क्याहमारेकर्महमारेव्यक्तित्व कानिर्धारण करतेहै ? ये तोमुझेनहींपता, परइतनाजरूरजानतीहूँकिहमजैसाकर्मकरतेहैहमारी पहचान भीवैसीहीबनतीचलीजातीहै।हमारेबुजुर्गों नेयेबाततो16 आनेसहीकहीहैकिव्यक्ति केवलदोतरहकेकार्यों कोकरकेहीज्यादानामकामसकताहैयातोउसके कर्म बहुतअच्छेहोंयाफिरबहुतहीबुरे।अबतोहमेंखुदसेहीनिर्णयलेनाहैकिहम किस पंक्तिमेंखड़ेहोनाचाहतेहैं।हमजब भी कोईकार्य करते हैतोपहलाप्रश्नउठताहैकियेकिसकाबेटा/बेटीहै और कौनइनकेमातापिताहोंगे।जबभीहमकिसीकेप्रतिगलतव्यवहारों कोअपनातेहैतोप्रश्नहमारेमाता- पिताकेसंस्कारों परउठताहैऔरलोगयेसोचनेकेलिएमजबूरहोजातेहैउनकेमातापिताभीइसीप्रवृति केहोंगे, जिससेउनकाबच्चाऐसाहै।
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सभीमाता-पिताअपनेबच्चेकोवोसुख-सुविधाएं और अच्छे संस्कार देनाचाहतेहैंजिनकोवो खुद भीअपने बचपन मेंनहींपासके।जितनाउनकेसामर्थ्य मेंहोताहै, जितनाअच्छाजीवन वो देसकतेहै, वोउसे अपने बच्चेकोदेनेकीकोशिशकरतेहै।तोहमाराभीयेफर्जबनताहैकिअपनेजन्मदाता केनजरोंकोकभीझुकनेनादें।हमाराकर्मऐसाहोकिसभीहमारेमातापिताकेदिएसंस्कारो परगर्वकरेंऔरहमारेव्यक्तित्व सेप्रेरणा लें।हमारेमातापिताभीहरजन्ममेंहमेंअपनेऔलादकेरूपमेंदेखनाचाहें।
दुनियाँ मेंएकबच्चेकेलिएअपनेपितासेधनीऔरमाँसेभलाचाहनेवालाकोईशख्सनहींहोता।सबनजरियेकाफर्कहै।कभी-कभीहमेंलगताहैकिहमारेपिताहमेंप्यारनहींकरते, हमेंहमेंआयेदिनकुछन कुछ सुनाते रहतेहै।परपिताकेडांटमेंउनकेजीवनमेंमुश्किल हालातमेंसामनाकरनेकातजुर्बा छिपाहोताहैजिनकोहमेंबससमझनेकीजरुरतहैऔरमाँकीगोददुनियाकीजन्नतसेकमनहींहोतीहैजहाँसररखतेहीसारे दुःख -दर्दछूमंतरहोजातेहै।येप्यारकाऐसानजरानाहै ,जो हमेंउसईश्वरकी ऒर सेबिन मांगे मिलताहै।
जोअपनाप्रेमऔरअपनापनहमारेऊपरअपनेआखिरीसाँसतकन्योछावर करते हैं, उनकेनिःस्वार्थ समर्पण हमें यहीसीखदेजातेहैंकियदिजीवनमेंकिसीकीजिम्मेदारी मिलेतोउसपर अपनी आखिरीसाँसतकसमर्पित होनाचाहिए।मातापिता द्वारा मिलीशिक्षाहमबड़े-बड़ेविद्यालयों से भी नहींप्राप्त कर सकतेहैं।यहीवजहहैकिजबहमखुद माता -पिताबनतेहैंतोअपनेबच्चेपरखुदकोभीसमर्पित करदेनाचाहतेहैं।सचहैकिहमारेमाता-पिताजितनाकुछ हमारे लिएकादेतेहै, उतनातोहमखुदभीअपनेलिएकभीनहींकरपतेहै।आजहमसभीसफलऔरसक्सेसफुल व्यक्ति बनना चाहते हैंपरक्यायही सक्सेस औरसफलता हैं ? जो व्
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