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पास आइये

आ रही है हमें आपकी याद
हम पर कुछ रहम दिखाइए...
सारा जीवन न सही
कुछ पलों के लिए पास आइये..
जागे हैं बहुत दिनों के
फेरकर हमारे वालों में अपनी उंगलिया
हमें गहरी नींद में सुलाइये...
आ रही है हमें आपकी याद
हम पर कुछ रहम दिखाइए...
कितने हम सही
कितने हम गलत
हमें हमारी याद तो दिलाइये
बैठेंगे साथ में
करेंगे कुछ बातें,
थाम के तुम्हारी हथेली
याद करेंगे पुरानी मुलाकातें...
होंठ से होंठ न सही
कम से कम नज़र तो मिलाइए...
आ रही है हमें आपकी याद
हम पर कुछ रहम दिखाइए...
सारा जीवन न सही
कुछ पलों के लिए पास आइये..




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