspot.com/

मेरी कहानियों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें|
मेरे मन की - https://meremankee.blogspot.com/

मेरे यात्रा से संबंधित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें|
घुमक्कड़ी दिल से - https://theshuklajee.blogspot.com/

फेसबुक - @theshuklaji और @theshuklajee
इंस्टाग्राम - @theshuklajii और @theshuklajee
ट्विटर - @theshuklajee
यूट्यूब - मेरे मन की (https://www.youtube.com/channel/UCFn0pfMCIpirmfnbIZUnTcw)
संपर्क करें - [email protected]

आपका ब्लॉग पर आने के लिए आभार, हमारे मार्गदर्शन हेतु पुनः पधारें | क्योकी आपके आगमन से ही हमारे लेखन में उत्साह की वृद्धी होती है | धन्यवाद |



This post first appeared on Mere Man Kee, please read the originial post: here

Share the post

एक अनोखी प्रेम कहानी - Ek Ladka, Ek Ladki / एक लड़का, एक लड़की / A Boy, A Girl

×

Subscribe to Mere Man Kee

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×